‘एम्स के जिन सुधीर गुप्ता ने सुशांत की मौत को सुसाइड बताया है, उन्होंने ही मुझे ओरली कहा था कि, सुशांत के गले में जो निशान हैं, वो स्ट्रैंग्युलेशन (गला घोंटना) का निशान है, हैंगिंग का नहीं। बाद में गुप्ता ने ही इसे सुसाइड बता दिया। मैं तो अब भी यही पूछ रहा हूं कि, जहां सुशांत लटका मिला, उसके बाजू में बेड था। वो स्ट्रगल करता तो बेड पर चला जाता। जब लटक रहा था तो बेड उसकी बॉडी से टच कर रहा था। ऐसे में वो मर कैसे सकता है।’
यह सवाल सुशांत सिंह के परिवार की तरफ से केस लड़ रहे वकील विकास सिंह ने भास्कर से हुई बातचीत में उठाए हैं।
सुशांत की मौत को 2 साल हो चुके हैं। देश की तीन बड़ी एजेंसी CBI, NCB और ED इस केस में इन्वॉल्व हैं, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर है।
CBI ने इस केस में 6 अगस्त 2020 को केस रजिस्टर किया था। तब से अभी तक उसे जांच करते हुए 677 दिन हो चुके हैं, लेकिन एजेंसी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
जबकि, इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी ने चार सीनियर अफसर गुजरात कैडर के 1994 बैच के IPS मनोज शशिधर, 2004 गुजरात कैडर की IPS गगनदीप गंभीर, 2007 बैच की IPS नुपुर प्रसाद और CBI में SP अनिल यादव को लगा रखा है। CBI के PRO ने भास्कर को ये भी कंफर्म किया कि, टीम में कोई बदलाव नहीं हुआ।
ऐसे में भास्कर इस केस से जुड़े अहम लोगों तक पहुंचा और उनसे जाना कि, इस मामले को अब वे कैसे देख रहे हैं। हमने बीते दो सालों की टाइमलाइन भी तैयार की है। पढ़िए और देखिए ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
सबसे पहले इस केस की टाइमलाइन देखिए, बीते दो सालों में इसमें कब-क्या हुआ…
सुशांत के पिता से लेकर सबसे पहले पहुंचने वाले इंस्पेक्टर से तक भास्कर ने की बात
पहले जानिए किस एजेंसी की जांच कहां तक पहुंची
CBI
सुशांत डेथ केस में CBI ने आज तक न ही एक भी गिरफ्तारी की है और न ही कोई चार्जशीट फाइल की है। हालांकि CBI ने इस मामले में रिया समेत 6 लोगों पर केस जरूर दर्ज किया था, लेकिन बीते करीब डेढ़ साल में उसके हाथ में कोई भी पुख्ता सबूत नहीं लगा है।
जबकि CBI की टीम रिया के परिवार से घंटो पूछताछ कर चुकी है। सुशांत के स्टाफ और परिवार से भी लंबी पूछताछ हुई। सुशांत के घर पर पूरे क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया। कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और मुंबई पुलिस के उन अधिकारियों से भी सवाल-जवाब हुए, जो सबसे पहले पहुंचे थे।
नवंबर 2021 में CBI ने US से भी मदद मांगी थी। CBI सुशांत सिंह के ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स से डिलीट किए गए डाटा को देखना चाहती है। शायद इससे कोई लिंक मिले। ये डाटा CBI को मिला या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
हमने CBI के PRO से इस बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि, जांच जारी है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकते। वहीं इस मामले में RTI के जरिए भी CBI से जानकारी मांगी गई थी, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया था, लेकिन फाइल क्लोज नहीं हुई है, जांच अभी चल रही है।
हालांकि, CBI के सीनियर ऑफिसर ने भास्कर को कंफर्म किया कि, यह सुसाइड ही है। हम बस ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि, उसने ऐसा कदम किन परिस्थितियों के चलते उठाया।
NCB
सुशांत से जुड़े मामले में जितनी भी गिरफ्तारियां हुईं, वो NCB ने ही की हैं। NCB के मुंबई जोन के हेड रहे और सुशांत से जुड़े पूरे मामले की जांच करने वाले समीर वानखेड़े का कहना है कि, सुशांत डेथ केस के मामले में हमने करीब 30-31 लोगों को आरोपी बनाया।
इस केस में कुल साढ़े आठ किलो ड्रग्स बरामद हुआ था। ये पूरी गैंग थी, और सभी कहीं न कहीं सुशांत डेथ केस से रिलेटेड थे। हमने पैडलर से लेकर सप्लायर तक को अरेस्ट किया। अब आगे की कार्रवाई ज्यूडिशियरी पर है। सिद्धार्थ पिठानी सहित कई लोग अब भी ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।
वहीं सिद्धार्थ पिठानी का केस लड़ रहे सीनियर लॉयर तारक सैयद ने कहा कि, NCB ने बेवजह हर केस को सुशांत की मौत से जोड़ दिया गया, जबकि ग्राउंड रिएलिटी कुछ और है।
सुशांत के केस का नेचर बदलने के लिए पूरा ड्रामा किया गया। रिया और शौविक को जमानत मिल चुकी है। सिद्धार्थ को भी जल्दी मिल जाएगी।
आर्यन खान का सच अब सबके सामने है। उस मामले में भी बेवजह बखेड़ा खड़ा किया गया। सुशांत का सच CBI भी जानती है कि, ये स्पष्ट तौर पर सुसाइड का मामला है।
ED
सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में जो FIR दर्ज करवाई थी, उसी आधार पर ED ने सुशांत के मर्डर के मामले में रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस रजिस्टर किया था। ED ने रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ खास नहीं निकला।
लेकिन ED जो जांच के दौरान ड्रग्स कनेक्शन का पता चला था इसलिए उसने ही NCB से इस जांच में शामिल होने की रिक्वेस्ट की थी। सुशांत के पिता ने आरोप लगाया था कि, रिया ने सुशांत के अकाउंट से 15 करोड़ रुपए का गबन किया है। इस मामले में ED को कुछ नहीं मिला।
सॉरी मैं बात नहीं कर सकता…
इस मामले में हमने सबसे पहले मुंबई पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर भूषण बेलनेकर से बात की, क्योंकि यही वो शख्स हैं, जो 14 जून को अपनी टीम के साथ सबसे पहले सुशांत के फ्लैट पर पहुंचे थे।
अगस्त 2020 में CBI ने भी बेलनेकर को पूछताछ के लिए तलब किया था। हमारे फोन लगाने पर उन्होंने ये जवाब दिया।
भूषण बेलनेकर : सॉरी कहीं बैठा हूं, बात नहीं कर सकता…
सुशांत केस के बारे में कोई बात नहीं कर सकता…।
मुंबई पुलिस ने प्रोफेशनल जांच नहीं की, इसलिए हमें शक है
सुशांत सिंह की मौत के समय बिहार के DGP रहे गुप्तेश्वर पांडे का कहना है कि, CBI की जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। अनुमान लगाना सही नहीं है।
वे कहते हैं, 2020 में मुंबई पुलिस ने हमें जांच करने से रोका। हमारे अफसर को बेवजह कैद किया। इसलिए पूरे देश को शक हुआ कि, दाल में जरूर कुछ काला है। फेयर इंवेस्टिगेशन नहीं हो रहा है। इसलिए मामला CBI के पास गया। अब जांच पूरी होने का इंतजार कीजिए।
बहनोई ने सुशांत का नाम सुनते ही फोन काटा
सीनियर IPS ऑफिसर और सुशांत सिंह के बहनोई ओपी सिंह ने हमारा सवाल सुनते ही फोन काट दिया। 14 जून को सुशांत की डेथ के बाद 15 जून को सबसे पहले ओपी सिंह ने ही पूरे मामले की जांच की मांग की थी।
चार्जशीट फाइल होगी तो देखेंगे क्या होता है
सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि, ‘मामला कहां अटका है, पता नहीं। जांच CBI के पास है, वही बता सकते हैं। हम लोगों से 2020 में दिल्ली में ही बात हुई थी। उसके बाद से कोई बात नहीं हुई। एजेंसी ने हमसे संपर्क भी नहीं किया। जब वे चार्जशीट फाइल करेंगे तो देखेंगे क्या होता है।’
सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह का कहना है कि, परिवार का अब भी वही स्टैंड है, जो दो साल पहले था। हमें लगता है कि सुशांत का मर्डर हुआ है। परिवार उम्मीद में है कि, इस मामले में जरूर कोई न कोई सुराग एजेंसी को मिलेगा।
वहीं एम्स के डॉ सुधीर गुप्ता ने CBI जांच चलने की बात कहकर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। हालांकि, गुप्ता पहले ही आधिकारिक बयान दे चुके हैं कि यह मर्डर नहीं सुसाइड ही है।