राज्यसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से सरकार गिराने का मुद्दा सामने आया है। इन चुनाव से पहले किशनगढ़ बास के MLA दीपचंद खैरिया ने यह कहकर चौंका दिया कि वह 60 करोड़ रुपए में भी नहीं बिके। अब पूरी तरह से कांग्रेसी है।
दरअसल, गुरुवार को उदयपुर बाड़ेबंदी से राज्यसभा का वोट डालने के लिए जयपुर आने से पहले एमएलए खैरिया से भास्कर संवाददाता से बातचीत की।
खैरिया ने कहा कि पिछली बार सरकार गिराने की भाजपा ने कोशिश की। उस समय उसके पास 60 करोड़ रुपए का ऑफर आया था। बीजेपी के नेता ही ऑफर दे सकते हैं। उनके पास ही है पैसा भरा हुआ है। लेकिन, मैंने बिना सोचे समझे ठुकरा दिया। अब तो मैं पूरी तरह कांग्रेसी हो चुका हूं। इसलिए बिना सोचे समझे कांग्रेस के प्रत्याशी के साथ हूूं। उन्होंने यहां तक दावा किया- पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के समय तो उनके पास मंत्री बनाने का ऑफर था। उसे भी ठुकरा दिया था। अलवर जिले में 11 एमएलए हैं। इसमें से 5 कांग्रेस, 2 बीजेपी, 2 निर्दलीय और 2 बसपा से हैं। बसपा से किशनगढ़ बास के एमएल्ए दीपचंद खैरिया व तिजारा एमएलए संदीप यादव जीतकर आए थे। बहरोड़ से बलजीत यादव व थानागाजी से कांती प्रसाद मीणा निर्दलीय जीते थे। बसपा के संदीप यादव व निर्दलीय बलजीत यादव समय-समय पर नाराजगी जताते रहे हैं। वे इस बार एनवक्त पर बाड़ेबंदी में पहुंचे। संदीप यादव पहले नाराज थे। बाद में उनकी मांग सरकार ने मानी तो चले गए। विधायकों की नाराजगी और राज्यसभा चुनाव को लेकर MLA दीपचंद खैरिया से बातचीत....
सवाल : बसपा के एमएलए होने के बावजूूद आप आसानी से कांग्रेस के साथ चले जाते हैं। अलवर के दो विधायक आसानी से नहीं जाते हैं ऐसा क्यों?
जवाब: बसपा से पहले जीत के आए थे। अब कांग्रेसी हैं।
सवाल : अलवर के निर्दलीय विधायक बलजीत यादव व बसपा से आए संदीप यादव अपनी-अपनी मांगे व शर्तों से दबाव बनाते हैं आप क्यों नहीं?
जवाब: मैंने कभी पैसा नहीं मांगा और मांगे नहीं रखी। ना मैं बिका।
सवाल : फिर आपके ही जिले के दो विधायकों की ऐसी क्या मांग रहती है।
जवाब: ये तो वही बता सकते हैं। उन्हीं से बात करें। वरिष्ठ क्या करेंगे। अपने अलग-अलग विचार हैं।
सवाल: आपने कभी नाराजगी नहीं दिखाई?
जवाब: हम सरकार के प्रति क्या। पार्टी से बंधा हुआ हूं।
सवाल: पार्टी से तो निर्दलीय व दूसरे विधायक भी बंधे हुए हैं लेकिन, वे आसानी से नहीं जाते हैं?
जवाब: मेरा इतना बंधा नहीं हूं। मैंने मंत्री पद को ठाेकर मारी। पूर्व मुख्यमंत्री भरौसिंह शेखावत मंत्री पद दे रहे थे। मैंने ठाेकर मारी। कुछ दिन पहले ही 60 करोड़ रुपए दे रहे थे। ठोकर मार दी।
सवाल: कब 60 करोड़ रुपए दे रहे थे , राजयसभा चुनाव में बीजेपी देने को तैयार थी?
जवाब: सरकार बचाने को लेकर जब बाड़ेबंदी की तब 60 करोड़ रुपए दे रहे थे। बीजेपी ही यह पैसा देगी। पैसा तो बीजेपी के पास है सारा। पूरे हिंदुस्तान का पैसा बीजेपी के पास है।
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थानागाजी के MLA कांती मीणा से बातचीत
सवाल: आप कब गए थे उदयपुर बाड़ेबंदी में?
जवाब- दो जून को आ गए थे। तब से यहीं हैं। अब वापस जयपुर के लिए जा रहे हैं? 10 जून को वोटिंग है।
सवाल : अलवर जिले के दो विधायक पहले नाराज थे। फिर बाद में एक बाड़ेबंदी में पहुंचे। आपकी नाराजगी सामने नहीं आई।
जवाब- मुझे जनता के काम कराने हैं। बाकी बचे काम कराने हैं। इसलिए सरकार के साथ हैं। ताकि जनता के काम हो जाएं।
सवाल : पहले दिन से कॉन्ट्रोवर्सी में नहीं रहे क्यों?
जवाब- जब कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रखा है तो काम कराना है और साथ भी रहना है।
सवाल : नाराज नहीं होंगे तो पूरे काम कैसे होंगे। दूसरे विधायक भी नाराज होकर काम करा रहे हैं?
जवाब- काम स्वाभाविक रूप से हो रहे हैं तो माथा-फोड़ी से मतलब क्या है। एमएलए जनता ने बनाया है। दूसरी बार निर्दलीय जीते थे। पिछली बार बीजेपी की सरकार में जीते थे। तब उनके साथ थे। इसलिए जनता के काम कराने से मतलब हैं।
सवाल: दूसरे विधायक क्यों नाराज होते हैं जब सबके काम होते हैं?
जवाब- उन विधायकों के क्या इश्यू हैं वो जानें। मैं तो खुद की बता सकता हूं।
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