जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन से 16 करोड 26 लाख की ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बिजनेसमैन को ठगों ने 50 करोड़ के नेट प्रॉफिट का झांसा दिया था।
इसी लालच में बिजनेसमैन ने एक के बाद एक 100 से ज्यादा ट्रांजैक्शन किए। जब तक उसे ठगी का एहसास हुआ तब तक उसे आरोपियों ने वॉट्सऐप पर उसे ब्लॉक कर दिया।
जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी अरविंद कालानी के साथ ये ठगी हुई। अब पुलिस ने उन खातों को फ्रिज कर दिया है, जिनमें ट्रांजैक्शन किया गया था। ये अकाउंट उदयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, कांदीवली और चेन्नई शहरों के बैंकों में हैं।
जांच अधिकारी एसीपी मांगीलाल राठौड़ ने बताया कि इन शहरों में स्थित ICICI, AXIS, IDFC बैंक के खातों में ट्रांजैक्शन किया गया था। पुलिस इन खातों में उपयोग में लिए गए कॉन्टैक्ट नंबर के आधार पर ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
जोधपुर के पावटा इलाके में रहने वाले हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन अरविंद कालानी के साथ ऑनलाइन ठगी की गई। जिसकी शिकायत 1 दिसंबर को महामंदिर थाने में की गई थी।
अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी होने के चलते जोधपुर पुलिस के सामने काफी चुनौतियां हैं। हालांकि जोधपुर पुलिस की साइबर टीम दिल्ली की साइबर टीम से कॉन्टैक्ट कर इस ठगी के हर पेंच को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
आशंका यह भी जताई जा रही है कि पैसा विदेश में ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि बैंक इतना बड़ा अमाउंट उसी समय आगे ट्रांसफर नहीं करते। ऐसे में हवाला या क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ठग इस राशि को विदेश तक पहुंचा सकते हैं।
7 राज्यों में 4 बैंकों के करीब 8 खातों में सारा पैसा ट्रांसफर हुआ है। कुछ ऑनलाइन व कुछ चेक के माध्यम से पैसा जमा करवाया गया है। हालांकि जोधपुर पुलिस ने सभी बैंकों में कॉन्टैक्ट कर इन खातों को फ्रिज करवा दिया है।
इन अकाउंट में जो राशि है। वह कोर्ट के माध्यम से बिजनसमैन को मिल सकती है। इस मामले में जांच कर रहे एसीपी मांगीलाल राठौड़ ने बताया कि जिन खातों में राशि ट्रांसफर हुई है, उन खातों की जांच करवाई जा रही है। बैंक में उन खातों को फ्रिज करवा कर साइबर टीम जांच कर रही है।
अरविंद कालानी लगातार ठगों के कहने पर पैसे ट्रांसफर करते रहे थे। पैसा वापस मांगने पर जब उन्होंने जवाब नहीं दिया तो ठगी की जानकारी हुई।
50 करोड़ का फायदा
हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी को आरोपियों ने ऑनलाइन अकाउंट में 50 करोड़ का प्रॉफिट दिखाया। अरविंद को ठग जिस तरह से प्रॉफिट का आंकड़ा बढ़ा कर बताते गए, लालच में अरविंद उन पैसों का कमीशन उनके बताए गए खातों में डालता गया।
प्लेटिनम मेंबरशिप के बाद अरविंद को 50 करोड़ का प्रॉफिट शो हो रहा था। जब अरविंद ने उसमें से कुछ पैसा रिटर्न मांगा तो उसे ग्रुप से निकाल कर ब्लॉक कर दिया गया। इसके बाद अरविंद को ठगी होने का एहसास हुआ।
सबसे ज्यादा पैसा उदयपुर के खाते में ट्रांसफर
शातिर ठगों ने अरविंद से पुणे के विमननगर के 79, SRK Trading Ltd, राजा अन्नामलाईपुरम चेन्नई के YSM एन्टरप्राइजेज, थ्रीसुर केरला के अब्दुल कादिर नाम के अकाउंट, मनीकोंडा हैदराबाद के ADEKE RAKESH LTD, ओधव अहमदाबाद के धनराज मेटल, पचामल केरला के M M fruit and veg ltd, उदयपुर के सोनी लिमिटेड और कांदिवली के मुकेश कुमार लिमिटेड नाम के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवाया।
नाइजीरिया गैंग का हाथ
साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी के अनुसार ठगी का पैटर्न नाइजीरियन गैंग का लग रहा है। कुछ वर्ष पहले नाइजीरिया के लोग जो भारत में बैठे हैं वह इसी पैटर्न से ठगी करते थे। वह भारत के विभिन्न शहरों से बैंक अकाउंट हायर कर उनसे ट्रांजैक्शन करते हैं। बड़े व्यापारियों को फंसा कर उसमें पैसा ट्रांसफर करवाया जाता है।
ऐसे कई ग्रुप होते हैं जो बैंक के अकाउंट सेल करते हैं। साथ ही एक्टिव सिम व चोरी का मोबाइल या फिर सेकेंड हैंड मोबाइल भी देते हैं। ऑनलाइन ठगी करने वाले ऐसे अकाउंट खरीदते हैं और एक्टिव सिम को उस मोबाइल में रख कर यूज भी करते हैं। ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि अकाउंट हैंडल करने वाले तक कैसे पहुंचा जाए। क्योंकि वह सब फेक आईडी से हैंडल होता है।
वर्चुअल एप्लिकेशन से इंटरनेशनल नंबर मिल जाते हैं
साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी के अनुसार इंटरनेट पर ऐसी कई वर्चुअल एप्लिकेशन होती है जो एक नंबर दे देंगी। उस विदेशी नंबर से वॉट्सऐप डाउनलोड करने पर विदेशी नंबर शो होगा। ठग उस विदेशी नंबर पर विदेशी व्यक्ति की प्रोफाइल लगाकर उसे यूज करता है और सामने वाले को लगता है कि वह विदेश में चैट कर रहा है।
इस ठगी में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। एसीपी राठौड़ ने बताया कि वीपीएन यूज कर विदेशी नंबर से ठग चैट व ट्रांजैक्शन कर रहे थे। वॉट्सऐप को मेल कर इन नंबरों की डिटेल मांगी है। वहां से आईपी नंबर मिलने से उस आईपी नंबर के आधार पर ठगों तक पहुंचा जा सकता है।
विदेशी नंबर के झांसे में आए
बता दें कि जोधपुर के पावटा ए रोड निवासी हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी अरविंद कालानी विदेशी नंबर के कारण झांसे में आ गए और इन्वेस्टमेंट के नाम पर 16 करोड़ से अधिक की रकम खो दी। ठग इतने शातिर थे कि 21 दिनों में उन्होंने 101 ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करवाए और देश के अलग-अलग बैंक में पैसे ट्रांसफर करवा लिए। बिजनसमैन के खाते से जब सवा सोलह करोड़ की राशी निकल गई और वापस रिटर्न नहीं हुई तब उन्हें अपने साथ ठगी होने का पता चला।
इसके बाद अरविंद ने गुरुवार को महामंदिर थाने में केस दर्ज करवाया। इस ऑनलाइन ठगी को अब तक की सबसे बड़ी ठगी माना जा रहा है। पावटा क्षेत्र निवासी अरविंद कालानी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर हैं। इनका अमेरिका सहित कई देशों में माल निर्यात होता है।
31 अक्टूबर को उनके पास वॉट्सऐप पर मैसेज आया। मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम इस्ला डोमिनिक बताया। खुद की कंपनी का नाम मेटा ऑप्शन बताया। उसने वेबसाइट का पता भी भेजा। इसके बाद उसने अरविंद के वॉट्सऐप पर माइक बी फोरे, इंड्रयू रिच, राफेल सोरोस और निक फॅल्कर से एडवाइजर के रूप में संपर्क करवाया। सभी विदेशी नाम होने से अरविंद उसके झांसे में आ गए।
उन्होंने अरविंद को यह कहकर झांसे में लिया कि कंपनी में इन्वेस्टमेंट करेंगे तो 20 से 40 प्रतिशत रिटर्न किया जाएगा। रिटर्न की गारंटी भी ली। साथ ही कंपनी की ब्रॉन्ज, सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम मेंबरशिप की जानकारी दी। सभी मेंबरशिप की फीस अलग थी।
कालानी का अमेरिका सहित कई यूरोपियन देशों में एक्सपोर्ट का काम है। इस ठगी को प्रदेश की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी बताया जा रहा है।
मेंबरशिप को लेकर झांसे में फंसे
माइक बी फोरे, इंड्रयू रिच, राफेल सोरोस और निक फॅल्कर नाम के फेक एडवाइजर के झांसे में आकर 1 नवंबर को अरविंद ने सिल्वर मेंबरशिप ली और सवा दो लाख रुपए उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। अरविंद ने यह पेमेंट ऑनलाइन किया। इस पेमेंट पर उनको अच्छा रिटर्न मिला तो 1 लाख 4 हजार रुपए एचडीएफसी बैंक से ट्रांसफर कर दिए। फिर धीरे-धीरे 21 नवंबर तक 5,10,15, 20, 35 लाख ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर आदि का प्रोपेगैंडा तक किया।
शुरुआत में दी कमिशन की मोटी रकम
शातिर ठग शुरुआत में अरविंद का पैसा ही रिटर्न के रूप में उसे भेजते रहे। अरविंद ने करीब साढे़ 6 लाख डॉलर वापस लौटाने की बात कही तो आरोपियों ने उसका वॉट्सऐप ब्लॉक कर दिया। शातिर लगातार वॉट्सऐप चैट से ही रकम की डिमांड करते रहे। वॉट्सऐप पर ही इस्ला नाम की ठग ने अरविंद को एक एग्रीमेंट भेजा। जिस पर ब्रायन बी फ्रेंकलिन और अरविंद के डिजिटल सिग्नेचर करवाए। साथ ही अलग-अलग बैंक अकाउंट में लाखों रुपए ट्रांसफर करवाए।
फिलहाल, पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए जोधपुर और दिल्ली की साइबर सेल की मदद ले रही है।
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