रूस-यूक्रेन जंग को आज एक साल पूरा हो गया है। जंग का एक साल पूरा होने के आखिरी दिन यानी गुरुवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन, फ्रांस की राजधानी पेरिस और बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में प्रदर्शन हुए। PHOTOS में देखें यूरोप से ऑस्ट्रेलिया तक लोग किस तरह यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं...
यूक्रेन के ल्वीव शहर में लोगों ने सैन्य कब्रिस्तान में लैंटर्न जलाकर जंग में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। यहां रूसी अटैक में बड़ा नुकसान हुआ था।
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में यूरोपियन क्वार्टर के पास खिलौने और टेडी रखकर यूक्रेनी बच्चों को समर्थन दिया गया। ये टेडी उन बच्चों प्रतीक थे, जिन्हें जबरदस्ती रूस भेज दिया गया था।
लंदन के ट्रैफलगर स्क्वॉयर पर लोगों ने यूक्रेन के झंडे के साथ प्रदर्शन कर जंग झेलते लोगों को समर्थन दिया। यहां लोग अपने साथ डॉगी लाए थे, जिन्हें यूक्रेनी झंडे के रंग के कपड़े पहनाए गए थे।
ऑस्ट्रेलिया में रह रहे यूक्रेन के लोगों और उनके समर्थकों ने एक साल से जंग झेल रहे लोगों के समर्थन में रैली निकाली। सिडनी में लोगों ने बुलहॉर्न लेकर सेंट मैरी कैथेड्रल स्क्वायर तक मार्च किया।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफिल टॉवर को यूक्रेन के झंडे के पैटर्न में रोशन किया गया। पीले और नीले रंग में रंगे एफिल टॉवर की रोशनी पूरे पेरिस की स्काई लाइन से नजर आ रही थी।
चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में इंटीरियर मिनिस्ट्री बिल्डिंग पर यूक्रेनी झंडे के रंग (नीले और पीले) में जंग से जुड़ी जानकारियां डिस्प्ले की गईं।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में ब्रैंडेनबर्ग गेट के सामने हजारों लोग रातभर प्रदर्शन करते दिखे। इस दौरान उन्होंने कैंडल से जमीन पर पीस का साइन बनाया।
UN असेंबली में जंग खत्म करने के लिए प्रस्ताव पास
UN जनरल असेंबली में गुरुवार देर रात यूक्रेन में शांति और रूसी सेना की वापसी को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया। यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पास हुआ। 141 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं सात देशों बेलारूस, नॉर्थ कोरिया, सीरिया, माली, रूस, इरीट्रिया और निकारागुआ ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट वोटिंग की।
भारत, चीन और पाकिस्तान सहित 32 देशों ने UN में इस प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 11 पैराग्राफ के इस प्रस्ताव के पास होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट किया कि यह यूक्रेन के लिए वैश्विक समर्थन का सबूत है। वहीं UN में रूस के एंबेसडर दमित्री पोलांस्की ने इसे फालतू बताते हुए खारिज किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रस्ताव शांति नहीं लाएगा, बल्कि इससे जंग भड़काने वालों को हौसला मिलेगा।
UN जनरल असेंबली में यूक्रेन से रूसी फोजों की वापसी का प्रस्ताव पेश हुआ। इसके पक्ष में 141 और विरोध में 7 देशों ने वोटिंग की।
जंग के बीच चीन ने जारी किया पीस प्लान
चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को 12 पॉइंट का एक पीस प्लान जारी किया। इसमें रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर की अपील की गई। दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के साथ रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंध को खत्म करने को भी कहा गया।
चीन ने कहा कि इस युद्ध में न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करते हुए आम नागरिकों पर हमला नहीं करना चाहिए। चीन ने अपने पीस प्लान में कोल्ड वॉर की मानसिकता को खत्म करते हुए अमेरिका के दूसरे देशों के मामले में हस्तक्षेप न करने की भी मांग की।
सालभर कई देशों में रूसी हमले का विरोध होता रहा...
पिछले एक साल में कई देशों ने रूसी हमले का विरोध किया। कई देशों में रूसी एंबेसी के बाहर सड़कों को यूक्रेन के झंडे के रंग रंग दिया गया। इन देखें पिछले एक साल में रूस के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के PHOTOS...
23 फरवरी 2023 को जंग का एक साल होने पर पॉलिटिकल कैंपेन ग्रुप 'लेड बाय डॉन्की' के एक्टिविस्ट्स ने लंदन में रूसी दूतावास के बाहर सड़क पर यूक्रेनी झंडा पेंट किया।
यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने ही देश के नागरिकों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। सेंट पीटर्सबर्ग में प्रदर्शन पर पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था।
यूक्रेन पर रूसी हमले के दो दिन बाद 26 फरवरी 2022 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एम मेन में लोगों ने सड़कों पर पुतिन के खिलाफ नारेबाजी की थी।
26 फरवरी 2022 को इटली के मिलान शहर में लोगों ने यूक्रेन के समर्थन में यूक्रेनी झंडा लहराया था।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाले ऑस्ट्रेलियन-यूक्रेनियन कम्युनिटी के लोगों ने सड़कों पर पुतिन के खिलाफ यूक्रेन का झंडा लेकर मार्च किया था।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में भी पुतिन के यूक्रेन पर हमला करने के फैसले के खिलाफ नाराजगी जताई गई थी। टाइम्स स्क्वायर में लोगों ने प्रदर्शन किया था।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो कशिदा ने भी रूसी हमले की निंदा की थी। इसके बाद टोक्यो में लोग रूस के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।
भारत-अमेरिका ने जंग खत्म करने की अपील की
भारत और अमेरिका समेत तमाम देश पुतिन से जंग खत्म करने को कह चुके हैं। इजराइल और तुर्की ने मध्यस्थता की कोशिशें भी की थीं। PM मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई SCO की मीटिंग के बाद मोदी ने पुतिन से कहा था- आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर पुतिन ने मोदी से कहा था- मैं यूक्रेन से जंग पर आपकी स्थिति और चिंताओं को जानता है। मैं भी चाहता हूं कि ये सिलसिला जल्द से जल्द रुके।
रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...
रूस-यूक्रेन जंग का एक साल... VIDEO:तबाही, मातम और अपनों से बिछड़कर देश के लिए लड़ने का जज्बा
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। कभी बच्चों के स्कूलों में मिसाइलें दागीं ........तो कभी हॉस्पिटल्स को निशाना बनाया। हमलों में क्या बच्चे. क्या बूढे... प्रेग्नेंट महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। एक साल से रूस यूक्रेन पर हमले किए जा रहा है, पर ना तो जेलेंस्की ने घुटने टेके ना ही देश की जनता को टेकने दिए। पूरी खबर पढ़ें...
यूक्रेन लौट आए, लेकिन अलार्म बजते ही डर लगता है:यूक्रेन-जॉर्जिया पढ़ने लौटे भारतीय छात्र; सरकार से मदद नहीं, ऑनलाइन क्लास सहारा
24 फरवरी 2022 की सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव के लोगों की नींद बम धमाकों की आवाज से खुली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ ‘विशेष सैन्य अभियान’ के नाम पर जंग शुरू कर दी। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद ये किसी देश का दूसरे देश पर किया गया सबसे बड़ा हमला था। पूरी खबर पढ़ें...
यूक्रेन के 2500 स्कूल, 1.5 लाख घर तबाह:रूस ने 1 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन छीनी, लेकिन 1500 मिलिट्री ऑफिसर भी गंवाए
हर काम का कुछ हासिल होता है। ऐसे में रूस-यूक्रेन जंग के एक साल पूरे होने पर वक्त है ये जानने का कि आखिर जंग से हासिल क्या हुआ है? सालभर में इस जंग ने 27 हजार से ज्यादा की जानें ली हैं। वहीं 1.86 करोड़ से ज्यादा लोगों को बेघर करके उन्हें मुल्क छोड़ने को मजबूर किया है। पूरी खबर पढ़ें...