सीकर में शनिवार सुबह 4 बदमाशों ने गैंगस्टर राजू ठेहट को गोलियों से भून उसकी हत्या कर दी। घर के बाहर बदमाशों ने एक के बाद एक 50 राउंड फायर किए। इधर, कुछ महीने पहले गैंगस्टर राजू ठेहट अपनी जड़ें जयपुर समेत आस-पास इलाकों में जमाना चाहता था। उसने 9 महीने पहले जयपुर के पॉश इलाके स्वेज फार्म में 650 गज का बंगला लिया।
इस बंगले के लिए डील हुई भाजपा नेता प्रेम सिंह बाजौर से। बताया जाता है कि 3 करोड़ में राजू ठेहट ने यह बंगला खरीदा।
डील तय होने के ऐन वक्त पर राजू ठेहट अपने गनमैन के साथ बाजौर के सामने आया। राजू को सामने खड़ा देख वह मना नहीं कर पाए और बंगला उसे बेच दिया। लेकिन, जयपुर में बंगला लेने के बाद राजू को सबसे ज्यादा खतरा आनंदपाल और लॉरेंस गैंग से था। वो हर समय 5 बॉडीगार्ड साथ रखता था और पूरे घर की 30 सीसीटीवी से निगरानी।
पढ़िए- राजू के जयपुर में नेटवर्क बनाने की कहानी…
बाजौर ने बताया कैसे खरीदा था बंगला
मेरा राजू ठेहट और उस जैसे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। मैं ऐसे लोगों से बहुत दूर तक रहता हूं और मेरा इनसे कोई वास्ता नहीं था। ऐसे लोगों की दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही खराब होती है।
9 महीने पहले ही बात है मेरा स्वेज फार्म में बंगला है। मैं उसे बेचना चाहता था। ऐसे में पिछले साल ही दलालों को बंगला बिकवाने के लिए बोल दिया था। एक दलाल ने मुझे बताया कि उसके पास एक ग्राहक है और तय डील में वह खरीदने को तैयार है। ऐसे में उसे ही बोल रखा था कि वह अपने स्तर पर सब कुछ फाइनल कर दें और हुआ भी वैसा ही।
जब डील फाइनल हुई तो दलाल ने मुझे पार्टी से मिलाने को कहा और मैंने हां कर दी। दलाल जब राजू ठेहट को मेरे सामने लाया तो मैं क्या करता, मैं उसे क्या बोलता। वो मेरे सामने था तो मैं मना कैसे करता। मुझे तब पता चला कि बंगला राजू ठेहट खरीदना चाहता है। ऐसे में मैं कैसे कह देता कि तुझे बंगला नहीं देंगे। मुझे पहले पता होता तो मैं मना कर देता। ऐसे में मुझे समय से पहले बंगला उसे बेचना पड़ा।
प्रेम सिंह बाजौर भाजपा नेता है। एक साल पहले किसान आंदोलन के समय अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर पर हमला हो गया था। उनके साथ मारपीट कर कपड़े तक फाड़ दिए गए थे। तब राजस्थान में इस घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं भाजपा नेता और पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे प्रेम सिंह बाजौर की।
गनमैन से घिरा रहता ठेहट, रात में रात शोर-शराबा भी
कई संगीन अपराधों के चलते राजू जेल में बंद रहा। उसे पिछले साल के अंत में जमानत मिली। इसके बाद इस साल की शुरुआत में वह जयपुर आ गया। यहां उसने अपने गैंग का नेटवर्क बढ़ाने की मंशा से बंगले का सौदा किया। सौदा होने के बाद उसे शिफ्टिंग शुरू की तो आस-पास के लोगों के होश उड़ गए। लोग दहशत में थे क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि यहां कभी भी गैंगवार हो सकती है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि ठेहट के बंगला खरीदने के बाद स्वेज फार्म में उस मोहल्ले का माहौल बिगड़ने लगा। वहां के लोगों में उसकी दहशत हो गई थी। स्थानीय लोगों की उसे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं थी। शुरुआत में पुलिस को भी शिकायत नहीं की। ठेहट अपने गनमैन से घिरा रहता था। हर समय तीन-चार गनमैन उसके साथ रहते थे। देर रात तक शोर-शराबा होने लगा।
गैंगस्टर राजू ठेहट का जयपुर स्थित बंगला। लॉरेंस-आनंदपाल की गैंग से उसे खतरा था, इसलिए बंगले में सिक्योरिटी के व्यापक इंतजाम कराए गए थे।
हरियाणा के थे गनमैन, मोहल्ले के लोगों ने ही की थी शिकायत
पुलिस ने बताया कि ठेहट के साथ रहने वाले गनमैन हरियाणा के थे। ये गनमैन आते-जाते उसके साथ ही रहते हैं। ऐसे माहौल में मोहल्ले से कोई सीधे बात करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। पुलिस ने जब उसे शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया तब उसकी शिकायत मोहल्ले के लोगों ने ही की थी।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो चला कि राजू ठेहट और उसके साथी इस बंगले में रहते हैं और उनके पास हथियार भी हैं। पुलिस पूरी तैयारी के साथ आई और ठेहट और उसके साथियों को शांति भंग करने के आरोप में पकड़ा। इसके बाद राजू ठेहट वापस सीकर शिफ्ट हो गया था।
आनंदपाल और लॉरेंस गैंग से हमेशा खतरा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जयपुर में राजू ठेहट अपने साथ हमेशा 5-6 साथी रखता था। अकेला आने-जाने से भी बचता था। उसे आनंदपाल और लॉरेंस समेत अन्य गैं से भी जान का खतरा था। इस कारण वह और उसके साथी हर समय हथियार से लैस रहते।
पुलिस ने जब बंगले से राजू ठेहट और उसके साथियों को पकड़ा तब भी काफी हथियार बरामद हुए। ठेहट और उसके साथियों से 2 पिस्टल, 1 रिवॉल्वर, 315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की एक गन और 61 कारतूस मिले थे।
बंगले के बाहर और भीतर तक 30 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए।
बंगले के चारों ओर हाई सिक्योरिटी, 30 से ज्यादा सीसीटीवी
ठेहट सालों जेल में बंद रहा और जमानत मिलने के बाद उसने जयपुर में रहने का प्लान बनाया। इसके दो कारण थे पहला कारोबार और दूसरा खुद की सिक्योरिटी। इसलिए बंगला खरीदने के बाद बंगले के चारों तरफ हाई सिक्योरिटी के इंतजाम किए। बंगले के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए। लोगों ने बताया कि बंगले के बाहर और भीतर तक 30 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए।
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि जब वह यहां रहने आया इसके बाद कॉलोनी में एंट्री पर बड़े दरवाजे लगे थे, जिन्हें ठेहट ने उखाड़ दिए और अपने बंगले के नजदीक लगा लिए। ठेहट ने इन बड़े-बड़े गेट को अपने बंगले की गली के बाहर लगवा दिया। वह इन गेट को बंद ही रखवाता था। ठेहट के रहने के अंदाज के चलते उसका किसी ने विरोध नहीं किया। जब कोई आता, तो उसके पूछने पर ही गेट खोले जाते थे।
जयपुर में बनाना चाह रहा था अपना दूसरा ठिकाना
राजू ठेहट भी हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती और धमकी देकर वसूली आदि मामलों में जेल जा चुका है। जेल से जमानत मिलने के बाद उसने जयपुर में दो ठिकाने बना लिए थे। जयपुर में गैंग को मजबूती देने और नए सिरे से उसे एक्टिव करने के लिए मांगियावास में फार्म हाउस खरीदा था। इस फार्म हाउस पर ही ठेहट सट्टेबाजों से मिलता और जमीन विवाद निपटाने के लिए पैसे वसूली का भी काम करता था।
क्या है मामला
राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में शनिवार सुबह गैंगवार में मर्डर हो गया था। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे बदमाशों ने घर के बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग कर दी। ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी थी। इसके बाद बदमाश झुंझुनूं की तरफ भाग गए थे। इधर, फायरिंग की जानकारी मिलते ही सीकर SP कुंवर राष्ट्रदीप सहित बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और DGP के निर्देश पर पूरे राज्य में नाकाबंदी की गई थी।ठेहट की गैंग शेखावाटी में काफी सक्रिय थी और आनंदपाल गैंग से भी उसकी दुश्मनी थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद भी दोनों गैंग में वर्चस्व की लड़ाई जारी थी। राजू ठेहट के मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस ग्रुप के रोहित गोदारा ने ली है। गोदारा बीकानेर के लूणकरणसर का है। गोदारा ने एक पोस्ट भी किया है, जिसमें लिखा है कि ये हमारे बड़े भाई आनंदपाल और बलबीर की हत्या में शामिल था। जिसका बदला आज हमने इसे मारकर लिया है।
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राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में शनिवार सुबह गैंगवार में मर्डर हो गया। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे बदमाशों ने घर के बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग कर दी। ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी थी। मर्डर के बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया था कि बदमाश पंजाब और हरियाणा बॉर्डर की तरफ जाएंगे। इन बदमाशों के पीछे राजस्थान पुलिस है। पूरे प्रदेश में ए श्रेणी की नाकाबंदी कराई गई।
इसी दौरान पुलिस को इनपुट मिला की बदमाश झुंझुनूं जिले के खेतड़ी से होते हुए हरियाणा की तरफ भागने की फिराक में हैं। दोपहर करीब पौने एक बजे सूचना मिली कि बदमाशों ने झुंझुनूं के बबई इलाके में फायरिंग की है। मौके से फुटेज खंगाले गए तो सामने आया कि पुलिस सफेद क्रेटा कार का पीछा कर रही है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में आज सुबह गैंगवार में मर्डर हो गया। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे बदमाशों ने घर के बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग कर दी। ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी थी।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया कि इस फायरिंग का एक बदमाश ने वीडियो भी बनाया। इधर, लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने इसकी जिम्मेदारी ली है। हत्याकांड में 5 शार्प शूटर शामिल थे। चार की पहचान कर ली गई है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)