केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर-बांसवाड़ा के दौरे पर आ सकते हैं। राजस्थान में अगले साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी प्रदेश में चुनावी मोड पर आ चुकी है। अब पार्टी का पूरा फोकस उन जिलों और विधानसभा सीटों पर आ गया है, जहां पिछले चुनाव में पार्टी को सीटें गंवानी पड़ी थीं। राजस्थान बीजेपी ने अमित शाह से राजस्थान में प्रवास के लिए समय मांगा है। माना जा रहा है कि अप्रैल आखिर में या मई की शुरूआत में शाह राजस्थान दौरे पर आ सकते हैं।
14 अप्रैल को बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष जयपुर दौरे पर आ रहे हैं। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया,उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा के साथ उनकी बैठक होगी।
राजस्थान बीजेपी चाहती है कि आदिवासी बाहुल्य जिलों डूंगरपुर -बांसवाड़ा में अमित शाह समेत बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं का प्रवास और दौरे के कार्यक्रम तय हो तो इन क्षेत्रों में पार्टी को मजबूती मिलेगी। साथ ही कार्यकर्ताओं में भी उत्साह आएगा। हाल ही सवाई माधोपुर में बीजेपी एसटी मोर्चा का विशेष जन सम्मेलन हुआ था। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे। जेपी नड्डा का अजमेर और कोटा में भी प्रवास कार्यक्रम रखने की तैयारी है।
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आदिवासी क्षेत्रों में बीजेपी होगी मजबूत
राजस्थान से बीजेपी सांसद और आदिवासी नेता डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि अमित शाह के डूंगरपुर-बांसवाड़ा दौरे से इन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बीजेपी संगठन बहुत मजबूत होगा। उस इलाके में ह्यूमन ट्रैफिकिंग भी होती हैं। क्षेत्र में कुपोषण, धर्मांतरण और भुखमरी के हालात हैं। शाह का दौरा तय होने पर क्षेत्र में धरातल पर केन्द्र की योजनाओं की चर्चा होगी। मौजूदा समय में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) की रसद सामग्री आदिवासियों और गरीबों को नहीं मिल पा रही हैं। केन्द्र और राज्य की योजनाएं धरातल पर लागू नहीं हो पा रही हैं।
फॉरेस्ट राइट्स एक्ट की आड़ में वहां के आदिवासियों को वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र से भगा रहे हैं और उनके घरों को उजाड़ रहे हैं। जबकि उन आदिवासियों को पट्टे दिए जाने चाहिए। सरकार की लापारवाही और अधिकारियों की उदासीनता के कारण आदिवासियों के पट्टे पेंडिंग हैं। ऐसे तमाम मुद्दों की जानकारी शाह के दौरे के दौरान आदिवासियों को मिलेगी। तो वो बीजेपी पार्टी और संगठन को में एक्टिव होंगे। इससे पार्टी मजबूत होगी।
डॉ किरोड़ीलाल ने कहा पड़ोसी राज्य गुजरात में बीटीपी(भारतीय ट्राइबल पार्टी) के मुखिया छोटूभाई बसावा राजस्थान के डूंगरपुर-बांसवाड़ा समेत आदिवासी क्षेत्रों में बीटीपी का प्रभाव बढ़ा रहे हैं। उसे न्यूट्रलाइज करने के लिए वहां बीजेपी का सक्रिय होना जरूरी है। यह सक्रियता अमित शाह जी के आने के बाद ही होगी। मेरी जहां तक जानकारी है बड़ा आदिवासी इलाका फिलहाल बीजेपी से छूटा हुआ है।
डूंगपुर-बांसवाड़ा में 9 सीटें,BJP के केवल 3 विधायक
डूंगरपुर और बांसवाड़ा की 9 विधानसभा सीटों में से केवल 3 पर ही बीजेपी के विधायक हैं। मौजूदा समय में डूंगरपुर जिले की 4 सीटों में से सिर्फ 1 सीट आसपुर से बीजेपी के गोपीचंद मीणा विधायक हैं, जबकि 2 सीटों चौरासी में बीटीपी के राजकुमार रोत और सागवाड़ा में बीटीपी के रामप्रसाद विधायक हैं। डूंगरपुर सीट से कांग्रेस के गणेश घोघरा विधायक हैं। जोकि यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं।
बांसवाड़ा जिले की 5 में से 2 ही सीटों पर बीजेपी विधायक हैं। घाटोल से बीजेपी के हरेन्द्र निनामा और गढ़ी से कैलाशचन्द मीणा बीजेपी विधायक हैं। बांसवाड़ा में कांग्रेस के भी 2 विधायक हैं,जिनमें बांसवाड़ा सीट से अर्जुन सिंह बामणिया और बागीदौरा से महेन्द्रजीत सिंह मालवीय दोनों कांग्रेस की गहलोत सरकार में मंत्री हैं, जबकि कुशलगढ़ सीट से रमिला खड़िया निर्दलीय विधायक हैं।