दिसंबर 1973: बिजनेसमैन बनने का सपना लिए 18 साल का एक युवा मुंबई से समुद्री जहाज से 13 दिन की यात्रा कर अबू धाबी पहुंचता है। परिवार की दुकान में काम करता है। दुकान की तपती हुई छत पर सोता है। सोने से पहले गर्मी दूर करने के लिए छत को कई बार पानी से धोता है।
जुलाई 2022: करीब 49 साल बाद उसी लड़के के लखनऊ में 2 हजार करोड़ रुपए से बने देश के सबसे बड़े मॉल में से एक लुलु मॉल का उद्घाटन किया गया।
इस शख्स का नाम है एमए यूसुफ अली, जो 64 हजार करोड़ रुपए की कमाई वाले लुलु ग्रुप के मालिक हैं।
लुलु मॉल उद्घाटन के बाद वहां नमाज पढ़े जाने और फिर ग्रुप के 80% कर्मचारियों के मुस्लिम होने के दावे को लेकर चर्चा में हैं। हालांकि लुलु ग्रुप ने 80% मुस्लिम कर्मचारियों के दावे का खंडन किया है।
आज भास्कर एक्सप्लेनर में जानते हैं कि केरल में जन्मे यूसुफ अली कैसे बने खाड़ी देश के सबसे अमीर व्यक्ति? भारत में क्या है लुलु ग्रुप का 14 हजार करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट प्लान?
इस खबर में आगे बढ़ने से पहले चलिए एक पोल में हिस्सा लेते हैं..
15 साल में पिता की मदद के लिए चले गए गुजरात
यूसुफ अली का जन्म 15 नवंबर 1955 को केरल के त्रिशूर जिले के नाट्टिका गांव में एक मिडिल क्लास मुस्लिम परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई त्रिशूर के ही करनचीरा गांव स्थित सेंट जेवियर हाई स्कूल से हुई थी। तब वे अपने चाचा के साथ रहते थे, क्योंकि उनके पिता अहमदाबाद में किराने की दुकान चलाते थे।
यूसुफ एक वकील बनना चाहते थे, लेकिन उनका फैमिली बैकग्राउंड बिजनेस था, लिहाज उन्होंने भी इसी फील्ड में जाने का फैसला किया। 15-16 साल के थे तो अपने पिता को बिजनेस में मदद के लिए गुजरात आ गए। वही पर उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा किया।
18 साल की उम्र में गए अबू धाबी
1973 में यूसुफ खाड़ी देश UAE की राजधानी अबू धाबी चले गए। अबू धाबी पहुंचने के लिए उन्होंने पानी के जहाज से 14 दिनों की लंबी यात्रा की थी। वहां उनके चाचा एमके अब्दुल्ला का एक छोटा किराने का बिजनेस था। युसुफ उनके बिजनेस से जुड़ गए। 1983 तक वे सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और ऑस्ट्रेलिया की यात्राएं कर चुके थे। सुपरमार्केट का आइडिया उन्हें इन्हीं देशों की यात्राओं से मिला।
उन्होंने 1989 में 34 साल की उम्र में अबू धाबी में अपना पहला डिपार्टमेंटल स्टोर खोला। इस काम में उन्हें उम्मीद से ज्यादा कामयाबी मिली।
खाड़ी युद्ध के दौरान मिला बड़ा ब्रेक, UAE के शेख मानते हैं अपना परिवार
अली को पहली बड़ी कामयाबी 1990 के दशक में खाड़ी युद्ध के दौरान मिली। उस समय कई लोग युद्ध की वजह से देश छोड़कर जा रहे थे, लेकिन अली ने उस समय भी अबू धाबी में एक बड़ा हाइपरमार्केट खोलने का फैसला किया था।
उनके इस कदम ने UAE के शासक शेख जायद का ध्यान अपनी ओर खींचा। फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूसुफ अली कहते हैं कि उस समय शेख जायद ने मुझसे पूछा था, 'जब हर कोई देश छोड़ रहा है, तो तुम्हारे अंदर एनर्जी कैसे है।'
अली ने कहा, 'मैंने उनसे कहा था कि हम यहां टिकने के लिए हैं और मैंने अपना बिजनेस अबू धाबी में सीखा है और समस्याओं से भागना मंजूर नहीं है।'
शेख जायद अली की इस बात से बहुत प्रभावित हुए और अपने बेटे को बुलाकर उनका ख्याल रखने को कहा। मुश्किल में लिए इस फैसले से यूसुफ अली UAE की रॉयल फैमिली का भरोसा जीतने में सफल रहे।
दोनों का ये रिश्ता आज भी कायम है। युसूफ अली को शेख जायद अपने परिवार की तरह मानते हैं। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UAE यात्रा के दौरान यूसुफ अली रॉयल फैमिली के साथ बैठे थे।
22 साल पहले शुरू किया था लुलु ग्रुप
1995 में उन्होंने पहला लुलु सुपरमार्केट अबू धाबी में और पहला लुलु हाइपरमार्केट दुबई में खोला था। इसके बाद खाड़ी देशों में कई और सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट खोले। साल 2000 में यूसुफ अली ने लुलु ग्रुप इंटरनेशनल की स्थापना की थी। लुलु ग्रुप एक मल्टीनेशनल कंपनी है, जो खाड़ी देशों और भारत समेत दुनिया कई कई देशों में हाइपरमार्केट्स और रिटेल कंपनियों की चेन चलाती है। इसका हेडक्वॉर्टर अबू धाबी में है।
लुलु ग्रुप के पास एशिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन और 215 आउटलेट्स के साथ खाड़ी देशों की सबसे बड़ी रिटेल चेन है। लुलु ग्रुप इंटरनेशल लुलु हाइपरमार्केट्स का भी संचालना करता है। इस ग्रुप के खाड़ी देशों में 13 शॉपिंग मॉल हैं।
लुलु ग्रुप अब हाइपरमार्केट, शॉपिंग मॉल, मैन्युफैक्चरिंग गुड्स ट्रेडिंग, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट के बिजनेस में भी उतर चुकी है। फोर्ब्स मिडिल ईस्ट के अनुसार, युसुफ अली अरब वर्ल्ड के सबसे अमीर भारतीय हैं।
लुलु शब्द का मतलब होता है मोती
दरअसल, लुलु अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है मोती। माना जाता है कि यूसुफ ने अपनी कंपनी का नाम लुलु अरब देशों में अपना बिजनेस फैलाने और इसे तेजी से लोकप्रिय बनाने के मकसद से रखा था।
2013 में भारत में रखा था कदम, लखनऊ समेत खुल चुके हैं 4 लुलु मॉल
लुलु ग्रुप ने भारत में अपना पहला मॉल मार्च 2013 में कोच्चि में खोला था। इसके बाद उसने तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में दो और मॉल खोले थे। हाल ही में उसने लखनऊ में देश का चौथा लुलु मॉल खोला है।
इसके अलावा लुलु ग्रुप के भारत में कोच्चि में लुलु साइबर टावर, त्रिशूर में लुलु फैशन सेंटर और कंवेशन सेंटर, कोच्चि में 2 मैरिएट होटल और एक रिजॉर्ट भी है।
लुलु ग्रुप की भारत में 14 हजार करोड़ के निवेश की योजना
'लुलु इंडिया प्रोजेक्ट' के तहत उसकी भारत में करीब 14 हजार करोड़ रुपए निवेश की योजना है। इसी योजना के तहत 10 जुलाई को लखनऊ में लुलु मॉल का उद्घाटन हो चुका है। लुलु ने इस मॉल को 2 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाया है। ग्रुप का दावा है कि इससे 15 हजार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स पैदा होंगे।
लुलु की आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में 2500 करोड़ रुपए और निवेश करने की योजना है। इसके तहत वाराणसी और प्रयाग में लुलु मॉल और ग्रेटर नोएडा में लुलु फूड प्रोसेसिंग हब खोलने की योजना है।
यूपी के अलावा ग्रुप की केरल में तीन नए प्रोजेक्ट्स लाने की योजना है- इनमें लुलु हाइपरमार्केट पल्लकड़, और लुलु मॉल कालीकट, लुलु मॉल कोट्टायम शामिल हैं। इस साल मई में कंपनी ने कर्नाटक सरकार के साथ 2 हजार करोड़ के समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
मार्च में लुलु ग्रुप ने तमिलनाडु सरकार के साथ राज्य में निवेश के लिए 3500 करोड़ रुपए और गुजरात में मॉल खोलने के लिए 2 हजार करोड़ निवेश के लिए करार किया था।
इससे पहले जनवरी में ग्रुप ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में फूड प्रोसेसिंग हब के लिए 200 करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की थी।
ये तस्वीर लखनऊ के लुलु मॉल की है। 22 लाख स्क्वायर फीट में फैला ये मॉल UP का सबसे बड़ा मॉल होने के साथ लुलु ग्रुप का भी भारत में सबसे बड़ा मॉल है। इस मॉल में 300 से ज्यादा नेशनल और इंटरनेशनल ब्रैंड्स की चीजें उपलब्ध होंगी। साथ ही यहां 65 हजार स्क्वायर फीट में फैला फैमिली एंटरटेंमेंट सेंटर भी और 1600 सीटों वाला एक फूड कोर्ट भी है। मॉल में मल्टी-लेवर कार पार्किंग की सुविधा है।
तीनों दामाद को अलग-अलग बिजनेस में कामयाब बनाया
यूसुफ अली की 3 बेटियां शबीना, शफीना और शिफा हैं। अली अब अपने कारोबार का विस्तार नए क्षेत्रों में भी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपने तीनों दामादों को चुना है। सबसे बड़े दामाद और शबीना के पति पेशे से रेडियोलॉजिस्ट शमशीर वायलिल वीपीएस हेल्थकेयर चलाते हैं। मध्य पूर्व, यूरोप और भारत में इसके 20 हॉस्पिटल और 125 मेडिकल सेंटर्स हैं।
दूसरे दामाद और शफीना के पति अदीब अहमद 43 हजार करोड़ रुपए वाले लुलु एक्सचेंज, फाइनेंशियल सर्विस आर्म, टैब्लेज और ट्वेंटी 14 होल्डिंग कंपनियों के प्रमुख हैं।
तीसरे दामाद और शिफा के पति शेरोन शम्सुद्दीन IT और इंफ्रास्ट्रक्चर के बिजनेस से जुड़े हैं।
एक साल पहले हेलिकॉप्टर हादसे में बाल-बाल बचे थे
11 अप्रैल 2021 में केरल के पननगढ़ के पास यूसुफ अली और उनकी पत्नी को ले जा रहा हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था। हालांकि हादसे में दोनों बच गए थे। यह हादसा केरल यूनिवर्सिटी आफ फिशरीज एंड ओसन स्टडीज कैंपस के पास हुआ था।
1 करोड़ की ब्लड मनी देकर भारतीय की जान बचाई थी
2012 में UAE की सुप्रीम कोर्ट ने केरल के बेक्स कृष्णन को लापरवाही से गाड़ी चलाकर एक सूडानी व्यक्ति की हत्या में दोषी पाया था। तभी से कृष्णन के परिवार और रिश्तेदार उन्हें बरी करवाने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच पीड़ित परिवार जनवरी 2021 में सूडान लौट गया और मुश्किल होने लगी।
इसके बाद परिवार ने यूसुफ अली से मदद मांगी। यूसुफ के समझाने पर पीड़ित परिवार कृष्णन को माफ करने को तैयार हो गया। इसके बदले में यूसुफ अली ने कृष्णन की रिहाई के लिए मुआवजे या ब्लड मनी के तौर पर कोर्ट में 1 करोड़ रुपए जमा कराए थे।
कई देशों में ‘ब्लड मनी’ को न्याय का तरीका माना जाता है। यह पीड़ित परिवार को दिया जाने वाला मुआवजा है। हत्या के मामले में इसे दोषी चुकाता है। पर इसमें पीड़ित परिवार का राजी होना जरूरी है।