मनरेगा की तर्ज पर अब राजस्थान के 213 शहरों के बेरोजगारों को भी साल में 100 से 120 दिन रोजगार की गारंटी मिलेगी। इसका प्लान तैयार हो गया है और मई या जून से काम भी मिलने लगेगा। इन्हें काम मांगने पर 15 दिन में रोजगार उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए निर्धारित पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
करीब 4 लाख लोगों को हर साल 2.25 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार देने का प्लान है। ऐसा हुआ तो राजस्थान देश में शहरी बेरोजगारों को सबसे अधिक रोजगार से जोड़ने वाला राज्य होगा। स्वायत्त शासन विभाग के इस प्रस्ताव को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से पास करवा कर सीएम की मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इसमें सबसे पहले शहरी बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी अरबन रोजगार गारंटी (IG-URG) का जाॅब कार्ड जैसा पहचान पत्र भी बनाने का प्रस्ताव है।
राजस्थान सभी शहरों में रोजगार की गारंटी देने वाला पहला राज्य, काम के लिए पोर्टल पर आवेदन करना होगा
शहरी मनरेगा में कौनसे काम करने होंगे?
- आवारा पशुओं को निगम टीमों का सहयोग कर पकड़ना।
- अतिक्रमण, अवैध बोर्ड होर्डिंग व बैनर हटवाने के काम, गंदे किए पब्लिक टायलेट व दीवारों की पुताई व पेंटिंग।
- निगमों पालिकाओं की कब्जे से बचाने वाली भूमि सुरक्षा के लिए गार्ड रखना, तारबंदी करवाना
- शहरों के पार्किंग स्थलों का रखरखाव और देखरेख, बिजली से संबंधित काम
- वन विभाग की नर्सरियों के पौधे तैयार करवाना, घर निर्माण-मरम्मत।
- सार्वजनिक जगह पौधे लगाना, सड़क किनारे सजावट, बगीचों की देखभाल
- फुटपाथ, डिवाइडर व सार्वजनिक स्थानों पर पाैधाें का रखरखाव।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, रखरखाव व सफाई करवाना
- घरों से कचरा संग्रहण, डंपिंग साइट पर कचरे का अलग करने का कार्य।
- शहरों से निकाय कार्यालयों में कार्य में सहयोग।
- नाला-नालियों की सफाई, मलबा हटाने के काम, सीवर काम में सहयोग।
हिमाचल में पहले से शहरी रोजगार की योजना, लेकिन इस स्तर पर नहीं
हिमाचल में पहले से मुख्यमंत्री शहरी शहरी आजीविका गारंटी योजना लागू हैं। उसमें 120 दिन साल में 350 प्रतिदिन के हिसाब से रोजगार के साथ योजना लागू की गई थी। हालांकि यह सभी शहरों में लागू नहीं है।
- 2020 में कोरोना के समय सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीपसिंह पुरी को पत्र लिखकर शहरी बेरोजगारों के लिए रोजगार की योजना की मांग की थी। केंद्र ने बात नहीं मानी तो अब मुख्यमंत्री स्वयं योजना लाए।
आबादी के अनुपात में तय होंगे बेरोजगार
- पंजीकरण के लिए जन आधार कार्ड अनिवार्य होगा। योजना के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के साथ निकाय व जोन कार्यालयों और ईमित्र सेंटर पर आवेदन का विकल्प रहेगा।
- आवेदक जिस वार्ड या जोन क्षेत्र में रहता है, वहीं रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
- प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार का विकल्प होगा। 15 दिन का काम पूरा करने के बाद आगामी 15 दिन में बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा।
- अधिकतर वही कार्य हैं, जो शहरी निकायों में संविदा के माध्यम से कराए जा रहे हैं। इसमें कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिक होंगे।
- आबादी के अनुपात में बेरोजगार तय होंगे।
कुशल-अकुशल सभी प्रकार के बेरोजगारों को काम देंगे
- देश में पहली बार सभी शहरों के लिए शहरी रोजगार गारंटी की योजना ला रहे हैं। 1 मई से लाना चाहते थे, लेकिन वित्त की स्वीकृति मिलते ही अब मई या जून से शुरू करेंगे। मनरेगा की न्यूनतम वैज जितना मानदेय हर बेरोजगार को उसके कौशल के अनुसार 100 दिन दिया जाएगा। सभी 213 शहरों के लिए लागू करेंगे। कुशल और अकुशल सभी प्रकार के बेरोजगार को अलग-अलग काम दिए जाएंगे। - शांति धारीवाल, नगरीय विकास मंत्री