बागीदाैरा के सर्वपल्ली राधाकृष्णन कॉलेज में बीए फाइनल के इतिहास के दोनों पेपर में गुरुवार को सामूहिक नकल कराई जा रही थी। परीक्षार्थी खुलेआम मोबाइल, पासबुक व पर्चियों से नकल रहे थे। यह सबकुछ कॉलेज प्रिंसिपल केंद्राधीक्षक व आठ शिक्षकों की मौजूदगी में हो रहा था। नकल एक कमरे में नहीं, बल्कि 6 कमरे में हो रही थी। पकड़ में आए 79 नकलचियों में 39 प्राइवेट छात्र हैं।
गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी बांसवाड़ा के कुलपति टीम के साथ निरीक्षण के लिए कॉलेज पहुंचे तो सामूहिक नकल देखकर चौंक गए। यूनिवर्सिटी ने इस कॉलेज के 79 परीक्षार्थियों की एग्जाम रद्द कर दी है। केंद्राधीक्षक प्रिंसिपल अरविंद देवड़ा और दवीक्षकाें काे हटाया दिया है।
दैनिक भास्कर ने कॉलेज प्रिंसिपल अरविंद देवड़ा से बात की तो बोले कि परीक्षार्थियों की जांच और सेनेटाइज करने के बाद ही उन्हें एग्जाम हॉल में प्रवेश दिया जाता है। छात्र टॉयलेट के लिए जाते हैं तो इधर-उधर पर्चियां देख ली होंगी। एग्जाम हॉल में पर्चियां व पासबुक कैसे पहुंची के सवाल पर बोले कि बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के बाद भी वहां आरडीएक्स बरामद होता ही है ना। देवड़ा शिक्षा विभाग में बीईईओ भी रह चुके हैं।
प्रिंसिपल अरविंद देवड़ा के सामने हो रही थी नकल, भास्कर से बोले-बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के बाद भी आरडीएक्स पहुंच जाता है
कॉलेज पहुंचे तो टेबल की आवाज आ रही थी, छात्र एक-दूसरे को पासबुक व पर्चियां पकड़ा रहे थे : कुलपति
बागीदौरा पहुंचे तो जोर-जोर से टेबल व कुर्सियों की आवाज आ रही थी। वहां छात्र उठ-उठकर एक-दूसरे को पासबुक व पर्चियां फेंककर दे रहे थे। सामूहिक नकल हो रही थी। पासबुक, मोबाइल, पर्चियां व वन-वीक सीरिज बरामद हुई। यह बेहद गंभीर मामला है। केंद्र के इतिहास का पेपर रद्द कर दिया है। पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया है। जांच कमेटी बना दी है। मान्यता रद्द करने का प्रावधान है, लेकिन जांच रिपाेर्ट के बाद फैसला करेंगे। कोरोना की वजह से सेंटर नहीं बदले थे। कॉलेज जो परीक्षाएं पहले हो चुकी हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाएं लेकर उनकी भी जांच की जाएगी।
- प्राे. आईवी त्रिवेदी, कुलपति, गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी
एक्सपर्ट व्यू
रद्द हाे सकती है कॉलेज की मान्यता : प्रो. त्रिवेदी
नकल प्रकरण में प्रशासनिक कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है। यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है। जिस केंद्र पर नकल मिलती है, वहां भविष्य में एग्जाम सेंटर नहीं बनाया जा सकता। कॉलेज की मान्यता रद्द हाे सकती है। -प्राे. प्रवीण त्रिवेदी, कुलपति, जाेधपुर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय
भास्कर पड़ताल
कॉलेज में हो चुकी संस्कृत, हिंदी व ज्योग्राफी की परीक्षाओं में कराई गई नकल, जांच होगी
गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी की एग्जाम 2 अगस्त को शुरू हुई। राधाकृष्णन कॉलेज में सिर्फ आर्ट्स संकाय हैं। यहां अब तक संस्कृत, हिंदी व ज्योग्राफी की परीक्षा हो चुकी है। इसलिए यह एग्जाम भी संदेह के दायरे में हैं। क्योंकि-जिस कॉलेज में प्रिंसिपल के सामने ही सामूहिक नकल चल रही हो, वहां बाकी परीक्षाओं का सवालों के घेरे में आना तय है। यूनिवर्सिटी भी अब बाकी पेपर की जांच कराएगी। दैनिक भास्कर ने सामूहिक नकल की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
परीक्षार्थी से पर्ची जब्त करते कुलपति आईवी त्रिवेदी।
परीक्षार्थी पासबुक और पर्चियां लेकर कैसे पहुंचे?
परीक्षार्थियों को केंद्र में प्रवेश देने से पहले उनकी जांच करने की जिम्मेदारी वीक्षकों की होती है। केंद्राधीक्षक को भी जांच करनी होती है। इसके बाद भी छात्रों को पासबुक, पर्चियों व मोबाइल के साथ अंदर जाने दिया गया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि अभी तक छात्रों से रुपए लेने की बात सामने नहीं आई है, लेकिन अगर कोई बात सामने आती है तो जांच होगी। इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है।
कॉलेज के छात्रों का सेंटर उसी कॉलेज में क्यों दिया?
यूनिवर्सिटी परीक्षा में नकल में जितनी जिम्मेदारी संचालक, केंद्राधीक्षक, वीक्षक की हैं। उतनी ही जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी की भी है। क्याेंकि-अब तक हुई परीक्षाओं में एक कॉलेज के विद्यार्थियों का सेंटर दूसरे काॅलेज में किया जाता रहा है। यह व्यवस्था माेहनलाल सुखाड़िया विवि की परीक्षाअाें से चली आ रही है, लेकिन इस बार गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी ने इस बार उसी कॉलेज को सेंटर दे दिए।
यूनिवर्सिटी ने केंद्राधीक्षक और वीक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया?
- गंभीर बात यह भी है कि यूनिवर्सिटी ने सामूहिक नकल को भी हल्के में लिया। केंद्राधीक्षक व वीक्षकों को सिर्फ केंद्र से हटाया, जबकि केंद्राधीक्षक उसी कॉलेज का प्रिंसिपल भी है। इनके खिलाफ सामूहिक नकल का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए था। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि इतने गंभीर मामले में भी क्या यूनिवर्सिटी केंद्राधीक्षक व वीक्षकों को जांच की खानापूर्ति करके बचाना चाहती है?
इधर, इतिहास-2 पेपर में 10 में से 8 सवाल आउट ऑफ सिलेबस पूछे
इतिहास पेपर 2 में 10 में से 8 सवाल आउट ऑफ सिलेबस पूछे गए। खंड य और ब में दो प्रश्न-पत्र थे। खंड ब की पांचों यूनिटों में प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस पूछे गए। छात्रों का कहना है कि 1, 3, 4 और 5 यूनिट में एक भी प्रश्न सिलेबस के अंदर का नहीं था। परीक्षा नियंत्रक डाॅ. नरेंद्र पानेरी ने बताया कि अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।