कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को सरेआम गोलियों से भूनकर हत्यारे झुंझुनूं में पहाड़ी पर बने एक मंदिर में जा छुपे थे। मर्डर के बाद बदमाश झुंझुनूं की तरफ भागे थे। हरियाणा बॉर्डर पर आने के बाद पांचों बदमाश अलग हो गए।
इनमें जतिन और सचिन समेत एक नाबालिग पौंख गांव की पहाड़ियों कि तरफ चले गए। उन्हें लगा कि उनके दो साथी भी यहां पहुंच जाएंगे। ये तीनों बदमाशों पौंख गांव की एक पहाड़ी पर बने मंदिर में रुके थे, जहां इन्होंने रात बिताई।
भास्कर टीम झुंझुनूं के पौंख गांव की इन पहाड़ियों में बने हनुमान मंदिर तक पहुंची। यहां पुजारी भुजपालदास ने मर्डर के बाद के पूरे घटनाक्रम को बताया। उन्हें इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि ये तीनों मर्डर कर यहां आए है। इसी मंदिर में उन्होंने खाना बनाया, चाय बनाई और यहीं पर रुके।
झुंझुनूं के पौंख गांव के इसी मंदिर में तीनों बदमाश रुके थे। मर्डर के बाद शनिवार शाम वे यहां आए थे और यहीं से सभी के साथ फरार होने की प्लानिंग थी।
बता दें कि शनिवार को बदमाशों ने राजू ठेहट को सीकर में उसके घर पर ही गोलियां बरसा कर मार दिया था। इस सिलसिले में रविवार को सीकर और झुंझुनूं पुलिस दोनों की टीमों ने मिलकर पांचों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। दो बदमाशों को हरियाणा के बॉर्डर के पास डाबला से पकड़ा गया है, जबकि तीन की गिरफ्तारी झुंझुनूं के पौंख गांव से हुई थी।
अब पुजारी भुजपालदास से सुनिए- मर्डर के बाद कैसे बदमाश मंदिर पहुंचे...
झुंझुनूं जिले के पौंख गांव की पहाड़ियों पर ये मंदिर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 7 से 8 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। भास्कर की टीम घने जंगलों को पार करते हुए सुबह 8 बजे मंदिर पहुंची। यहां पुजारी भुजपालदास टहल रहे थे।
जब उनसे बदमाशों के बारे में पूछा गया तो वह बोले उन्हें बाद में पता चला कि ये मर्डर कर यहां आए थे।
पुजारी भुपालदास बताते हैं, 'शाम के साढ़े 5 बजे थे। मैं मंदिर में ही बैठा था। इस दौरान तीन युवक आए (जतिन, सचिन और एक नाबालिग)। मैं उन्हें जानता नहीं था। उन पर कोई शक भी नहीं हुआ, क्योंकि यहां लोग दर्शन करने आते रहते थे। इनमें से एक ने बताया कि वे शादी में आए थे। किसी ने इस मंदिर के बारे में बताया तो हम भी यहां दर्शन करने के लिए आ गए।
जब वे मंदिर तक पहुंचे अंधेरा हो चुका था। उन्होंने दर्शन किए और कई देर तक यहां बैठे रहे। उस दौरान रात हो चुकी थी। मैंने पूछा कैसे जाओगे तो कहा- अब तो अंधेरा हो गया है और पहाड़ी पर जंगली-जानवर भी रहते हैं। हमें जानवरों से डर लगाता है। इसलिए अब सुबह ही निकलेंगे।
तीनों ने मंदिर के गेट के पास बने एक हॉल में व्यवस्था कर ली थी। पूरी रात वे इसी हॉल में थे। सुबह मैं उठा और पूजा-पाठ कर आरती करने लगा। 6 बजे उन्होंने चाय बनाई। मुझे भी पिलाई थी। इसके बाद मुझे कहा कि हम घूमने जा रहे हैं और अपने दो साथियों को लेकर आ रहे हैं। इसके बाद वे मंदिर से निकल गए।'
तीनों बदमाश अपने दो साथियों का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद मंदिर में बने इसी हॉल में सो गए थे और सुबह 6 बजे के बाद निकल गए।
तीनों ने सोचा बाकी साथी भी यहां आ जाएंगे, लेकिन वे निकल गए
पुजारी भुपालदास ने बताया कि तीनों ने बताया था कि वे राजगढ़ के रहने वाले हैं। साथ में ये भी बताया कि उनके दो साथी भी आएंगे। इसके बाद वे सुबह सभी यहां से साथ जाएंगे। पुजारी ने बताया कि उन्होंने किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं की। न ही उन्हें पता था कि उनके पास खतरनाक हथियार हैं।
ऐसा लग रहा था कि बदमाशों ने पहले से प्लानिंग कर रखी थी कि वे जंगल के रास्ते होते हुए इस मंदिर में पहुंचेंगे और रात यहीं गुजारेंगे। ताकि किसी को शक न हो। लेकिन, जब सुबह तक उनके दो साथी नहीं आए तो उन्हें अंदेशा हो गया था कि कुछ गलत है। ऐसे में वे मौका देख वहां से भाग गए।
मंदिर से निकलते ही पकड़ में आए, लोगों ने देख लिया था
जतिन, सचिन और नाबालिग आरोपी के दो साथी विक्रम और मनीष पहले ही पकड़े जा चुके थे। इस सर्च ऑपरेशन में स्थानीय लोगों ने भी काफी मदद की। ग्रामीणों और पुलिस को पता था कि बाकी तीन बदमाश इन्हीं पहाड़ियों में छिपे हैं।
तीनों सुबह करीब 6:15 बजे मंदिर से निकलने के बाद पहाड़ियों पर घूमने लगे। इधर, इन्हें स्थानीय लोगों ने देख लिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई कि मंदिर के पास की पहाड़ियों पर तीन लोग घूमते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस जंगल के भोमिया जी के मंदिर पहुंची तो यहां निर्माण कार्य चल रहा था। यहां पहले से कुछ लोग मौजूद थे।
पुलिस ने बदमाशों के बारे में पूछा तो बताया कि तीन युवक सुबह इस मंदिर की तरफ आए थे। इस पर सादा वर्दी में पुलिस टीम को भेजा गया। तीनों बदमाश नीचे उतर रहे थे। इस दौरान उन्हें शक हुआ कि सिविल ड्रेस पहने पुलिस हो सकती है। इस पर वे दोबारा पहाड़ी पर चलने लगे तो पुलिस ने पीछा किया। इसी दौरान शूटर्स ने फायरिंग शुरू की दी। जवाब में दो एसएचओ हिम्मत सिंह और मनीष कुमार ने भी जवाब में फायरिंग की। इस पर गोली बदमाशों के पैर में लग गई, जिसके बाद तीनों पकड़ में आए।
घने जंगल से घिरी पहाड़ियां, यहां खूंखार लेपर्ड भी
जहां बदमाश पकड़े गए वह इलाका सीकर से 65 किलोमीटर की दूरी पर है। पहाड़ी पर बना मंदिर और इसके आस-पास का पूरा इलाका जंगल से घिरा है। यहां जंगली-जानवरों का खतरा भी हमेशा मंडराता रहता है। जंगल के पास ही माइनिंग एरिया भी है। जंगल के पास मनसा पहाड़ी है, ये भी घने जंगलों से घिरा है। इसे लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया घोषित कर रखा है और 10 लेपर्ड फैमिली यहां रहती है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर का रास्ता दुर्गम है। यहां पैदल ही पहुंचा जा सकता है। यहां से पहुंचने के लिए 8 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है।
शनिवार को किया गया था गैंगस्टर का मर्डर
शनिवार सुबह करीब 10 बजे राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट की सीकर के पिपराली रोड स्थित उसके घर में हत्या कर दी गई थी। कोचिंग इंस्टीट्यूट की यूनिफॉर्म पहने बदमाशों ने घर के बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग कर दी। ठेहट को 20 से ज्यादा गोलियां लगी थीं।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया कि इस फायरिंग का एक बदमाश ने वीडियो भी बनाया। इधर, लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने इसकी जिम्मेदारी ली है। हत्याकांड में 5 शार्प शूटर शामिल थे।
बदमाशों ने पहले से प्लानिंग कर रखी थी कि पकड़े जाने पर वे सीधे जंगल में पहुंचेंगे। लेकिन, ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।
इन चार आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए शूटर्स में से दो मनीष जाट और विक्रम गुर्जर सीकर के ही रहने वाले हैं। वहीं, सतीश कुम्हार, जतिन मेघवाल हरियाणा के भिवानी के हैं। पुलिस ने इनके पास से हथियार सहित चोरी की क्रेटा गाड़ी भी बरामद की है।
ठेहट मर्डर में गिरफ्तार शूटर्स को सीकर के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।
दो बदमाश 7 दिन के रिमांड पर
मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो बदमाशों को हरियाणा के बॉर्डर के पास डाबला से पकड़ा, जबकि तीन की गिरफ्तारी झुंझुनूं के पौंख गांव से हुई । पकड़े गए शूटर्स में से दो मनीष जाट और विक्रम गुर्जर सीकर के ही रहने वाले हैं। सतीश कुम्हार, जतिन मेघवाल हरियाणा के भिवानी के हैं। पुलिस ने इनके पास से हथियार सहित चोरी की क्रेटा गाड़ी भी बरामद की है। गिरफ्तार दो बदमाश विक्रम और मनीष को पुलिस जाब्ते के बीच सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान क्वीक रिस्पॉन्स टीम के जवान हाथों में हथियार लेकर तैनात रहे।
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया, पढ़िए ADG क्राइम रवि प्रकाश महरडा ने क्या बताया...
- हत्या के बाद भागते वक्त ऑल्टो गाड़ी के पास खड़े एक व्यक्ति ताराचंद कड़वासरा से चाबी छीनी। ताराचंद ने इसका विरोध किया तो उन्हें भी बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके साथ ही कैलाश चंद्र नाम के व्यक्ति को भी इस दौरान पैर में गोली मारी थी। उनका इलाज चल रहा है।
- भागने के दौरान ये लोग झुंझुनूं जिले की बागोली नदी में उतर गए। इससे पहले उन्होंने इलाके में फायरिंग की। पुलिस ने इन्हें सब तरफ से घेर लिया था। तलाशी अभियान चला रहे थे। ये रात का फायदा उठाकर हरियाणा भागना चाह रहे थे। दो बदमाश हरियाणा बॉर्डर के पास डाबला में खेत में छुपे हुए थे। इन्हें विदेशी हथियारों के साथ पुलिस ने दबोच लिया।
- तीन लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर थे। तलाशी के दौरान पब्लिक ने काफी सपोर्ट किया। पहाड़ियों में पुलिस छानबीन कर रही थी। यह एरिया ऐसा है कि यदि यहां अपराधी छुप जाएं तो स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना ढूंढना मुश्किल रहता है।
कोर्ट ने बदमाश विक्रम और मनीष को 7 दिन के रिमांड पर भेजा है।
- लोगों की मदद से माला खेत की पहाड़ियों में छुपे हुए लोगों को ढूंढा। दो बदमाशों ने पुलिस के दो इंस्पेक्टर पर फायरिंग की। बचाव में पुलिस ने भी फायरिंग की। इस दौरान दोनों के पैर में गोली लगी है। आरोपियों में एक नाबालिग भी है। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर जांच कर रही है।
- जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी ली है, उनके बारे में पूरी छानबीन करने के बाद ही पुलिस पुख्ता तौर पर कुछ कह सकती है। अभी पुलिस को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं।
- आरोपियों के पास से चीन और तुर्की में बने 5 विदेशी हथियार बरामद हुए हैं। इन्होंने 52 राउंड सीकर में, तीन बबई में और मुठभेड़ के वक्त पांच राउंड फायर किए।
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गैंगस्टर राजू ठेहट को मारी थीं 25 गोलियां:50 घंटे बाद परिवार वाले शव लेने को हुए तैयार, गांव में लगे अमर रहे के नारे
राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का शव करीब 50 घंटे बाद परिवार वाले लेने को तैयार हुए। इससे पहले सीकर के एसके हॉस्पिटल में करीब 3 घंटे पोस्टमॉर्टम चला। राजू ठेहट को 25 गोलियां लगी थीं। बदमाशों ने दोनों कंधे और सीने में गोली मारी थी। मंगलवार दोपहर पौने 3 बजे परिवार वाले शव लेकर गांव रवाना हुए थे। गांव में शव पहुंचते ही भीड़ राजू ठेहट और RTG जिंदाबाद के नारे लगाने लगी। शाम करीब साढ़े पांच बजे अंतिम संस्कार हुआ।
राजू ठेहट का शव एंबुलेंस से उसके पैतृक गांव ठेहट शाम करीब 4.30 बजे लाया गया। उसके अंतिम दर्शन करने रिश्तेदार, समाज और गांव के लोगों की भीड़ थी। घर से करीब 200 मीटर दूर खेत में ही अंतिम क्रिया की गई।
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BJP नेता ने डरकर ठेहट को बेच दिया था बंगला:लॉरेंस से खतरा इसलिए गैंगस्टर ने बनवाया 3 करोड़ का घर, 5 बॉडीगार्ड; दहशत में पड़ोसी
सीकर में शनिवार सुबह 4 बदमाशों ने गैंगस्टर राजू ठेहट को गोलियों से भून उसकी हत्या कर दी। घर के बाहर बदमाशों ने एक के बाद एक 50 राउंड फायर किए। इधर, कुछ महीने पहले गैंगस्टर राजू ठेहट अपनी जड़ें जयपुर समेत आस-पास इलाकों में जमाना चाहता था। उसने 9 महीने पहले जयपुर के पॉश इलाके स्वेज फार्म में 650 गज का बंगला लिया।
इस बंगले के लिए डील हुई भाजपा नेता प्रेम सिंह बाजौर से। बताया जाता है कि 3 करोड़ में राजू ठेहट ने यह बंगला खरीदा।
डील तय होने के ऐन वक्त पर राजू ठेहट अपने गनमैन के साथ बाजौर के सामने आया। राजू को सामने खड़ा देख वह मना नहीं कर पाए और बंगला उसे बेच दिया। लेकिन, जयपुर में बंगला लेने के बाद राजू को सबसे ज्यादा खतरा आनंदपाल और लॉरेंस गैंग से था। वो हर समय 5 बॉडीगार्ड साथ रखता था और पूरे घर की 30 सीसीटीवी से निगरानी। (पूरी खबर पढ़ें...)