सितंबर के महीने में देश का इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) 3.1% बढ़कर 133.5 हो गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने शुक्रवार को इसके आंकड़ें जारी किए। आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2021 में IIP 4.4% बढ़ा था। सितंबर 2022 में इंडस्ट्रियल ग्रोथ में ज्यादा सुधार इलेक्ट्रिसिटी और माइनिंग सेक्टर्स के कारण आया है।
बिजली उत्पादन में 11.6% की बढ़ोतरी
अगस्त में महज 1.4% की बढ़ोतरी के बाद सितंबर में सालाना आधार पर बिजली उत्पादन में 11.6% की बढ़ोतरी हुई है। ये 187.4 पर पहुंच गया है। वहीं अगस्त में 3.9% के संकुचन के बाद माइनिंग आउटपुट में सालाना आधार पर 4.6% का इजाफा हुआ है। ये बढ़कर 99.5 पर पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 1.8% की ग्रोथ दिखी। ये 134.3 पर पहुंच गया।
पिछले साल सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4.3% की ग्रोथ देखी गई थी। आंकड़ों से पता चलता है कि इसी महीने के दौरान माइनिंग सेक्टर में 8.6% की बढ़ोतरी हुई थी जबकि बिजली क्षेत्र में 0.9% की बढ़ोतरी हुई थी।
वहीं सितंबर 2022 में अन्य चार कैटेगरी प्राइमरी, कैपिटल, इंटरमीडिएट, इंफ्रास्ट्रक्चर सभी सितंबर में तेजी से बढ़े। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में गिरावट रही।
|
सितंबर
2022 |
अगस्त
2022 |
सितंबर
2021 |
IIP ग्रोथ |
3.1% |
-0.7% |
4.4% |
माइनिंग |
4.6% |
-3.9% |
8.6% |
मैन्युफैक्चरिंग |
1.8% |
-0.5% |
4.3% |
इलेक्ट्रिसिटी |
11.6% |
1.4% |
0.9% |
यूजर बेस्ड क्लासिफिकेशन |
प्राइमरी गुड्स |
9.3% |
1.7% |
4.6% |
कैपिटल गुड्स |
10.3% |
4.3% |
3.3% |
इंटरमीडिएट गुड्स |
2.0% |
1.2% |
7.0% |
इंफ्रास्ट्रक्रर गुड्स |
7.4% |
2.1% |
9.3% |
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स |
-4.5% |
-2.5% |
1.6% |
कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स |
-7.1% |
-9.5% |
-0.1% |
प्राइमरी गुड्स का उत्पादन 9.3% बढ़ा
अब, यूज्ड बेस्ड गुड्स में, इस साल सितंबर में प्राइमरी गुड्स का उत्पादन 9.3% बढ़ा, जबकि कैपिटल गुड्स का उत्पादन 10.3% बढ़ा। आंकड़ों के अनुसार, इंटरमीडिएट गुड्स आउटपुट में 2.0% और इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स में 7.4% की बढ़ोतरी हुई, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में (-)4.5% और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में (-)7.1% की गिरावट रही। मंत्रालय अक्टूबर के लिए रिटेल महंगाई के आंकड़े सोमवार 14 नवंबर को जारी करेगा।
इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) क्या है?
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, उद्योगों के उत्पादन के आंकड़े को औद्योगिक उत्पादन कहते हैं। इसमें तीन बड़े सेक्टर शामिल किए जाते हैं। पहला है- मैन्युफैक्चरिंग, यानी उद्योगों में जो बनता है, जैसे गाड़ी, कपड़ा, स्टील, सीमेंट जैसी चीजें।
दूसरा है- खनन, जिससे मिलता है कोयला और खनिज। तीसरा है- यूटिलिटिज यानी जन सामान्य के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें। जैसे- सड़कें, बांध और पुल। ये सब मिलकर जितना भी प्रॉडक्शन करते हैं, उसे औद्योगिक उत्पादन कहते हैं।
इसे नापा कैसे जाता है?
IIP औद्योगिक उत्पादन को नापने की इकाई है- इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन। इसके लिए 2011-12 का आधार वर्ष तय किया गया है। यानी 2011-12 के मुकाबले अभी उद्योगों के उत्पादन में जितनी तेजी या कमी होती है, उसे IIP कहा जाता है।
इस पूरे IIP का 77.63% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आता है। इसके अलावा बिजली, स्टील, रिफाइनरी, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और फर्टिलाइजर- इन आठ बड़े उद्योगों के उत्पादन का सीधा असर IIP पर दिखता है।