पाली के बोमादड़ा के पास हुए रेल हादसे के बाद रिकॉर्ड टाइम में ट्रैक ठीक कर दिया गया। रात करीब 11 बजे इस पर ट्रायल भी किया गया। इससे पहले यहां पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रैक रिकॉर्ड टाइम में ठीक करने की बात कही थी।
वैष्णव ने ट्रैक की जांच भी की थी और कहा कि गाड़ियां सुबह फिर से चलने लगेंगी। उन्होंने बताया- पटरी में टेक्निकल डिफेक्ट के कारण हादसा हुआ। साथ ही भविष्य में हादसा नहीं हो इसके लिए निर्देश दिए।
दरअसल, पाली शहर से 20 किलोमीटर दूर सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे सूर्य नगरी एक्सप्रेस के 3 कोच पलट गए थे। हादसे में 11 कोच पटरी से उतर गए और 26 लोग घायल हो गए थे। घटना के तुंरत बाद से से रेल मंत्री सहित पूरा प्रशासन एक्टिव रहा। मंत्री अश्विनी वैष्णव सोमवार शाम करीब 7 बजे घटनास्थल पर पहुंचे।
उन्होंने टूटे ट्रैक का रेलवे अधिकारियों के साथ मौका मुआयना किया। हादसे को लेकर जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने यहां काम कर रहे मजदूरों का हौंसला भी बढ़ाया। रेल मंत्री करीब 32 मिनट तक ट्रैक पर ही रुके।
ट्रैक ठीक करने के बाद सोमवार रात करीब 11 बजे इस पर मालगाड़ी चलाई गई। इसके बाद भी रेलवे अधिकारी काफी देर तक पूरे ट्रैक की जांच करते रहे।
इस दौरान उन्होंने कहा- बहुत दुखद घटना है। हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन 5 मिनट में अलर्ट हो गया। सबके सब काम पर लग गए। लोगों को रेस्क्यू करने पर फोकस किया। किसी भी तरह से यात्रियों की जान बचाई जाए। इस पर फोकस रहा। वे खुद सुबह 4 बजे से घटना की मॉनिटरिंग करते रहे।
उन्होंने कहा- भगवान की कृपा हैं कि सभी यात्री सेफ हैं। जिन यात्रियों को इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल ले गए है उनमें से एक के माइनर फैक्चर है। बाकी सभी यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। रेलवे ने मुआवजा भी तुरंत दिया। जितना मुआवजा होता है, उससे ज्यादा दिया गया है।
ट्रैक के ठीक होने से पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद पटरी की जांच की। सभी टेक्निकल पॉइंट पर अधिकारियों से बात की।
वैष्णव बोले- मैं राजकियावास और बोमादड़ा गांव के लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगा। आपने तुरंत मौके पर आकर सबका ख्याल रखा। रेलवे की मदद की। पाली जिले के प्रशासन और पुलिस को भी धन्यवाद, जिन्होंने मिलजुल कर यात्रियों की ऐसे सेवा की। जैसे उनके परिवार के सदस्य हों।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विचार है कि हमें सेवा भाव से हर काम करना है। उसी भावना के साथ काम किया है। बहुत जल्दी इस रूट को फिर से शुरू कर देंगे। घटना की इंक्वारी की जाएगी। बुधवार को जांच के लिए सीआरएस आ जाएगी।
हादसे के करीब 15 घंटे के भीतर रेल मंत्री मौके पर पर पहुंचे। इससे पहले वे दिनभर पूरे घटनाक्रम को लेकर अधिकारियों से बात करते रहे।
रेल मंत्री की जांच में ये बातें सामने आईं
- अश्विनी वैष्णव ने कहा- मैंने खुद रेल की पटरियों की जांच की है। जांच में सामने आया कि पटरी टूटी है। पटरी के अंदर एक हिस्सा है। उसमें टेक्निकल डिफेक्ट (किडनी फोरमेशन) हुआ है। इस वजह से पटरी कमजोर हो गई।
- उन्होंने बताया- जिस तरह डामर की सड़क पर रबड़ का टायर चलता है। उसी प्रकार लोहे के ट्रैक पर लोहे का पहिया चलता है। जो एक तरह से हथौड़े जैसा काम करता है। टेक्निकल डिफेक्ट वाली जगह पर जब पहिया चला तो पटरी टूट गई।
- उन्होंने कहा- ट्रैक की पेट्रोलिंग रात में ही हुई थी। जांच में सब ओके मिला था। इस ट्रैक का कुछ दिन पहले अल्ट्रा साउंड भी हुआ था। ट्रैक ओके मिला था। सर्दियों से पहले देश में जहां भी सर्दी के कारण परेशानी होती है। उस जगह अल्ट्रा साउंड करवाया जाता है। 24 दिसम्बर को भी पटरियों का अल्ट्रा साउंड हुआ था। ट्रैक के अंदर की तरफ परेशानी हुई है।
- उन्होंने कहा- इस वाले स्लॉट की जितनी भी पटरियां बनी हैं। सभी की पहचान कर ली गई है। कुल 1900 किलोमीटर पटरियों को बदला जाएगा। ताकि हादसा न हो। उन्हें बदलने के आदेश सुबह ही दे दिए थे।
सेफ्टी कमिश्नर जांच करने आएंगे
मुंबई सेंट्रल रेलवे सेफ्टी कमिश्नर मनोज अरोड़ा पाली ट्रेन एक्सीडेंट की जांच के लिए 3 जनवरी को पाली पंहुचेंगे। उसी दिन घटनास्थल का दौरा करेंगे। इसके बाद 4 और 5 जनवरी को जोधपुर मंडल मुख्यालय में डिटेल इन्वेस्टिगेशन करेंगे।
रेल मंत्री ने तुरंत इस स्लॉट की सभी पटरियों को बदलने के निर्देश दिए हैं।
घटना के बात तुरंत लिए गए फैसले
- हादसे के तत्काल बाद रेल अमला अजमेर, जोधपुर, पाली, मारवाड़ से घटनास्थल पर भेजा और राहत कार्य शुरू किया गया।
- ऑफिसर, क्रेन, एंबुलेंस, दवाएं, डॉक्टर सभी को समय पर घटनास्थल भेजकर वहीं घायलों का इलाज शुरू करवा दिया गया।
- इस रेल हादसे में घायलों को तत्काल मुआवजा भी दे दिया गया। रेल मंत्री के निर्देश पर रेलवे की टीम बांगड़ हॉस्पिटल पहुंची।
- तत्काल गंभीर घायल को एक लाख रुपए और आंशिक रूप से घायल 16 लोगों को 25-25 हजार रुपए का मुआवजा दे दिया। सामान्य तौर पर इस पूरे प्रोसेस में 7 से 8 दिन का समय लग जाता है।
- मुआवजा देने में आमतौर पर 7 से 8 दिन का समय लगता है, लेकिन हमने तत्काल कार्रवाई कर 8-10 घंटे में घायलों को मुआवजा दिया।
- रेल मंत्री के कॉल के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा और DRM गीतिका पांडेय मौके पर कैंप किए हुए है।
ये भी पढ़ें-
पटरी से 80 फीट दूर गिरा ट्रेन का कोच:मोबाइल देखते-देखते नीचे लुढ़का; यात्रियों की जुबानी- कैसे पलटी ट्रेन
सुबह साढ़े तीन बजे का समय...सूचना मिली कि बांद्रा से जोधपुर जा रही सूर्य नगरी ट्रेन के कोच पलट गए हैं। हादसा पाली शहर से 20 किलोमीटर दूर बोमादड़ा के पास हुआ। वहां पहुंचना आसान नहीं था। भास्कर रिपोर्टर हॉस्पिटल पहुंचा तो प्रशासन अलर्ट हो चुका था, एंबुलेंस रवाना होने वाली थी। भास्कर रिपोर्टर भी एंबुलेंस में सवार होकर मौके पर पहुंचा। अंधेरा इतना था कि पता भी नहीं चल रहा था कि कौन सा कोच कहां पर है।
तीन किलोमीटर पैदल चलने पर कुछ लोग पटरी पर पैदल आते दिखे, कुछ मिट्टी से सने थे तो कुछ घबराए हुए थे। हाथों में समान और ठंड में ठिठुरते बच्चे। घटना के बारे में पूछा तो बोले- पता नहीं धमाका हुआ। 14 कोच पटरी से उतर गए। ट्रेन में सवार यात्रियों की जुबानी पढ़िए कितना दर्दनाक था ये हादसा... (यहां पढ़ें पूरी खबर)