जगह: दिल्ली का मुखर्जी नगर। तंग गलियों और छोटे-छोटे कमरे वाले घर, ये इलाका देश को IAS-IPS देता है। इन तंग गलियों में मौजूद हर बिल्डिंग पर कोचिंग सेंटर्स के होर्डिंग लगे हैं। बिल्डिंग्स पुरानी हैं, कुछ तो जर्जर हैं। चारों तरफ बिजली के तारों का जाल है। इन पुरानी बिल्डिंगों के बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। अंदर दुकान जैसी जगहों में क्लास लगती है। पूरे कोर्स की फीस 2 लाख रुपए।
ये वीडियो मुखर्जी नगर की एक बिल्डिंग का है। यहां बेसमेंट में कोचिंग क्लास चल रही है। अंदर अंधेरा इतना है कि कुछ दिखाई तक नहीं देता।
इसी मुखर्जी नगर में 15 जून को संस्कृति IAS नाम के एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई। धुंए के बीच रस्सियों से उतरते और गिरते स्टूडेंट्स के वीडियो और फोटो सामने आए। दावा है जब आग लगी तब तीसरी मंजिल पर चल रही क्लास में 500 बच्चे थे। ऑफिशियली इनमें से 4-5 घायल बताए गए।
इसके बाद मुखर्जी नगर के ये कोचिंग सेंटर्स सेफ्टी के नाम पर सवालों के घेरे में आ गए। भास्कर ने उन स्टूडेंट्स से बात की, जो आग लगने के वक्त क्लास में मौजूद थे। ये सभी अलग-अलग राज्यों से हैं, यहां कई साल से रह रहे हैं।
मुखर्जी नगर के नेहरू विहार में वर्धमान प्लाजा नाम की ये बिल्डिंग है। आसपास के लोगों के मुताबिक, इसमें छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 40 कोचिंग क्लास चलती हैं।
मौत को करीब से देखा, अब भी कांपने लगता हूं
कोचिंग सेंटर में लगी आग अब बुझ चुकी है, पर उसका डरावना अनुभव स्टूडेंट्स के दिमाग में जिंदा है। बिहार के कृष्ण कुमार भी उनमें से एक हैं। आग लगी, तब वे भी बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर पर क्लास रूम में फंसे थे।
दूसरे स्टूडेंट्स की तरह कृष्ण कुमार भी खिड़की पर आए और रस्सी से लटककर नीचे उतरे। वे बताते हैं, ‘मैंने मौत को बहुत करीब से देखा है। मैं अब भी कांपने लगता हूं। अगर ऐसा ही रहा, तो मुझे सिविल सेवा की तैयारी भी नहीं करनी है। जिंदगी IAS बनने से ज्यादा कीमती है।’
आग लगी तब क्या हुआ था? कृष्ण कुमार कहते हैं, ‘मेरी क्लास में करीब 200 बच्चे थे। तभी नीचे वाले फ्लोर से धुआं आने लगा। क्लास में आने-जाने के लिए सिर्फ एक दरवाजा है। इसलिए इतना बड़ा हादसा हुआ।’
सीढ़ियों पर लपटें निकल रही थीं, तार पकड़कर नीचे उतरे…
राजस्थान के रहने वाले हेमंत सिंह भी उस वक्त क्लास में थे। वे बताते हैं, ‘थर्ड फ्लोर पर हमारी इतिहास की क्लास चल रही थी। हमने देखा कि धुआं आ रहा है। सर ने कहा कि शायद शॉर्ट सर्किट हुआ होगा, ठीक हो जाएगा। आग हमारी क्लास में नहीं लगी थी। धुआं नीचे से आ रहा था और धीरे-धीरे क्लास में भरने लगा। बाहर निकलने का रास्ता नहीं था।’
‘सीढ़ियों से नीचे आने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें आ रहीं थीं। हमने खिड़की तोड़ दी। वहीं तार लटके हुए थे। हम उन्हें पकड़कर नीचे उतरने लगे। कुछ बच्चे खिड़की से सीधे नीचे जमीन पर गिर गए।’
4-5 के घायल होने की खबर, स्टूडेंट बोले- 25 लोगों को हॉस्पिटल भेजा
हादसे के बाद 4-5 स्टूडेंट्स के घायल होने की खबरें आई थीं। हालांकि, मौके पर मौजूद छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने 25 बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया है। उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट करवाया गया है।
घायलों से मिलने हम हॉस्पिटल गए। यहां मुलाकात बिहार के रहने वाले अभिषेक से हुई। अभिषेक भी आग लगने के बाद खिड़की से नीचे आए थे, उन्हें हाथ में चोट है। उन्होंने कहा ‘मैं कैमरे पर बात करने की हालत में नहीं हूं, लेकिन आप मेरी फोटो ले सकती हैं।’
बिहार के रहने वाले अभिषेक अपना इलाज करा रहे हैं। रस्सी से उतरने की वजह से उनके हाथ और उंगलियों में चोट आई है।
जली बिल्डिंग में किसी को जाने की इजाजत नहीं, धरने पर स्टूडेंट
घटना के तीसरे दिन हम मौके पर पहुंचे। संस्कृति IAS कोचिंग सेंटर के बाहर पुलिस का पहरा था। किसी को भी बिल्डिंग के अंदर जाने की इजाजत नहीं है। दूसरे कोचिंग सेंटर्स भी बंद हैं। कुछ दूर स्टूडेंट सड़क पर धरने पर बैठे थे। वे साथियों की जानकारी न मिलने, कोचिंग सेंटर की फीस और सुरक्षा की वजह से गुस्से में हैं।
स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रशासन सही जानकारी नहीं दे रहा है कि कितने स्टूडेंट घायल हैं। घटना के बाद से कई स्टूडेंट लापता हैं। उनसे कॉन्टैक्ट भी नहीं हो पा रहा है। इसलिए हमें कोचिंग सेंटर में जाने दिया जाए, ताकि देख पाएं कि किसी साथी की मौत तो नहीं हुई है।
छात्रों ने मुखर्जी नगर में घर भी दिखाए, जिनमें वे रहते हैं। पुराने हो चुके इन घरों में एक-एक कमरे का किराया 10 हजार रुपए से ज्यादा है। सिक्योरिटी मनी अलग से। स्टूडेंट्स का आरोप है कि मुखर्जी नगर में टीचर कम व्यापारी ज्यादा हैं। स्टूडेंट कर्ज लेकर यहां पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलता।
मुखर्जी नगर में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे स्टूडेंट इन मकानों में किराए पर रहते हैं। आमतौर पर इनमें एक-दो कमरे होते हैं, जिनमें बस रहने लायक ही जगह होती है।
बिल्डिंग में इमरजेंसी एग्जिट नहीं, दोस्तों को खिड़की से कूदते देखा…
बिहार के राघव भी प्रदर्शन करने वालों में शामिल हैं। वे कहते हैं, ‘जिस क्लास में हादसा हुआ, वहां एंट्री-एग्जिट के लिए एक ही दरवाजा है। एक बैच में 700 से 800 बच्चों को पढ़ाते हैं। अगर एक बैच में 800 बच्चे आ रहे हैं, तो कोई हादसा होने पर क्या होगा।’
सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे सूरज भान कहते हैं, ‘ये बिल्डिंग पुरानी हो चुकी है। तब भी इसमें कई कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी और दूसरे ऑफिस चल रहे हैं। मुखर्जी नगर में जितने भी फेमस कोचिंग सेंटर हैं, ऐसी ही बिल्डिंगों में चल रहे हैं। ये सेंटर रील्स और सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर फेमस हो रहे हैं।’
यहीं हमारी मुलाकात बिहार से आए साहिल से हुई। सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दो साल पहले मुखर्जी नगर आए थे। साहिल कहते हैं, ‘यहां कोई व्यवस्था नहीं है। मुखर्जी नगर से IAS, IPS निकलते हैं, लेकिन सेफ्टी के मामले में ये जगह जीरो है। आग लगी, तो हमारे दोस्त बचने के लिए खिड़कियों से कूद रहे थे। उन्हें देखकर हमें रोना आ रहा था।’
आग बुझाने वाले सिलेंडर तो थे, लेकिन उनमें गैस नहीं थी…
IAS संस्कृति कोचिंग की बिल्डिंग के बाहर मिले अनिल ने बताया, ‘हमारी क्लास तीसरी मंजिल पर चल रही थी। आग लगने के 45 मिनट बाद एम्बुलेंस आई। मैंने देखा कि हमारी ही क्लास की एक लड़की तीसरी मंजिल से गिरी और दूसरी मंजिल पर लगे एसी से टकराई। फिर पहली मंजिल पर लगे एसी से टकराकर जमीन पर जा गिरी। उसकी हालत कैसी है, पता नहीं चल रहा है।’
अनिल बताते हैं, ‘यहां की हर बिल्डिंग में हादसे का खतरा है। सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। बिल्डिंग में आग बुझाने वाले सिलेंडर तो थे, लेकिन उनमें गैस नहीं थी। वे किसी काम नहीं आ पाए।’
बिहार के कुलदीप कुमार सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं। गुरुवार दोपहर क्लास रूम में आग लगी, तब वे खाना खाने बिल्डिंग से बाहर निकल आए थे। लौटे तो देखा कि उनकी क्लास से धुआं निकल रहा है। उनके दोस्त खिड़की पर लटके थे।
कुलदीप बताते हैं, ‘मैंने देखा कि एक लड़की खिड़की से गिरी और उसका सिर फट गया। सिर से इतना खून निकल रहा था कि हम सभी घबरा गए। एम्बुलेंस का इंतजार नहीं किया, रिक्शा से उसे अस्पताल पहुंचाया। यहां से पुलिस थाना काफी नजदीक है, लेकिन पुलिस वाले भी देर से आए।’
बिजली के मीटर में आग लगी, दो मंजिलों तक पहुंची
कोचिंग सेंटर में आग लगने की वजह बिजली का मीटर बताया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा के मुताबिक, ‘आग लगने से धुआं ऊपर की तरफ बढ़ा। इससे बच्चे घबरा गए और खिड़की की मदद से बाहर आने की कोशिश करने लगे।’
पुलिस के मुताबिक, इस घटना में कुछ बच्चों को चोट भी लगी है। हालांकि घायलों की संख्या नहीं बताई गई। इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया है कि ‘आग लगने की खबर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर मिली थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियों को भेजा गया। जल्द ही आग बुझा ली गई।’
आसपास के लोगों ने गद्दे बिछाए, ताकि स्टूडेंट्स को चोट न लगे
लोगों ने जैसे ही स्टूडेंट्स को खिड़की से बाहर आते देखा, वे उनकी मदद में लग गए। उन्हें बचाने के लिए गद्दे जुटाए और खिड़की के नीचे जमीन पर बिछा दिए, ताकि कोई गिर जाए तो उसे ज्यादा चोट न लगे।
कोचिंग सेंटर का दावा- 15 बच्चों को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा
आग लगने की घटना पर संस्कृति IAS कोचिंग सेंटर की ओर से कहा गया है कि ‘इस बिल्डिंग में कई कोचिंग सेंटर चलते हैं। उसी में क्लास नंबर 8 में संस्कृति IAS की क्लास चल रही थी। बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर इलेक्ट्रिक वायर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। वहां से आग की लपटें और धुआं तीसरी मंजिल पर हमारी क्लास तक पहुंच गया। कुछ बच्चों ने खिड़की के कांच तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की। इसी में उन्हें चोट आई। कुछ बच्चे थोड़ी ऊंचाई से गिर गए।’
‘अच्छी बात ये रही है कि किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं लगी है। करीब 15 बच्चों को अस्पताल ले जाया गया। इनमें से दो-तीन बच्चों को ज्यादा इलाज की जरूरत पड़ी। कोई भी खतरे में नहीं है। सभी को मामूली चोट है।’
संस्कृति IAS का दावा है कि उनके पढ़ाए 17 बच्चों ने 2022 का UPSC एग्जाम पास किया है। अनिरुद्ध पांडे नाम के स्टूडेंट ने 64वीं रैंक हासिल की। सेंटर में कम्प्लीट कोर्स की फीस करीब दो लाख रुपए है।
पिछली साल हुआ मुंडका अग्निकांड याद आया, तब 27 लोगों की मौत हुई थी
कोचिंग सेंटर की आग और बच्चों को खिड़कियों से कूदते देख दिल्ली के लोगों को 13 मई, 2022 को मुंडका में हुआ अग्निकांड याद आ गया। तब इसी तरह की चार मंजिला बिल्डिंग में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस बिल्डिंग में CCTV कैमरा बनाने वाली कंपनी चलती थी। मरने वाले सभी लोग इसमें काम करते थे। आग इतनी भयानक थी कि मरने वालों की पहचान DNA सैंपल से की गई थी।