चाकसू - सत्यनारायण चांदा
स्थानीय विधायक सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया जायजा
चाकसू में पहली बारिश में खुल गई नगर पालिका व्यवस्थाओं की पोल
पालिका ने नही किये आपदा प्रबंधन के इंतजाम आपदा के टेंडर सिर्फ कागजों में आये नजर
नाव की जगह लोहे की कड़ाई में बिठाकर बच्चो को कराया रोड़ पार
दूसरों को बचाने वाले खुद पालिका परिसर को भी नहीं बचा सके जल भराव से
क्षेत्र में मानसून की पहली बारिश ने पालिका क्षेत्र में व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। चाकसू कस्बे के अधिकतर बड़े नालों की नगरपालिका ने बरसात के पूर्व सफाई का दावा किया था। लेकिन बारिश आते ही वह जाम हो गए और सड़कों पर पानी ही पानी फेल गया। वहीं सिर्फ बड़े नालो की सफाई सिर्फ कागजों में नजर आई। लगातार इलाके से मिल रही तस्वीरें देखकर तमाम पालिका तंत्र की व्यवस्थाओं के दावों की हकीकत शुक्रवार को बारिश आते ही खुल गई। बीती रात्रि से क्षेत्र हो रही झमाझम बारिश से जल निकास की व्यवस्था की पोल खुल गई। जलजमाव व कीचड़ से शहर की कई सड़कें नरक में तब्दील हो गई हैं। नीलकण्ठ रोड़ की ये तस्वीर जहां स्कूल के बच्चों को बारिश के दौरान लोहे की कढ़ाई में बिठाकर वाहन तक लोगों ने पहुंचाया। इलाके की कॉलोनियों बस्ती की सडकों पर जल जमाव हो गया है। जिसके बाद लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। कई जगह नाले की सफाई नहीं होने से जल निकासी का मार्ग बंद है। तहसीलदार अनिल चौधरी के अनुसार चाकसू कस्बे में 170 मिमी से अधिक बारिश दर्ज हुई है। वहीं अभी लगातार क्षेत्र में झमाझम बारिश का दौर जारी है। चाकसू विधानसभा क्षेत्र में बारिश से लोगों के घरों में पानी घुस आया। सम्पर्क सड़कों पर भी पानी भरने से यातायात बाधित रहा और लोग परेशान नजर आ रहे हैं। इलाके में एसडीआरएफ की टीम बारिश से होने वाली गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं प्रशासन भी अलर्ट होने का दावा कर रहा है। बारिश के चलते बिजली व्यवस्था ठप है, जिससे भी लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भारी बरसात के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है । उपखण्ड अधिकारी ओपी साहरण , तहसीलदार अनिल चौधरी , विकास अधिकारी बजेंद्र गोयल , क्षेत्र में निगरानी बनाये रखे हुए है । मोहल्ला क़रारखानी , खटीक बस्ती , तिवाड़ी कालोनी , बागरिया कालोनी , नई तोड़ की ढाणी , दरगाह , वसुंधरा , वार्ड 19 सहित कई मोहल्ले पानी से भर गए और घरो में पानी घुस गया। लोगों ने अपने स्तर पर बचाव शुरू कर दिया , वही 24 घण्टे से बिजली गुल है । जनता में त्राही -त्राही मच गई है गौर करने वाली बात यह है कि प्राकृतिक आपदा के समय दूसरों को बचाने वाली नगर पालिका खुद को भी जलभराव से नहीं बचा सकी ऐसे में आमजन ऐसे अधिकारियों से क्या उम्मीद लगाएं।
शिकायत के बाद भी नहीं की नगर पालिका ने नालों की सफाई
खाद बीज की दुकान करने वाले स्थानीय दुकानदार रहीश खान सहित अन्य दुकानदारों ने बताया कि सामने से गुजर रहे नाले की सफाई के लिए कई बार नगर पालिका ईओ को अवगत कराया लेकिन नगर पालिका ने कोई ध्यान नही जिससे हमारी दुकानों में पानी भर गया अगर समय पर सफाई हो जाती तो आज ये दिन नही देखना पड़ता
पालिका ने नहीं किये आपदा प्रबंधन के इंतजाम आपदा के टेंडर सिर्फ कागजों में आये नजर
राज्य सरकार ने जिला कलेक्टर के माध्यम से सभी नगरपालिकाओं को आपदा प्रबंधन के इंतजाम के निर्देश दिए थे लेकिन यहां की नगरपालिका ने जिला कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कोई भी आपदा के इंतजाम किए हैं। यहां पर न तो बस्तियों में पानी को रोकने के लिए मिट्टी से भरे कट्टे है ना ही पानी निकालने के लिए कोई साधन की व्यवस्था की है, ना कंट्रोल रूम बनाया गया। सरकारी स्तर पर लोगों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हुए है । जानकारी के अनुसार नगर पालिका ईओ द्वारा आपदा से निपटने के लिए नाव, पम्प, कट्टे आदि के टेंडर किये गए थे लेकिन ये आपदा के लिए कराये गए टेंडर मात्र कागजों में सिमट कर रह गए है। ना तो कहीं नावें नजर आई ना कोई अन्य कोई सामग्री आसपास क्षेत्र के तालाब , तेलिया व डकाव की चादर चल गई।