तेज धूप से हो सकती है सन प्वाइजनिंग......
सन प्वाइजनिंग एक तरह का सनबर्न ही है लेकिन यह इसका सबसे गंभीर रूप होता है जो न केवल दर्दनाक होता है बल्किन स्किन और शरीर के अन्य हिस्सों के लिए काफी खतरनाक भी हो सकता है। आपको सन प्वाइजनिंग के संकेत पहचानने के तुरंत बाद डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे बचाव के लिए आप अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखें। वयस्कों के शरीर का सामान्य तापमान 97 से 99 डिग्री फेरेनाइट के बीच होता है। वहीं बच्चों का सामान्य तापमान आमतौर पर 97.9 से 100.4 के बीच होता है। अगर आपके शरीर का तापमान काफी अधिक कम है और आपको फ्लू जैसे लक्षण दिखने लग रहे हैं या अगर आपको ठंडा पसीना आ रहा है और कपकपी फील हो रही है तो ये सब सन प्वाइजिंग के संकेत हैं। सन प्वाइजनिंग के कारण आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा कम हो जाती है जिस कारण आपको फ्लू के लक्षण नजर आने लगते हैं। आपको घबराहट जैसा भी महसूस हो सकता है।
स्किन प्वाइजनिंग से बचने के लिए करें ये काम.....
सनबर्न या सन प्वाइजनिंग से बचने का सबसे पहला कारगर उपाय है कि आप तेज धूप में न जाएं या जब भी आपको धूप में निकलना हो तो आप घर से निकलने से करीब 30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगा लें और खूब सारा पानी पीके ही निकलें। (zee-N)