जिले के रामगढ़ पचवारा उपखण्ड में एक किसान ने सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफी की घोषणा के कारण बैंक केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) नहीं चुकाई जिसकी कीमत उसे जमीन नीलाम कराकर चुकानी पड़ी है। रामगढ़ पचवारा की जामुन वाली ढाणी के किसान कजोड़ मीणा की 15 बीघा जमीन 46 लाख 51 हजार में नीलाम की गई। तहसीलदार ऑफिस में मंगलवार को चार बोलीदाताओं ने जमीन की नीलामी प्रक्रिया में भाग लिया। उधर सांसद किरोडी लाल मीणा पीड़ित किसान परिवार से मिलने उसके घर पहुंचे। किरोड़ी बाद में उन्हें जिला कलेक्टर के पास लेकर गए।
वहीं जमीन नीलाम होने के मामले को तूल पकड़ता देख क्षेत्रीय विधायक और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के निर्देश पर रामगढ़ पचवारा उपखंड अधिकारी मिथिलेश मीणा ने नीलामी निरस्त कर दी है।
राकेश टिकैत ने साधा निशाना
वहीं जमीन नीलामी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट किया 'जिला दौसा राजस्थान में किसानों की जमीन नीलम होने पर आज किसान परिवारों से मिलने दौसा जा रहे हैं आगे की रणनीति वहीं तय करेंगे।'
राकेश टिकैत का ट्वीट।
नियमानुसार की गई नीलामी
तहसीलदार सुधारानी मीणा ने बताया कि कजोड़ मीणा ने 7-8 साल पहले मरुधरा ग्रामीण बैंक से केसीसी पर लोन लिया था जिसमें केसीसी बकाया चल रही थी। इसका भुगतान किसान द्वारा नहीं करने पर रोड़ा एक्ट के तहत जमीन पहले ही कुर्क हो चुकी थी। 18 जनवरी को नीलामी तय की गई थी। जहां बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई जिसमें 46 लाख 51 हजार रुपए की नीलामी बोली छोड़ी गई।
नीलामी की सूचना
समझाने पर भी नहीं माने किसान
टीम के सदस्य दीपक कुमार ने बताया कि किसान पर बैंक के सात लाख 23 हजार रुपये बकाया थे। नीलामी से पहले किसान कजोड़ के पुत्रों को समझाया कि लोन के आधे पैसे जमा कराने पर सेटलमेंट हो जाएगा, लेकिन उन्होंने पैसे नहीं होने की बात कही। जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया का पालना करते हुए नीलामी पूरी की गई।
मुश्किल होगा घर चलाना
किसान का कहना था कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। बच्चों का लालन-पालन नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थिति में आखिर बैंक का लोन चुकाएं तो कैसे? इतना ही नहीं किसान प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोसते हुए नजर आए।