ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा मंगलवार दोपहर में शुरू होगी। इसके पहले सुबह मंगला आरती हुई, खिचड़ी का भोग लगाया गया। फिर रथों की पूजा हुई। रथ यात्रा में बलभद्र, बहन सुभद्रा और जगन्नाथ भगवान को रथ में बैठाया जाता है। भक्त रथ को बारी-बारी से खींचते हैं।
सबसे पहले बलभद्र को मंदिर से बाहर लाया गया और रथ में बैठाया गया। अब सुभद्रा को मंदिर से बाहर लाने की तैयारी चल रही। इसके बाद भगवान जगन्नाथ को मंदिर से बाहर रथ में बैठाया जाएगा। इस पूरे विधान में दोपहर तक का समय लगेगा।
यह रथ यात्रा मंदिर से तकरीबन ढाई से तीन किमी दूर गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जो कि उनकी मौसी का घर माना जाता है। इस रथ यात्रा में तकरीबन 25 लाख लोगों के आने की संभावना है। इसे गुंडिचा यात्रा भी कहते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के जगन्नाथ मंदिर में पूजा की। आज उनका 65वां जन्मदिन भी है।
पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के पहले की तस्वीरें...
इन रथ पर बैठकर बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी।
रथ पर लगे पहियों को कलाकृतियों से सजाया गया है। पहियों में लगी रस्सी से रथ खींचा जाएगा।
जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत से पहले पुरी के मंदिर परिसर में डांस प्रस्तुति करते हुए कलाकार।
कलाकारों ने पुरी में पूजा भी की और भजन भी गाए।
विदेश से आए लोगों ने भी पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा में हिस्सा लिया।
पुरी में मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अहमदाबाद में देश की दूसरी सबसे बड़ी जगन्नाथ रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंगलवार को देशभर में निकाली जा रही है। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा अहमदाबाद के जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में होती है। गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में परिवार समेत मंगला आरती की।
अहमदाबाद में रथयात्रा सुबह 7 बजे शुरू हो गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। इससे पहले सुबह 4.30 बजे भगवान को खिचड़ा हुआ। 6.30 बजे भगवान की तीनों मूर्तियों को रथ में विराजमान किया गया।
अब देखिए अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा की तस्वीरें...
भगवान जगन्नाथ मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला आरती हुई। अमित शाह भी परिवार सहित शामिल हुए।
सुबह 6.30 बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथ में बैठाया गया।
सुबह सात बजे जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हुई। मंदिर परिसर का एरियल व्यू।
अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर का एरियल व्यू। मंदिर परिसर में सुबह से पूजा जारी है।
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन करने के लिए भक्त काफी संख्या में पहुंचे।
रथ यात्रा में PM मोदी का अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की एक झांकी बनाई गई।
स्वागत के लिए मुस्लिम समुदाय भी शामिल
अहमदाबाद में भगवान के स्वागत के लिए कई मंडल जगह-जगह मौजूद हैं। इनमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हैं। भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ का भव्य रथ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। सजे-धजे हाथी-घोड़ों के अलावा ऊंटों का एक काफिला भी इसमें शामिल है। ट्रकों में सवार बच्चों से लेकर बड़ों तक में उत्साह है।
थोड़ी देर में और विशाल हो जाएगी रथयात्रा
भगवान के रथ जमालपुर मंच से चलकर निगम पहुंच गए हैं। रथयात्रा में धीरे-धीरे कई मंडलियों के ट्रक शामिल होते जा रहे हैं। वहीं, कई ट्रकों के विशाल जत्थे सरसपुर मंदिर से निकलने वाले हैं। रथयात्रा में इनके जुड़ने से रथयात्रा और विशाल हो जाएगी। ये सभी मंडलियां रथयात्रा में पीछे से जुडेंगी।
यह फोटो पुरी के जगन्नाथ मंदिर की है। सोमवार देर रात मंदिर को सजाया गया।
पुरी में सोमवार को जगन्नाथ मंदिर के बाहर तीनों रथों की सजावट को अंतिम रूप दिया गया।
सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ
परंपरा के चलते सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ रहता है। यह तकरीबन 45 फीट ऊंचा और लाल और हरे रंग का होता है। इसमें 14 पहिए लगे होते हैं। इसका नाम 'तालध्वज' है। इसके पीछे 'देवदलन' नाम का करीब 44 फीट ऊंचा लाल और काले रंग का सुभद्रा का रथ होता है। इसमें 12 चक्के होते हैं। आखिरी में भगवान जगन्नाथ का रथ होगा। इसका नाम 'नंदीघोष' है, जो कि पीले रंग का लगभग 45 फीट ऊंचा होता है। इनके रथ में 16 पहिए होते हैं। इसे सजाने में लगभग 1100 मीटर कपड़ा लगता है।
28 जून को मंदिर लौटेंगे भगवान
आज शाम तकरीबन 6 बजे तक भगवान जगन्नाथ के गुंडिचा मंदिर पहुंचने की संभावना है। वहां भगवान अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 7 दिन तक रुकेंगे। इसके बाद पंचांग के मुताबिक आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को, यानी 28 जून को वापस मंदिर लौटेंगे। मंदिर लौटने वाली इस यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।
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पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। रात 10:04 बजे जगन्नाथ जी, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। अगले दिन रात 7.09 बजे वे अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाएंगे और 9 दिनों तक वहीं रुकेंगे। इसके बाद वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आएंगे। पढ़ें पूरी खबर...
पुरी-अहमदाबाद के बाद तीसरी सबसे बड़ी रथयात्रा इंदौर की
शहर के छत्रीबाग क्षेत्र में रहवासियों का उत्साह कुछ दिनों से चरम पर है। यहां भगवान वेंकटेश मंगलवार शाम को उन्हें दर्शन देने निकलेंगे। चारधाम में से एक पुरी के भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा के दिन ही यह यात्रा भी 75 वर्षों से निकाली जा रही है। पहली यात्रा जानकीनाथ मंदिर गौराकुंड से निकली थी। विग्रह को ठेले पर रखकर 40 से 50 लोगों ने यात्रा निकाली थी। पढ़ें पूरी खबर...