कस्टम्स ने प्रदेश में गोल्ड तस्करों के 6 ठिकानों पर 13 जनवरी से 15 जनवरी तक छापे मारकर 2000 करोड़ रु. तस्करी का खुलासा किया है। मामले में उदयपुर के हवाला कारोबारी विक्रम सिंह कछावा और होटल मैनेजर कमलेश नागदा को गिरफ्तार किया है। रविवार को दोनों को जेल भेजा गया है। तस्करी का सोना फर्जी फर्मों के बिल काटकर लोकल मार्केट में सप्लाई किया जाता था। खरीदने वालों से मिली रकम विदेश भेजने से पहले कई फर्जी फर्मों के खातों में घुमाई जाती थी।
पकड़े गए दोनों तस्करों को प्रिवेंटिव विंग के इंस्पेक्टर राम प्रसाद ने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर आर.एन. यादव के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सना खान के सामने पेश किया। जहां से दोनों को जयपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। कस्टम्स जांच में सामने आया कि अकाउंट मेंटेन करने के लिए खरीदारों को फर्जी फर्मों के बिल दिए जाते थे। कछावा के लेपटॉप से 200 किलो सोने की सप्लाई के बिल मिले हैं। वह गोल्ड तस्करी के लिए रुपयों की व्यवस्था हवाला के जरिए करता था। खरीददारों से मिली रकम को 9 लैपटॉप से कई व्यवसायिक खातों में इंटरनेट बैंकिंग के जरिए रोटेट किया जाता था।
ओटीपी के लिए 51 मोबाइल काम लिए जाते थे। आखिर में यह रकम आईटी कंपनियों के जरिए विदेशी फर्मों को भेजी जाती थी। प्राथमिक जांच में अब तक 2000 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन सामने आया है। कछावा उदयपुर स्थित होटल वाटिका इन से ही गिरोह ऑपरेट करता था। छापे में 235 से ज्यादा फर्मों के स्टैम्पस, नेम प्लेट, हार्ड डिस्क, सिम कार्डस, 200 से ज्यादा बैंक खातों की पासबुक, चैक बुक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, नोट पैड समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं।
इन स्थानों पर पड़े कस्टम के छापे
उदयपुर में पुराना शहर ब्रह्मपुरी के गुलाब बाग रोड स्थित होटल वाटिका इन, गंगा गली स्थित होटल मुकुंद विलास, सिंधी धर्मशाला मेहताजी की बाड़ी स्थित होटल कृष्णा पैलेस, गिरवा के मचला मगरा योजना में कछावा का निवास, अजमेर के विजय नगर की विश्वकर्मा कॉलोनी स्थित राजेन्द्र जांगिड़ का परिसर, नाड़ी मोहल्ला स्थित सुरेन्द्र माली का मकान।