दो हत्या करने वाला शार्प शूटर और हिस्ट्रीशीटर इतना शातिर निकला की उसकी प्लानिंग से पुलिसवाले भी बच नहीं पाए। 9वीं पास बदमाश ने पुलिस को गुजरात तक दौड़ाया। इधर, ग्रेजुएट पत्नी अपने आरोपी पति को बचाने के लिए पूरी प्लानिंग करती रही।
पुलिस 6 महीने से आरोपी के पीछे, लेकिन जब पकड़ नहीं पाए तो पुलिस ने एक नंबर जारी किए और 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया। आरोपी ने इन्हीं नंबर से पुलिसवालों को भी नहीं छोड़ा। करीब 30 बार से ज्यादा फेक कॉल करवाए। ऐसा एक बार नहीं तीन बार हुआ जब पुलिस वालों को ऐसे फेक कॉल में पूरी टीम को अलर्ट करना पड़ा।
अजयपाल पर इनाम जारी होने के बाद वो और उसकी गैंग पुलिसवालों से डरने की बजाए उन्हें ही फंसाने की प्लानिंग करते रहे।
केस: 1
जब पुलिसकर्मियों को बदलना पड़ा भेष
एक महीने पहले जयपुर से एक महिला ने जोधपुर पुलिस को कॉल किया। बताया कि अजयपाल उससे मिलने आता रहता है। वह आज भी आया था और कल भी मिलने आएगा। इस पर पुलिस जोधपुर पुलिस और जयपुर की क्राइम ब्रांच टीम को अलर्ट किया गया।
जोधपुर से भी 10 लोगों की टीम बनाकर जयपुर भेजी गई। महिला ने बताया कि वह चांदपोल इलाके में रहती है। ऐसे में चांदपोल थाने को भी अलर्ट किया गया। अजयपाल को पकड़ने के लिए जोधपुर के पुलिस अधिकारियों को अपना भेष बदलना पड़ा।
इस दौरान सिविल ड्रेस में 50 पुलिसकर्मियों ने चांदपोल इलाके की घेराबंदी कर छावनी में तब्दील कर दिया था। कोई पुलिसकर्मी सब्जी का ठेला लगाकर सब्जी बेचने लगा तो कोई आस-पास के घरों में आम आदमी बनकर टहलने लगा तो कुछ कबूतरों को दाना डाल रहे थे।
कुछ पुलिसकर्मी टूरिस्ट बनकर घूम रहे थे तो कोई कैमरा मैन बन गया। सुबह 10 बजे से टीम को तैनात कर दिया गया था। लेकिन, शाम 4 बजे तक अजयपाल नहीं आया तो पुलिस ने दोबारा महिला को कॉल किया। तब महिला ने पुलिस से माफी मांगी और बताया कि उसने झूठी सूचना दी थी।
केस: 2
गुजरात में शराब लूट का आरोपी बताया
दो महीने पहले गुजरात के डीसा से जोधपुर पुलिस के पास कॉल आया था। कॉल करने वाले ने बताया कि अजय पाल गुजरात में शराब के अवैध ट्रकों को लूट रहा है। इस पर पुलिस टीम डीसा पहुंची। कॉल करने वाले व्यक्ति की सूचना पर पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ वहां डेरा डारा। करीब 4 घंटे तक पुलिस छिप-छिप कर नजर बनाए हुए थे। लेकिन, जब अजयपाल नहीं आया तो व्यक्ति से पूछताछ की तो उसने बताया कि झूठी जानकारी दी थी।
केस: 3
दोस्त के यहां की सूचना थी, लेकिन नहीं मिला
इसी तरह पाली से भी पुलिस को ऐसा ही फेक कॉल अजयपाल ने करवाया था। पाली से कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया था कि वह हिस्ट्रीशीटर जब्बर सिंह के यहां छिपा हुआ है। यहां पुलिस टीम ने छापा मारा तो पता चला कि अजयपाल वहां से फरार हो चुका है। ये कॉल अजयपाल के ही किसी साथी ने करवाया था। दूसरी बार भी पुलिस पाली से ऐसे ही फेक कॉल पर अजयपाल के होने की जानकारी मिली थी लेकिन इस बार भी अजयपाल नहीं मिला।
अजयपाल गुजरात में बिजनेसमैन बनकर रहता था। उसका साथी पुष्पेंद्र हर समय उसके साथ रहता था। इस पर भी पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।
पुलिस ने अजयपाल के साथ बस से ही पुष्पे्रद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया। पुष्पेंद्र जालोर के आहाेर थाना क्षेत्र के गुड़ा बालोतान का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि पुष्पेंद्र साए की तरह अजयपाल के साथ रहता था और वह उसकी पत्नी का मुंहबोला भाई भी था।
अजयपाल को पुलिस का इतना डर बैठ गया था कि वह दो घंंटे की नींद भी ढंग से नहीं ले पाता था। इस पर जब भी अजयपाल सोता पुष्पेंद्र सिंह बाहर पहरा देता था। पाली में जब पुलिस दबिश देने पहुंची थी तब भी पुष्पेंद्र पहरा दे रहा था और उसी के अलर्ट पर वह फरार हो गया था।
डेडिकेट टीम को टास्क, केवल अजयपाल को ढूंढना है
डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि अजयपाल को पकड़ने के लिए डेडिकेट पुलिस टीम बनाई गई। इस स्पेशल 8 पुलिसकर्मियों की टीम को केवल एक ही टास्क था कि उन्हें अजयपाल को कैसे भी पकड़ना है। इनकी सप्ताह में दो बार मीटिंग ली जाती और रणनीति तैयार होती ।
डीसीपी ने बताया कि हमारी आधी एनर्जी फेक कॉल में ही लग जाती। क्योंकि किसी भी क्लू को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते थे। जैसे ही कॉल आता पुलिस की टीम यहां से जाती और वह एरिया छावनी बन जाता। इन तीन कॉल ने पुलिस से काफी मशक्कत करवाई जिसमें जयपुर, गुजरात के डीसा और पाली से आया था।
गुजरात में खुद को बिजनेसमैन बताता
पुलिस पूछताछ में बताया कि सूरत (गुजरात) में वह पत्नी और बच्चों के साथ 6 महीने रहा था। जहां उसने फ्लैट किराया लिया था वहां अपने आप को बिजनेसमैन बताया। पड़ोसियों को बताता कि वह ऑनलाइन बिजनेस करता है। इतना ही नहीं पकड़े जाने के डर से उसने फ्लैट का एग्रीमेंट भी किसी और के नाम करवाया हुआ था।
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जोधपुर में दो साल पहले पुलिस कस्टडी में एक बंदी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। ये हत्या 5 साल से पैरोल पर फरार चल रहे आरोपी अजयपाल सिंह ने की थी। हत्या के बाद से वह फरार चल रहा था। पुलिस ने दो साल में कई जगह दबिश दी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। (यहां पढ़ें पूरी खबर)