सबसे बड़ी घंटी...
पहला एलईडी गार्डन...
सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा...
देश का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट...
दूध से सफेद संगमरमर से बनी देश की सबसे ऊंची चंबल माता की मूर्ति...
राजस्थान में एक ही जगह पर ये पांच रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं। यहां विष्णु के 10 अवतार के दर्शन भी होंगे। दरअसल, कोटा में चंबल किनारे 2.7 किलोमीटर का रिवर फ्रंट तैयार हो रहा है। इसका काम लगभग पूरा हो गया है।
भास्कर इस रिवर फ्रंट का पहली बार ड्रोन वीडियो लेकर आया है। आगे पढ़िए- इस रिवर फ्रंट की खासियत...।
कोटा में बाढ़ से मिलेगी राहत, 26 घाट बनेंगे
1200 करोड़ रुपए में बन रहे इस रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर 26 घाटों का निर्माण करवाया गया है। इन घाटों को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है। खास बात ये है कि इस रिवर फ्रंट से चंबल नदी के किनारे बसी बस्तियों को बाढ़ से राहत मिलेगी। साथ ही चंबल नदी में गिर रहे 14 गंदे नालों को ट्रैप कर नाले के पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इससे चंबल के पानी का भी साफ होगा।
रिवर फ्रंट पर बनाया गया देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का फेस मास्क। इनकी आंखों में से रिवर फ्रंट देख सकेंगे।
जवाहर लाल नेहरू का चेहरा पूरी तरह मेटल से बनाया जा रहा है। लोग इसके अंदर जा सकेंगे।
नेहरू का चेहरा अंदर से इस तरह दिखेगा। इसमें लोगों के खड़े होने के लिए प्लेटफॉर्म बनेगा।
नेहरू की आंखों से देख सकेंगे रिवर फ्रंट
रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में 120 मीटर की लंबाई में जवाहर घाट का बनाया गया है। रिवर फ्रंट के काम में जुटे इंजीनियर मुकेश महावर ने बताया कि इस घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का फेस मास्क बनाया गया है। यह फेस मास्क 12 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा है। मेटल से बनाए जा रहे इस मास्क में पीछे की तरफ से लोग अंदर जा सकेंगे। आंखों तक पहुंचेंगे। वहां से रिवर फ्रंट का नजारा देख सकेंगे। इसके बिल्कुल सामने चंबल माता की मूर्ति होगी। इसके भी दर्शन नेहरू की आंखों से किए जा सकेंगे। इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा है। 125 से ज्यादा मजदूरों ने इस पर काम किया।
फेस मास्क का अभी फीनिशिंग का काम चल रहा है। काम पूरा होने के बाद ऐसा नजर आएगा।
सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा
महावर ने बताया- रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा बनाई गई है। दुनियाभर में ये नंदी की सबसे बड़ी प्रतिमा है। अभी इसकी फीनिशिंग का काम चल रहा है। यूआईटी अधिकारियों के अनुसार इस नंदी की प्रतिमा की ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। नंदी की प्रतिमा जोधपुर स्टोन बनाई गई है। इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा। 200 मजदूर इसे बनाने में जुटे। इस प्रतिमा के सामने मंदिर के स्ट्रक्चर भी तैयार किए गए हैं, जो पांच तत्वों को दर्शाते हुए होंगे।
नंदी की प्रतिमा भी बनकर तैयार है। इसकी फीनिशिंग का काम चल रहा है। इसे बनाने में करीब 200 मजदूर जुटे हुए हैं।
कोटा रिवर फ्रंट में बन रही नंदी की ये मूर्ति जोधपुर स्टोन से बनाई जा रही है। यह करीब मंजिला मकान के बराबर होगी।
विश्व की सबसे बड़ी घंटी, 15 मिनट में होगी कास्टिंग
चंबल रिवर फ्रंट के पश्चिम जोन में ही विश्व की सबसे बड़ी घंटी भी लगाई जाएगी। अभी इसे तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मौके पर ही फैक्ट्री लगाई गई है। इसमें इसकी कास्टिंग का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
इसे बना रहे देवेंद्र आर्य ने बताया- यह घंटी सिंगल पीस कास्टिंग की होगी। यानी कि इसे टुकड़ों में नहीं लगाया जाएगा। बल्कि सिंगल पीस ही बनाया जाएगा। यह 30 फीट ऊंची और 28 फीट चौड़ी होगी। इसका वजन 72 टन है। अष्ट धातु से इसका निर्माण किया जा रहा है। इसकी उम्र 5 हजार साल होगी। यानी कि इसकी चमक कभी काली नहीं पड़ेगी।
रिवर फ्रंट में लगाई जाने वाली इस घंटी को मौके पर ही तैयार किया जा रहा है। इसका फिलहाल मैटेरियल तैयार हो रहा है। इसके बाद कास्टिंग की जाएगी।
देवेंद्र ने बताया कि अभी 600 लोग इसका पैटर्न और स्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं। जिस मिश्रण से यह बनाई जानी है। वह तैयार हो रहा है। इसके बाद कास्टिंग में सिर्फ 15 मिनट का समय लगेगा। यानी घंटी के आकार में इसे बनाने में सिर्फ 15 मिनट ही लगेंगे। इसकी एक और खास बात यह है कि इसमें जो पेंडुलम होगा, वह भी बिना जॉइंट का होगा। दुनिया में चीन और रूस में ही ऐसी घंटियां हैं। इसमें से चीन की 6 बाई 6 मीटर और रूस की 6 बाई 6.5 मीटर की है। रूस वाली घंटी को कभी लटकाया नहीं जा सका।
घंटी के लिए ये स्ट्रक्चर तैयार हो रहा है। यहां पर घंटी को ढाला जाएगा।
सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति, बार्सिलोना फाउंटेन शो
चंबल के पूर्वी किनारे पर रिवर फ्रंट पर सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति स्थापित की जा रही है। इंजीनियर विनोद गौड़ ने बताया- यह प्रतिमा रिवर फ्रंट पर बैराज की तरफ बनाए गए गार्डन में बन रही है। वृंदावन गार्डन की तर्ज पर इस बैराज गार्डन को विकसित किया गया है, जहां 20 मीटर के प्लेटफॉर्म पर 42 मीटर ऊंची चंबल माता की मूर्ति बनाई जा रही है। वियतनाम मार्बल से बनाया जा रहा है। यह भारत में दूध से संगमरमर की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। अभी इसका काम चल रहा है। साथ ही यही 40 मीटर व्यास के बार्सिलोना फाउंटेन की तर्ज पर फाउंटेन भी बनाया गया है। यहां लोग रंग बिरंगी रोशनी और म्यूजिक के साथ फाउंटेन शो देख सकेंगे। इसके अलावा 42 मीटर ऊंची कैसल बिल्डिंग में संग्रहालय चलेगा।
रिवर फ्रंट पर तैयार किया जा रही चंबल माता की प्रतिमा। यह सफेद संगमरमर से बनाई जा रही है।
चंबल माता की प्रतिमा का काम अभी चल रहा है। इसमें कुछ समय लगेगा, बनने के बाद इस तरह नजर आएगी।
गायब होने वाला स्ट्रक्चर चौंकाएगा
रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में योग घाट बनाया गया है। यहां योग मुद्रा में एक स्ट्रक्चर होगा जो लोगों को चौंकाएगा। यह गायब होने वाला स्ट्रक्चर होगा। ये स्ट्रक्चर कभी दिखेगा तो कभी नहीं दिखेगा। इसे स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है। यह स्टील की पत्तियों से बनेगा। 6 मीटर की ऊंचाई के इस स्ट्रक्चर में 12 टन स्टील लगा है, जो मध्यप्रदेश में बनाया गया है। कोटा लाकर लगाया जाएगा।
एलईडी लाइट से बनेगा गार्डन
इसके साथ ही यहां पर देश का पहला एलईडी गार्डन भी बनाया गया है। इस घाट पर जो गार्डन विकसित किया है। एलईडी से अलग-अलग एलिमेंट बनाए जाएंगे। एलईडी से पक्षी पेड़ पौधों के एलिमेंट बनाएंगे। एक तरह से एलईडी शो की तरह काम करेगा। यहां आने वाले लोगों को वास्तविक पेड़ पौधों पक्षियों की जगह एलईडी एलिमेंट दिखाई देंगे।
इस रिवर फ्रंट पर अलग-अलग देशों की 9 इमारतें भी बनाई जाएंगी। इनमें दिल्ली का लाल किला भी शामिल होगा।
सिक्का डालते ही निकलेगा भाग्य, कोटा में दिखेगा वाशिंगटन
रिवर फ्रंट के पूर्वी जोन में राशिफल घाट बनाया गया है। एक टावर बनेगा, जिसमें अलग-अलग राशि के चक्र होंगे। एक सिक्का डालने पर राशि के अनुसार व्यक्ति अपना भाग्य जान सकेगा। इसके बाद वर्ल्ड हेरिटेज जोन बनाया गया है। इसमें अलग-अलग देशों की 9 प्रमुख भवनों को रिवर फ्रंट पर बनाया गया है।
इनमें वेस्टमिंस्टर एबे इंग्लैंड, ईरान की अगाह बोजोर्ग मोस्क्यू, साउथ का गोपुरम टेंपल एंट्रेंस, इटली का ट्रेवी फाउंटेन, दिल्ली का लाल किला(सरमथुरा के लाल पत्थर से), चाइना का पगोड़ा फोगोंग टेम्पल, फ्रांस का म्यूजियम, यूएस कैपिटल वॉशिंगटन डीसी, थाई टेम्पल की बिल्डिंग्स बनाई गई है। इनके अनुसार रेस्टोरेंट चलेंगे। जैसे लाल किला भवन में मुगलई, गौपुरम भवन में साउथ, चाईनीज बिल्डिंग में चाईनीज फूड का लुत्फ उठा सकेंगे।
रिवर फ्रंट पर वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनाई गई है। इनमें संबंधित देशों के पकवान का आनंद लोग ले सकेंगे।
विष्णु के 10वें अवतार के होंगे दर्शन, पन्नाधाय-हाड़ी रानी का शौर्य दिखेगा
रिवर फ्रंट के पूर्वी छोर पर हाड़ौती घाट बनाया गया है, जहां बूंदी शैली पर निर्माण हुआ है। 84 खंभों की छतरी, तारागढ़ फोर्ट का एंट्रेंस बनाया गया है। इसके साथ ही यहां पर 10-10 फुट की पन्नाधाय और हाड़ी रानी की गनमेटल से बनी प्रतिमाएं भी स्थापित की जा रही हैं। इसके आगे रामपुरा घाट पर बड़ी समाज पर विष्णु के 10 अवतार बनाएं जा रहे हैं। यहां विष्णु का दसवां अवतार कल्कि के भी दर्शन लोग कर सकेंगे।
हाड़ी रानी की वीरता दर्शाती प्रतिमा 10 फीट ऊंची बनाई गई है।
पन्नाधाय की वीरता को भी रिवर फ्रंट पर प्रतिमा के जरिए दर्शाया गया है।
किड्स जोन में वाटर पार्क, म्यूजिकल जोन भी
रामपुरा घाट के बाद किड्स जोन बनाया गया है। इसे वाटर पार्क नाम दिया है, जहां 3 पुल होंगे। इनमें एक छोटा पुल बच्चों के लिए भी होगा। साथ ही वाटर स्लाइड रहेगी। पार्टी हॉल होगा। वहीं, म्यूजिकल जोन में थिएटर होगा। यहां कलाकार अपनी प्रस्तुति दे सकेंगे। लोग बैठकर देख सकेंगे। म्यूजिकल जोन के घाट को पियानो के आधार पर काले और सफेद पत्थर से बनाया गया है।
इसके अलावा साहित्य घाट को किताबों की शेप दी गई है, जो बांसवाड़ा के वाइट स्टोन से बनाया जाएगा। यहां 5 साहित्यकारों की प्रतिमाएं भी लगेंगी। लाइब्रेरी में किताबें पढ़ी जा सकेगी। फव्वारा चौक में बैंक्वेट हॉल और अलग-अलग तरह के फव्वारे होंगे। सिंह घाट में 9 शेर व्हाइट मार्बल से मनाया गया है। जो 35-35 टन वजनी होंगे। इसके अलावा यहां पर कमर्शियल शॉप्स होंगी। वोटिंग और क्रूज का संचालन भी होगा।
वैदिक मंदिर का निर्माण भी किया गया है, जो नंदी प्रतिमा के सामने है।
रिवर फ्रंट के सिंह घाट पर शेरों के स्टैच्यू लगाए गए हैं। ये सभी एक लाइन में दिखाई देंगे।
पश्चिमी जोन में गीता घाट पर लगेंगे श्लोक
चंबल नदी के पश्चिमी किनारे पर रिवर फ्रंट पर गीता घाट बनाया गया है, जहां पर गनमेटल से लिखे श्लोक लगाए जाएंगे। गीता के यह श्लोक आने वाले लोगों को ज्ञान का संदेश देंगे। वहीं, मशाल घाट पर मसाले लगाई जा रही है। छोरी चौक में योद्धाओं की प्रतिमा लगाई गई है। साथी रीजन ऑफ राजस्थान जोन में राजस्थान के प्रसिद्ध भवनों की प्रतिरूप बनाए जा रहे हैं।
लाल किले के सामने बनाया जा रहा ग्लोब। इसमें अलग अलग देशों के लोगों की छोटी-छोटी पहचान रूपी फोटोज होंगी।
नदी के दोनों किनारों पर अलग-अलग थीम पर घाट बनाए गए हैं। ऐसे कुल 26 घाट बनाए गए हैं।
रिवर फ्रंट पर लोगों के अट्रेक्शन के लिए रेगिस्तान के जहाज ऊंट की भी मूर्ति तैयार की गई है।
रिवर फ्रंट के दूसरे किनारे पर तैयार किए जा रहे घाट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शुक्रवार शाम रिवर फ्रंट पर पहुंचे थे। निर्माण कार्यों का जायजा लिया, मजदूरों से बात की।
अशोक गहलोत भी रिवर फ्रंट पर पहुंचे
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जायजा लेने पहुंचे सीएम अशोक गहलोत भी शुक्रवार शाम रिवर फ्रंट पहुंचे थे। यहां मंत्री शांति धारीवाल ने सीएम को पांचों रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दी थी। साथ ही गहलोत ने मौके पर मौजूद मजदूरों से भी बात की थी। उनसे राजस्थान की फ्लैगशिप योजनाओं पर फीडबैक लिया था।
ड्रोन सपोर्ट- अनुज सैनी, हरिओम
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