करौली। करौली क्षेत्र में करीब एक माह बाद ही टाइगर ने हमला कर एक और ग्रामीण की जान ले ली। सपोटरा उपखंड के बसारी गांव में खेत पर जा रहे युवक को टाइगर उठा ले गया। माना जा रहा है कि ग्रामीण की जान टाइगर 104 ने ली है। टाइगर 104 का पिछले कई दिनों से क्षेत्र में मूवमेंट बताया जा रहा है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व वनकर्मी मौके पर पहुंचे। इससे पहले जिला मुख्यालय के पास दुर्गेशी घटा की बस्ती के पास से बाघ ने गत 31 जुलाई को चरवाहे को अपना शिकार बनाया था। बाघ उसे जंगल में ले गाया था। उसका शव 19 घंटे बाद मिला था।
इसके तीन दिन बाद दुर्गसी नदी नहारदह के पास फिर बाघ देखे जाने ग्रामीण खौफ में रहे। भूमिया बाबा क्षेत्र में दो बार अलग-अलग जगह बाघ दिखने से ग्रामीण में भयभीत रहे। तब बाघ द्वारा चरवाहे के शिकार की घटना ने लोगों को झकझोर के रख दिया था। तब लोगों ने घरों से निकलना तक बंद कर दिया था। चरवाहे की जान बाघ द्वारा ही लेने की पुष्टि होने पर सरकार ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी थी।
चरवाहे का किया था शिकार
दुर्गसी नदी नहारदह के पास चरवाहे रूप सिंह वाली की बाघ के हमले में की मौत हो गई थी। कैलादेवी, सवाई माधौपुर, भरतपुर, करौली की टीमें बाघ को ट्रेप कैमरे एवं जाल डाल कर पकड़ने के प्रयास में जुटी थीं। लाखन सिंह, एसीएफ ने बताया था कि खूबनगर सहित आस-पास के इलाके में बाघ की लोकेश ट्रेस हो रही है।
बाघ के डर के कारण शिकारगंज नई बस्ती, नहारदह, ससेडी, दुर्गेशी घटा, बरखेडा, रामपुर धावाई, बड़ वाला तालाब, ईमली वाला तालाब, रणगवां तालाब, पातरी, खोरा का बाग सहित आस-पास के इलाके के लोग भयभीत हो गए है। लोग मजदूरी करने तक के लिए नहीं जा रहे थे। घरों से बच्चों एवं महिलाओं को बाघ के डर के कारण बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। यहां तक कि राउप्रावि नहारदह में तो बाघ के भय के कारण एक दिन ताला लटका रहा था। जहां एक ओर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा तो अध्यापक भी बाघ के डर के कारण स्कूल नहीं पहुंचे।
मृतक के परिजनों को दी थी पांच लाख की सहायता
चरवाहे की मौत बाघ के हमले से ही होने की पुष्टि होने के बाद सरकार ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी थी। कलेक्टर ने दुर्गेशी घटा निवासी की बाघ के हमले से मौत पर मृतक के परिजनों को एक लाख की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री कोष से व वन विभाग ने 4 लाख रुपए का चेक उसकी पत्नी को सौंपा था।