फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने गुरुवार को बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। 3 दिन की यात्रा पर बुधवार को बीजिंग पहुंचे मैक्रों ने जिनपिंग से रूस-यूक्रेन जंग पर चर्चा की। उन्होंने जिनपिंग से रूस को जंग रुकवाने के लिए तैयार करने की अपील की। जवाब में जिनपिंग ने कहा- चीन अपनी तरफ से इस बारे में पूरी कोशिश कर रहा है।
मैक्रों ने कहा- एक साल से ज्यादा समय से चल रही जंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय शांति को नुकसान पहुंचा है। मुझे भरोसा है कि आप रूस से बात करके सभी को नेगोसिएशन के लिए एक साथ ला सकते हैं। वहीं चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा- दुनिया में इस वक्त ऐतिहासिक बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में फ्रांस और चीन के बीच संबंध सकारात्मक और स्थिर हैं। दोनों देशों में मतभेद और प्रतिबंधों को पार करके साथ आने की क्षमता है।
बीजिंग में 2019 के बाद अब मैक्रों और जिनपिंग के बीच बैठक हुई।
EU लीडर, मैक्रों और जिनपिंग बैठक करेंगे
फ्रेंच राष्ट्रपति के साथ EU प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी चीन के दौरे पर पहुंची हैं। वो मैक्रों के बाद जिनपिंग से मुलाकात करेंगी। इसके बाद तीनों नेताओं की साथ में बैठक होगी। इस दौरान रूस-यूक्रेन जंग के साथ कोरोना की उत्पत्ति को लेकर भी चर्चा होगी।
जिनपिंग से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की।
चीनी प्रधानमंत्री से मिले मैक्रों
जिनपिंग से मिलने से पहले मैक्रों ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से भी मुलाकात की। ग्रेट हॉल में पहुंचने पर फ्रेंच राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई। वहीं ब्रास बैंड ने दोनों देशों के नेशनल एंथम बजाए। वहीं कियांग ने EU लीडर वॉन डेर लेयेन से भी बैठक की। EU लीडर ने कहा- मेरे इस दौरे से यूरोप और चीन के रिश्तों में सुधार हुआ है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में हमारे संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव रहे हैं और इसलिए हमें हर मुद्दे पर बातचीत करने की जरूरत है।
बुधवार को EU लीडर वॉन डेर लेयेन और मैक्रों ने बीजिंग में मुलाकात की थी।
दौरे से पहले मैक्रों ने बाइडेन से फोन पर बात की थी
चीन दौरे पर जाने से पहले मैक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से फोन पर भी बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने की कोशिश में चीन को शामिल करने पर सहमति बनी थी। दोनों नेताओं ने चीन के साथ बात करके उसे जंग रोकने के लिए रूस को समझाने और यूक्रेन में फिर से शांति लाने की इच्छा जाहिर की थी। चीन पहुंचने पर मैक्रों ने मीडिया से कहा था कि चीन की दिलचस्पी जंग को आगे बढ़ाने में नहीं है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वो जंग खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।