ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने 14 हजार जॉब रोल्स घटा दिए हैं। कंपनी अब जल्द ही लगभग 30 हजार कर्मियों को ले-ऑफ कर सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रिसमस की छुट्टियों से पहले अमेजन में 30 हजार कॉर्पोरेट रोल्स कम हो सकते हैं।
माना जा रहा है कि इसकी वजह से अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में ले-ऑफ होगा जिसमें कंपनी के करीब 10% व्हाइट कॉलर लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। अगर यह होता है तो कंपनी के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा ले-ऑफ होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ले-ऑफ की चपेट में आने वाले कर्मचारियों को मंगलवार सुबह से ई-मेल आने शुरू हो जाएंगे। इस मामले में अमेजन ने कुछ भी कहने से इनकार किया है। कंपनी को लेकर इस खबर से कई कर्मचारी चिंता में है और कई लोगों के मन में शंका है कि आखिर यह फैसला कंपनी क्यों ले रही है। सवाल है कि आखिर इतनी बड़ी और सफल कंपनी में इतने बड़े स्तर पर ले-ऑफ क्यों किया जा रहा है?
सोमवार को हुई मैनेजर्स की ट्रेनिंग
इस ले-ऑफ से अमेजन के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स पर असर पड़ेगा। ह्यूमन रिसोर्सेज जिसे अमेजन में एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी या EXT कहा जाता है, ऑपरेशन्स, अमेजन वेब सर्विसेज और डिवाइसेज एंड सर्विसेज जैसी टीम्स इसमें शामिल हो सकती हैं।
जिन डिपार्टमेंट्स में ले-ऑफ होने जा रहा है, उनके मैनेजर्स की कथित तौर पर सोमवार को ट्रेनिंग की गई। इस ट्रेनिंग में उन्हें बताया गया है कि ले-ऑफ की खबर कर्मचारियों तक कैसे पहुंचानी है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को ले-ऑफ से संबंधित मेल मंगलवार से मिलना शुरू हो जाएंगे।
अमेजन अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट एम्प्लॉयर है। दुनियाभर में अमेजन में 1.54 मिलियन लोग काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर कर्मचारी वेयरहाउसेज में काम करते हैं। ले-ऑफ का सबसे ज्यादा असर करीब 350,000 कॉर्पोरेट पदों पर पड़ेगा।
2022-23 में किया था सबसे बड़ा ले-ऑफ
पिछले 2 सालों में अमेजन में कई बड़े ले-ऑफ हो चुके हैं जिसमें कई डिपार्टमेंट्स जैसे कम्युनिकेशन्स, डिवाइसेज और पॉडकास्टिंग के कई पदों को हटाया गया है। 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में CEO एंडी जैस्सी के समय पर कंपनी में सबसे बड़ा ले-ऑफ हुआ था। इसमें 27 हजार कॉर्पोरेट रोल्स हटाए गए, जिसमें करीब 8% कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी थी।
हालांकि, ले-ऑफ करने के मामले में अमेजन कोई अकेली कंपनी नहीं है। Layoffs.fyi के अनुसार, साल 2024 में 200 टेक कंपनियों ने करीब 98 हजार कर्मचारियों का ले-ऑफ किया है। माइक्रोसॉफ्ट में अब तक 15 हजार कर्मचारियों का ले-ऑफ हो चुका है। हाल ही में मेटा ने आर्टिफिशियल डिवीजन से 600 कर्मचारियों को निकाला था। गूगल में इसी महीने ले-ऑफ हुआ जब डिजाइन टीम से करीब 100 लोगों को निकाल दिया गया। इस साल इंटेल ने सबसे बड़ा ले-ऑफ किया था। वहां 22 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया।
नौकरीपेशा लोगों के लिए 2023 सबसे खराब साल था जब करीब 1200 कंपनियों में 260,000 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया था।
बड़ी कंपनियां ले-ऑफ क्यों कर रही हैं?
टेक कंपनियों में लगातार हो रहे ले-ऑफ का कोई एक मुख्य कारण नहीं है। इसके पीछे इकोनॉमिक, स्ट्रक्चरल और स्ट्रैटेजिक बदलाव हैं।
पिछले कुछ सालों में कोविड महामारी के चलते बहुत सी टेक कंपनियों ने बल्क में हायरिंग की। उन्हें उम्मीद थी कि महामारी के बाद डिजिटल डिमांड बड़ जाएगी लेकिन जैसे-जैसे आम जीवन लौटा, टेक कंपनियों की ग्रोथ धीमी हो गई। इसकी वजह से कई कंपनियां प्रॉफिट मार्जिन को लेकर प्रेशर महसूस करने लगी। साथ ही कंपनियां में ओवरस्टाफ भी हो गया। इसी वजह से कई कंपनियों ने उन रोल्स को हटाना शुरू कर दिया जिनका उन्हें कोई काम नजर नहीं आ रहा था।
इसके अलावा कुछ कंपनियों ऐसी भी हैं जो अपने फंड्स बेहतर और प्रॉफिटेबल रिसोर्सेज जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ऑटोमेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग और डाटा इफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रही हैं।
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