अमेरिकी सांसद लिंड्से ग्राहम ने रूस-यूक्रेन जंग में रूसी सैनिकों की मौत पर खुशी जताई है। इस बात से नाराज होकर रूस ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है। दरअसल, ग्राहम ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा- अमेरिका ने जंग में यूक्रेन की मदद के लिए पैसे देकर सबसे अच्छा काम किया है। इससे रूसी सैनिकों की मौत हो रही है।
ग्राहम साउथ कैरोलिना स्टेट से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद हैं। रूसी सैनिकों की हत्या से जुड़े इनके बयान पर रूस की इन्वेस्टिगेशन कमेटी ने जांच के आदेश दिए थे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा था- किसी देश के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती कि उनके पास ग्राहम जैसे सांसद हों। वारंट पर अमेरिकी सांसद ने कहा कि वो इसे 'बैज ऑफ ऑनर' यानी सम्मान में दिए गए बैज के तौर पर पहनेंगे।
इस फुटेज में अमेरिकी सांसद लिंड्से ग्राहम जेलेंस्की के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं।
ग्राहम बोले- यूक्रेन की आजादी तक उसके साथ खड़ा रहूंगा
रूस ने ये नहीं बताया कि किन आरोपों के तहत ग्राहम के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी सांसद के बयान का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसमें ग्राहम कहते हैं कि जंग की शुरुआत में कई देशों को लगा था कि यूक्रेन रूस के आगे 3 दिन भी नहीं टिक पाएगा। लेकिन अब जंग में रूसी सैनिकों की मौत हो रही है। वारंट जारी होने के बाद लिंड्से ग्राहम ने कहा- मुझे खुशी है कि यूक्रेन की तरफ मेरी प्रतिबद्धता को देखकर रूस को गुस्सा आ रहा है।
ग्राहम बोले- मैं तब तक रूस के साथ खड़ा रहूंगा जब तक उसे आजादी नहीं मिल जाती और जब तक रूस के हर एक सैनिक को यूक्रेन की जमीन से बाहर नहीं निकाल दिया जाता। रूसी सत्ता में मौजूद जो लोग मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं, मैं उन्हें ये ऑफर देता हूं कि मैं इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र द हेग में जाऊंगा। आप यहां आकर अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं।
अमेरिकी सांसद पहले भी दे चुके हैं भड़काऊ बयान
अमेरिका के 67 साल के सांसद लिंड्से ग्राहम रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी हैं। वो जंग में यूक्रेन के सपोर्टर हैं और कई बार उसके पक्ष में बयान दे चुके हैं। ग्राहम ने पहले भी मॉस्को को जंग में वॉर क्राइम का दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था- ये जंग तभी रुकेगी जब कोई बहादुर रूसी नागरिक पुतिन की हत्या कर देगा। उनके इस बयान से नाराज रूस ने उन पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे।
ICC ने पुतिन के खिलाफ जारी किया था अरेस्ट वारंट
इससे पहले, 17 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ICC ने यूक्रेन में वॉर क्राइम के आरोप में अरेस्ट वारंट जारी किया था। उन पर यूक्रेनी बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के आरोप लगे हैं। अरेस्ट वारंट जारी करते हुए ICC ने कहा था कि उसके पास यह मानने के लिए उचित आधार है कि पुतिन ने न सिर्फ इन अपराधों को अंजाम दिया, बल्कि इसमें दूसरों की भी मदद की।
कोर्ट ने कहा था- पुतिन ने बच्चों के अपहरण को रोकने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने बच्चों को डिपोर्ट करने वाले अन्य लोगों को रोका नहीं, कार्रवाई नहीं की। यूक्रेन के ह्यूमन राइट्स चीफ के मुताबिक, 13 महीने से चल रही इस जंग में अब तक करीब 16 हजार 226 बच्चों को डिपोर्ट किया जा चुका है।