कोरोना महामारी की तीसरी लहर में डरावना ट्रेंड दिखने लगा है। देश में रोजाना 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं। बुजुर्गों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में वे ही ज्यादा खतरे में हैं। इसी को देखते हुए देश में आज, यानी 10 जनवरी से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लगना शुरू हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 11 करोड़ बुजुर्ग हैं।
दिल्ली के साथ देश के अलग अलग राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोमॉर्बिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित) वाले 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज या प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू हो गई। इन राज्यों से प्रीकॉशन डोज की तस्वीरें भी सामने आई हैं। जहां तमिलनाडु में खुद मुख्यमंत्री स्टालिन हेल्थ सेंटर पर मौजूद रहे, वहीं तेलंगाना में स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव मौजूद थे।
बुजुर्गों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को भी यह तीसरा डोज दिया जाएगा। चुनाव में जिनकी ड्यूटी लगेगी उन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर की कैटेगरी में रखा गया है। इन्हें मिलाकर, देश में करीब 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स हैं।
बुजुर्गों को तीसरी डोज देने के लिए तीन शर्तें रखी गई हैं
- वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हों।
- दूसरा डोज कम से कम 9 महीने (37 हफ्ते या 273 दिन) पहले लिया हो।
- सिर्फ कोमॉर्बिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित) वाले बुजुर्ग ही तीसरा डोज ले सकेंगे।
जनवरी में किसे मिलेगा तीसरा डोज
जिन लोगों को 3 मई या उससे पहले दूसरा डोज लगा हो उन्हें 31 जनवरी तक प्रीकॉशन डोज मिलेगा। जब भी संबंधित व्यक्ति प्रीकॉशन डोज के लिए एलिजिबल हो जाएगा, तो कोविन उसे टेक्स्ट मैसेज भेजकर सूचना देगा कि तीसरा डोज लगवाने का समय आ गया है।
प्रीकॉशन डोज लगवाने के लिए सर्टिफिकेट नहीं, डॉक्टर की सलाह लगेगी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोमॉर्बिडिटी वाले 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लेने के लिए डॉक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, ऐसे लोगों को प्रीकॉशन डोज लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।
वैक्सीन सेंटर्स पर भी बुक हो सकेगा प्रीकॉशन डोज
प्रीकॉशन डोज लेने के लिए ऑलनाइन स्लॉट बुकिंग के साथ वैक्सीन केंद्रों पर भी बुकिंग की जा सकेगी। हालांकि, प्रीकॉशन डोज किस वैक्सीन सेंटर पर मिलेगा, यह जानकारी आपको कोविन ऐप पर ही मिलेगी। प्रीकॉशन डोज या तीसरी डोज लेने के बाद लाभार्थी का सर्टिफिकेट अपने आप अपडेट हो जाएगा
बाकी वैक्सीन की तरह प्रीकॉशन डोज भी मुफ्त होगा
सरकार के मुताबिक, प्रीकॉशन डोज सरकारी वैक्सीन केंद्रों पर मुफ्त होगा। हालांकि, प्राइवेट हॉस्पिटल या वैक्सीन केंद्रों पर इसके लिए पैसे देने पड़ेंगे। हालांकि सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि जो लोग सक्षम हैं, वे प्राइवेट अस्पतालों के वैक्सीन केंद्रों में भुगतान करके तीसरा डोज लगवाएं।
60+ लोगों के लिए कोमॉर्बिटिडी में शामिल हैं कौन सी बीमारियां
सरकार ने 60+ लोगों के लिए कोमॉर्बिडिटी में शामिल बीमारियों की अलग से लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन कोविन के डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 45 से 60 की उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए पहले ही जारी हो चुकी कोमॉर्बिटिडी के तहत 20 मेडिकल कंडीशन्स ही प्रीकॉशन डोज के लिए भी मान्य होंगी।
- पिछले एक साल में हार्ट फेल्योर की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर
- पोस्ट कार्डिएक ट्रांसप्लांट/लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस
- सिग्नफिकेंट लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिस्फंक्शन
- मॉडरेट या सिविअर वाल्वुलर हार्ट डिजीज
- जन्मजात हार्ट डिजीज
- हाइपरटेंशन/डायबिटीज के इलाज के साथ कोरोनरी आर्टरी रोग
- ऐन्जाइन और हाइपरटेंशन/डायबिटीज का इलाज जारी हो
- स्ट्रोक और हाइपरटेंशन का रिकॉर्ड/डायबिटीज का इलाज जारी
- पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन और हाइपरटेंशन/डायबिटीज का इलाज जारी
- डायबिटीज (10 वर्ष से ज्यादा या जटिलताओं के साथ) और हाइपरटेंशन/डायबिटीज का इलाज जारी
- किडनी/लिवर/स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हो चुका हो/होने वाला हो
- किडनी की लास्ट स्टेज बीमारी में डायलिसिस/CAPD पर हों
- ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स / इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं का लंबे समय से उपयोग कर रहे हों
- डीकम्पन्सेटेड सिरोसिस
- पिछले दो वर्षों में सांस की गंभीर बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर
- लिंफोमा / ल्यूकेमिया / माइलोमा
- 1 जुलाई 2020 या उसके बाद किसी भी सॉलिड कैंसर की पहचान या वर्तमान में किसी भी कैंसर की थेरेपी पर।
- सिकल सेल रोग/ बोन मैरो फेल्योर/अप्लास्टिक एनीमिया/ थैलेसीमिया मेजर
- प्राइमरी इम्यूनोडिफिशिएंसी डिजीज/HIV इंफेक्शन।