खाटूश्यामजी के लक्खी मेले की शुरुआत 22 फरवरी को हो चुकी है। ये मेला 4 मार्च तक चलेगा। इस शनिवार और रविवार करीब 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं और दावा किया जा रहा है कि एकादशी (3 और 4 मार्च) तक करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करेंगे।
लेकिन, पिछले साल 8 अगस्त 2022 को मंदिर में दर्शन के दौरान हुई भगदड़ के बाद यहां बहुत कुछ बदल दिया गया है। इस हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई थी। मंदिर कमेटी ने हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन की मदद से इस बार बेहतर व्यवस्थाएं की हैं।
कोविड के बाद पहली बार हुआ जब इन व्यवस्थाओं को बदलने के लिए 82 दिनों तक मंदिर को पूरी तरह बंद करना पड़ा। खाटू के व्यापारियों का मानना है कि मंदिर बंद होने से लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई थी। हालांकि, 5 से 7 हजार श्रद्धालु रोजाना आते थे जो कि बाहर से बाबा के हाथ जोड़ कर चले जाते थे।
हालांकि, भगदड़ वाली घटना के बाद मंदिर में पूरी व्यवस्थाएं बदल चुकी हैं…भास्कर टीम इसकी रियलिटी जानने खाटूश्याम पहुंची। बताया गया कि देशभर से आने वाले भक्त आसानी से दर्शन कर सकें इसके लिए 4 करोड़ की जमीनें खरीदी गई हैं और करीब 35 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं…
पढ़िए खाटू श्याम में इस बार कैसे है दर्शन की व्यवस्था….
अगस्त 2022 में हुए हादसे को देखते हुए इस बार व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। आस-पास की जमीनें खरीद रास्ते को चौड़ा कर दिया गया है।
40 फीट का रास्ता बनाने के लिए 4 करोड़ खर्च
पिछले साल श्याम बगीची के पास बने गेट पर ही हादसा हुआ था। अचानक दबाव बढ़ने पर भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 3 महिलाओं की मौत हो गई थी। श्रद्धालुओं ने गेट पर लगा ताला भी तोड़ डाला था। वहां पर रास्ता भी काफी संकरा था।
जहां हादसा हुआ उसी के सामने मंदिर कमेटी ने एक जमीन खरीदी। यहां पहले 10 से 12 फीट का रास्ता था, लेकिन अब ये जमीन लेकर यहां 40 फीट का रास्ता बना दिया गया है। जो घुमावदार मोड़ थे, उन्हें सीधा कर दिया गया है।
यहां करीब 100 से ज्यादा दुकानें हैं, जिनकी रजिस्ट्री करवाई गई है। पहले यहां पर कच्चा रास्ता बना हुआ था। अब ये रास्ता भी सीमेंटेड कर दिया गया है। जमीनें लेने और सड़कें बनाने से लेकर निर्माण कार्यों पर करीब 35 करोड़ रुपए का खर्चा हुआ है।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि अब वीवीआईपी दर्शन नहीं होंगे। इधर, अभी से ही भक्तों की दर्शन के लिए लाइन लगी हुई हैं।
अब बाबा के दरबार में कोई VVIP नहीं
पहले ये थी व्यवस्था: मंदिर कमेटी ने प्रशासन के साथ मिलकर वीवीआईपी दर्शनों की व्यवस्था को पूरी तरह से बंद करा दिया है। पहले पीछे के रास्ते से कमेटी के ऑफिस तक लाया जाता था। कमेटी के ऑफिस के पास से बने रास्ते से मंदिर तक गार्ड लेकर जाते थे। ये रास्ता सीधे ही बाबा के सामने लगे बैरिकेड के पास तक आता था। यहां पर बाबा के सामने बैठाकर दर्शन कराए जाते थे। मोरछड़ी से आशीर्वाद दिया जाता था। दर्शन कराने के बाद पीछे के रास्ते से ही वापस लेकर आते थे।
अब ये हैं व्यवस्था:
नई व्यवस्था के तहत मंदिर कमेटी से पीछा का रास्ता तोड़ दिया गया है। दर्शन के लिए 14 लाइनें बनाई गई हैं। इन्हीं लाइनों से ही दर्शन कराए जा रहे हैं। दर्शन के बाद तीन रास्तों से सीधे श्रद्धालु बाहर निकल जाते हैं।
जिगजैग वाले रास्ते को भी घटाकर 10 किमी का कर दिया गया है। पिछली बार ये रास्ता 18 किमी के करीब था।
अधिक भीड़ के लिए भी तैयार
सबसे खास बात है कि पहले रींगस से 18 किमी का पैदल मार्ग से होते हुए मंदिर आना पड़ता था। फिर चारण खेत और लखदातार ग्राउंड में भी 18 किमी पैदल चलना पड़ता था। अब ये रास्ता काफी कम हो गया है। जिगजैग का रास्ता 10 किलोमीटर का रह गया है। इस घुमावदार रास्ते को सीधा कर दिया गया है।
चारण खेत में जिगजैग की 8 लाइनें हैं जो करीब 4 किलोमीटर की हैं और दूसरी ओर लखदातार ग्राउंड में भी 8 लाइनें बनाई गई हैं जो कि 5 किलोमीटर का रास्ता बनाती हैं। हालांकि इन्हें तभी खोला जाएगा जब बहुत अधिक भीड़ का दबाव बढ़ेगा। पहले एक ही ग्राउंड को खोला जाएगा। भीड़ अधिक बढ़ने पर दोनों ग्राउंड के जिगजैग को खोला जाएगा। लखदातार ग्राउंड से सीधे 40 फीट का रास्ता मेला ग्राउंड तक बनाया गया है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए इस बार टेढ़े-मेढ़े रास्तों को बंद कर सीधा कर दिया है। ऐसे में आसानी से दर्शन होंगे।
1 मिनट में 90 से 120 लोग दर्शन कर रहे
मंदिर में पहले प्रवेश का एक ही रास्ता था और बाहर निकलने का भी एक रास्ता था। इससे अनहोनी की आशंका बनी रहती थी। अब नई व्यवस्था में 14 लाइन दर्शनों के लिए बनाई गई हैं। इन्हें लोहे के बैरिकेडिंग से पक्का लगाया गया है।
यहां से दर्शनों के बाद बाहर निकलने के लिए 3 नए रास्ते बनाए गए हैं। दर्शनों के बाद श्रद्धालु तेजी से बाहर की ओर निकल जाते हैं। कमेटी का मानना है कि नई व्यवस्था में अब 1 मिनट में 90 से 120 लोग दर्शन कर रहे हैं। पहला रास्ता पुराना ही है जो कि कबूतर चौक की तरफ निकल जाता है। दूसरा मंदिर के पीछे की ओर निकलता है और तीसरा रास्ता मंदिर के पास से ही निकलता है।
दावा किया जा रहा है कि इस बार 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे। ऐसे में यहां सिक्योरिटी गार्ड की भी संख्या बढ़ा दी है।
5 सिक्योरिटी एजेंसी के 1200 गार्ड
मंदिर कमेटी ने सुरक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए 5 सिक्योरिटी कंपनियों को हायर किया है। पालीवाल सिक्योरिटी PSS, leader security, span security, govindam security, spyboard सिक्योरिटी कंपनी से टेंडर किया गया है। इनके 200 गार्ड्स लिए गए हैं। पांचों एजेंसी से 1200 गार्ड लिए गए है। इन गार्ड को खाटू पुलिस के जिम्मे किया गया है। गार्डों को कहां पर ड्यूटी लगाना है ये सब पुलिस ही तय करेगी।
इसके अलावा मंदिर कमेटी के पुराने 160 गार्ड हैं जो कि मंदिर के अंदर ही व्यवस्था को देखेंगे। पिछली बार बाहर के गार्ड लगाए गए थे जिन्हें मेले की कोई जानकारी नहीं थी। स्काउट्स गाइड के भी मेंबर बढ़ाए गए हैं। अब करीब 1100 स्काउट्स गाइड की टीम मेले में मौजूद रहेंगी। जो कि श्रद्धालुओं को पानी पिलाने, व्यवस्थाओं को देखने का जिम्मेदारी निभाएंगी। ऐसे में करीब 2460 लोग सिक्योरिटी व सुरक्षा व्यवस्था में रहेंगे।
पहली बार घोड़ों पर पुलिस के जवान गश्त करेंगे। इसके साथ ही पूरे एरिया को सीसीटीवी से लैस किया गया है। कंट्रोल रूम से इन कैमरे के जरिए निगरानी की जा रही है।
4-4 की टुकड़ी में घोडों पर गश्त,320 सीसीटीवी
मेले में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 4-4 की टुकड़ी में जवानों को घोडों पर गश्त करने के लिए लगाया गया है। 16 घोड़ी पुलिस लाइन से ली गई हैं। चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए 320 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक कंट्रोम रुम बनाया गया है।
अभय कमांड सेंटर से भी जोड़ा गया है। अलग से ड्रोन भी मंगाए गए हैं। इनसे मेले के दौरान नजर रखी जाएगी। 4 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी ड्यूटी भी करेंगे। इंटेलिजेंस और सीआईडी की टीमें भी ड्यूटी देंगी।
तीन बड़ी पार्किंग फ्री, प्राइवेट को ठेके दिए
प्रशासन ने खाटू को जाम से फ्री रखने के लिए तीन बड़ी पार्किंग अलग से बनाई हैं। यहां पर 10 हजार से ज्यादा गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। नगरपालिका में एक पार्किंग बनाई गई है। दूसरी पार्किंग संस्कृति स्कूल के पीछे बनाई गई है। वहीं अलोदा रोड पर बड़ी पार्किंग बनाई गई है। एक अलग से 52 बीघा का मैदान प्रशासन ने बनाया है जहां पर पहले काफी कब्जे थे। इन कब्जों को हटा दिया गया है। यहां पर वाहन पार्क किए जाएंगे।
पालिका ने भी वाहनों को पार्किंग देने के लिए 100 से ज्यादा प्राइवेट पार्किंग के टेंडर दिए हैं। 4 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए तक पार्किंग के टेंडर लिए हैं। इनमें 100 रुपए की शुल्क रखा गया है।
दर्शन करने के बाद लोगों को बाहर निकलने में आसानी हो इसके लिए भी 4 एग्जिट पॉइंट बनाए गए हैं।
और, ये है एग्जिट प्लान : दर्शन करने के बाद बाहर जाने के 4 रास्ते खोले
खाटू में 14 लाइनों में दर्शन कराए जा रहे हैं। इससे जो दर्शन पहले 4 से 5 घंटे में होते थे। वहां पर अब 10 से 15 मिनट में ही हो रहे हैं। दर्शनों के बाद खाटू से बाहर निकलने के भी अलग-अलग नए रास्ते बनाए गए हैं।
खाटू से सबलपुरा व पलसाना होकर जा सकते हैं। ये करीब 16 किलोमीटर की सड़क है। मंडा मोड़ से पहले शाहपुरा चौमूं होकर जा सकते हैं। ये रास्ता भी 13 किलोमीटर का है। लामिया से बधाल, कालाडेरा होकर चौमूं सीधे जा सकते हैं। ये करीब 55 किलोमीटर का रास्ता है। इसके अलावा लामिया, पचार से रेनवाल होकर जा सकते हैं। जो कि 28 किलोमीटर लंबा पड़ता है।
नो पार्किंग में 1000 रुपए जुर्माना, 20 क्रेन लगाई
खाटू में पहली बार नगरपालिका और ट्रैफिक पुलिस ने जाम से बचने के लिए रास्ता तलाश लिया है। खाटू में लोग गाड़ियों से आते हैं और सड़क पर ही जगह देखकर गाड़ी लगा कर दर्शन करने चले जाते हैं। ऐसे में 4 से 5 घंटे तक गाड़ी वहीं खड़ी रहती थी। इससे जाम लग जाता था।
ऐसे वाहनों से जुर्माना वसूलने के लिए 20 क्रेनों को लगाया गया है। पालिका ने सड़क पर खड़े वाहनों पर जुर्माना वसूलने के लिए टेंडर जारी कर दिया। पालिका के अंदर ही सड़क पर खड़े वाहनों को क्रेन से उठा कर ले आते है। इन वाहनों छोड़ने पर 1000 रुपए की रसीद काटी जा रही है।
यहां जगह-जगह इस तरह से एलसीडी लगाई गई हैं। जहां भक्त कभी भी ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।
पक्के टॉयलेट और फिल्टर पानी के पॉइंट लगाएंगे
कमेटी मैनेजर संतोष शर्मा ने बताया कि हर साल मेले में अस्थाई टॉयलेट और पानी की व्यवस्था में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। बाद में अस्थायी टॉयलेट को वापस ले जाते हैं। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मेले के बाद जगह-जगह पर पक्के टॉयलेट बनाए जाएंगे। ये सारे पदयात्रा के रास्ते में ही बनेंगे। साथ ही आरओ वॉटर के लिए फिल्टर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
सड़क निर्माण का काम बीच में रोका
मंडा मोड से खाटू तक 10 किलोमीटर की दूरी है। सड़क पहले काफी खराब थी। मंदिर में काम चलने के दौरान सड़क को नया बनाया गया है। हालांकि करीब 4 किलोमीटर ही नई सड़क बनी है। बीच में सड़क पर रोड़ी डली हुई है। आगे करीब 5 किलोमीटर तक सड़क पूरी टूटी हुई है। यहां से भी सीकर, चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर के अलावा हरियाणा से आने श्रद्धालु पैदल ही आते हैं। सड़क टूटी होने से उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।
दर्शन को लेकर मंदिर कमेटी और प्रशासन की और से कई बदलाव किए गए हैं।
विकलांगों व वृद्धजनों के लिए ऑनलाइन पोर्टल
मंदिर कमेटी ने पहली बार बाबा श्याम के दर्शनों के लिए विकलांगों व वृद्धजनों के लिए नई व्यवस्था की है। बाबा के दर्शनों के लिए अलग से लाइन बनाई है। पहले ऑनलाइन पोर्टल पर निशुल्क आवेदन करना होगा। ऑनलाइन पोर्टल online.shrishyammandir.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। टिकट की सॉफ्ट कॉपी या हार्ड कॉपी साथ लानी होगी। दिव्यांगों को अपना मेडिकल सर्टिफिकेट और बुजुर्गों को एक फोटो लगा पहचान पत्र लाना होगा। बाबा के दर्शनों के लिए व्हील चेयर लगाई गई है। इस पर दिव्यांग बैठ कर आराम से बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
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भाजपा में आपस की खींचतान और नेताओं के बीच अंदरूनी संघर्ष के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 4 मार्च को चूरू के सालासर में बड़ा आयोजन करने जा रही हैं। यह कार्यक्रम उनके जन्मदिन से चार दिन पहले हो रहा है।
उनके समर्थक इसे वसुंधरा राजे के जन्मदिन महोत्सव के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। दावा है कि जन्मदिन महोत्सव में एक लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटेगी। जन्मदिन के कार्यक्रम के बहाने वसुंधरा का यह अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा। आयोजन की व्यवस्थाओं का जिम्मा वसुंधरा के नजदीकी नेताओं ने संभाल रखा है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)