उत्तराखंड एसटीएफ ने बीएएमएस डॉक्टर्स की फर्जी डिग्री तैयार करने वाले मास्टरमाइन्ड और 25 हजार के ईनामी अपराधी इम्लाख को अजमेर के किशनगढ़ से पकड़ा है। बाबा ग्रुप आफ कॉलेज का चेयरमैन शेरपुर-मुजफ्फरनगर निवासी इम्लाख पुत्र मोहमद इलियास (36) दसवीं पास और कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है।
इम्लाख की निशानदेही पर बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफरनगर से कई यूनिवर्सिटी के जाली दस्तावेज/ फर्जी डिग्री और मोहर बरामद हुई। प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला है कि ये 100 से ज्यादा लोगों को फर्जी डिग्री बांट चुका है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया- जनवरी माह में उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भण्डाफोड़ किया गया था। इस गिरोह का मास्टरमाइंड इम्लाख पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनामी भी घोषित किया गया था।
आयुर्वेदिक डॉक्टरों के फर्जीवाड़े में करीब 36 डॉक्टर
एसटीएफ की जांच में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के फर्जीवाड़ा में करीब 36 डॉक्टरों को लोकेट किया गया था। जांच में सामने आया था कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की फर्जी डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर का मालिक इमरान और इम्लाख तैयार कर रहे थे। इसको लेकर थाना नेहरू कालोनी देहरादून में मुकदमा एसटीएफ की ओर से दर्ज कराया गया था।
देहरादून एसआईटी ने मामले में पहले भी आरोपियों को गिरफ्तार किया।
तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार
इस मामले की जांच देहरादून एसआईटी कर रही है। एसटीएफ ने शुरुआत में दो फर्जी चिकित्सकों प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरफ्तार किया गया था । पूर्व में एसटीएफ की टीम द्वारा बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से ही गिरफ्तार किया।
इमरान के कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों के विवि की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी करंसी एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए थे। जांच के दौरान फर्जी डिग्री बनाने का मास्टरमाइंड एवं मुख्य अभियुक्त इम्लाख का पता चला। वह जोगी बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का मालिक है।
कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर
इम्लाख कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। जो बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज चलाता है। यहां बीफार्मा, बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की फर्जी डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर का मालिक इमरान और इम्लाख तैयार कर रहे थे।
मोबाइल बंद कर हुआ फरार
मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी इम्लाख अपना मोबाइल बंद कर मुजफ्फरनगर से फरार हो गया था। इसकी गिरफ्तारी पर उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था।
सूचना मिली तो टीम ने अजमेर से पकड़ा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि 1 फरवरी 2023 को एसटीएफ टीम को सूचना प्राप्त हुई कि इम्लाख अजमेर में छुप कर रह रहा है । सूचना मिलते ही एक टीम देहरादून से जयपुर के लिए रवाना हुई। एसटीएफ टीम ने 2 फरवरी को मुखबिर की सूचना एवं टेक्निकल स्पोर्ट से अभियुक्त इम्लाख को किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्त इम्लाख की निशानदेही पर बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफरनगर से कई यूनिवर्सिटी की फर्जी फर्जी डिग्री और मोहर बरामद हुई।
पहले सम्पति कुर्क, फिर रिलीज - पुलिस ने करीब एक साल पहले डीएम के आदेश पर गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत इम्लाख की 25 करोड़ की अर्जित संपत्ति कुर्क की थी। जिनमें चार भवन, फार्मेसी महाविद्यालय की ज़मींन, दो निर्माणाधीन भवन तथा कुछ कृषि योग्य भूमि कुर्क की गई थी। विशेष गैंगेस्टर एक्ट के जज राधेश्याम यादव ने अपील मंज़ूर करते हुए कुर्क संपत्ति रिलीज करने के आदेश दिए तथा डीएम के 20 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया। कुर्क संपत्ति बाबा चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम रिलीज करने का आदेश दिया।
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