टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरपर्सन विक्रम किर्लोस्कर का 29 नवंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 64 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को दोपहर 1 बजे बेंगलुरु के हेब्बल श्मशान घाट में किया जाएगा। किर्लोस्कर बिजनेस फैमिली की चौथी पीढ़ी के मेंबर, विक्रम किर्लोस्कर को टोयोटा के कारोबार को भारत में लाने का श्रेय काफी हद तक जाता है। कंपनी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
विक्रम किर्लोस्कर का जन्म नवंबर 1958 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीकांत किर्लोस्कर है। विक्रम ने ऊटी के लॉरेंस स्कूल में पढ़ाई की। स्कूल के बाद वो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में पढ़ने चले गए। उन्होंने MIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 2017 में एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा था कि इंजीनियरिंग बैकग्राउंड ने उन्हें फैमिली बिजनेस में शामिल होने में उनकी मदद की।
करियर
MIT से ग्रैजुएशन करने के बाद विक्रम किर्लोस्कर फैमिली बिजनेस से जुड़ गए। शुरुआत में उन्होंने पुणे में किर्लोस्कर कमिंस में मैन्युफैक्चरिंग में ट्रेनी के रूप में जॉइन किया था। किर्लोस्कर को 1990 के दशक के अंत में टोयोटा के कारोबार को भारत में लाने का श्रेय दिया जाता है। आज, भारत में टोयोटा के कारोबार में कई कंपनियां शामिल हैं जिनमें किर्लोस्कर सिस्टम्स भागीदार है।
किर्लोस्कर सिस्टम्स लिमिटेड, विक्रम के स्वामित्व वाली एक होल्डिंग और इन्वेस्टमेंट कंपनी है, जो टोयोटा के साथ मिलकर टेक्सटाइल मशीनरी, कार मैन्युफैक्चरिंग, ऑटो कॉम्पोनेंट, एल्यूमीनियम डाई-कास्टिंग और अन्य सेक्टर्स में मौजूद है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, पहले हमने टोयोटा के साथ टेक्सटाइल्स की शुरुआत की और फिर मैंने सोचा कि हमें कार बिजनेस में भी उतरना चाहिए।