काेराेना खत्म होने के बाद राजस्थान की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। मार्केट में तेजी का कारण राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हो रही है। चार में से दो साल कोरोना में निकल गए, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में 28 हजार 594 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
प्रचलित कीमतों पर अब राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 में 1 लाख 35 हजार 218 रुपए हो गई है, जबकि पिछले वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 15 हजार 933 थी। पिछले साल की तुलना में 16.63% की बढ़ोतरी है, वहीं, स्थिर कीमतों पर वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 74 हजार 9 थी जो 9.76 % बढ़ोतरी के साथ 2021-22 में 81 हजार 231 रुपए हो गई।
यह जानकारी सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी राजस्थान की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2021-22 में सामने आई है। इसके अनुसार प्रचलित कीमतों पर देश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 50 हजार 326 है] यानी राजस्थान की प्रति व्यक्ति देश से 15 हजार 198 रुपए कम है। रिपोर्ट में सरकार ने तर्क दिया कि काेविड के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के कारण जितनी बढ़ोतरी होनी चाहिए थी उतनी नहीं हुई, लेकिन वर्ष 2021-22 में अखिल भारतीय स्तर के 9.2% की तुलना में राजस्थान की समग्र अर्थव्यवस्था 11.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसका कारण है कि कृषि व औद्याेगिक क्षेत्र में सेवाओं का विस्तार हुआ है।
इन 5 राज्यों की वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा
राज्य प्र. व्यक्ति आय
हरियाणा 2,39,955
तेलंगाना 2,37,632
कर्नाटक 2,26,796
तमिलनाड 2,25,106
केरल 2,21,904
प्रत्येक राजस्थानी पर है 47002 रुपए का बैंक कर्जा
सितंबर, 2021 की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में प्रति व्यक्ति 47002 रुपए का बैंक ऋण है। महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति बैंक ऋण 2,30616 है। तेलंगाना में 153106, तमिलनाडु में 136166, केरल में 107617, हरियाणा में 100683 है। राजस्थान में 47002, उत्तर प्रदेश में 23153, पश्चिम बंगाल 41910, उड़ीसा 31980, बिहार में 13493 का प्रति व्यक्ति बैंक ऋण है।