इंश्योरेंस के पैसों की लालच में बेटे ने अपने पिता की सुपारी देकर हत्या करवा दी। बेटे ने साजिश के तहत अपने पिता का 4 महीने पहले ही 40 लाख रुपए का एक्सीडेंटल बीमा कराया फिर मर्डर कराने के बाद शव सड़क किनारे फेंकवा दिया ताकि उसे दुर्घटना साबित किया जा सके। भरतपुर की डीग पुलिस ने आरोपी बेटे और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने रविवार को खुलासा करते हुए बताया कि हत्या शुक्रवार की रात की गई। मृतक मोहकम सिंह सिंह का परिवार फरीदाबाद में रहता है। मोहकम सिंह के बेटे ने राजेश ने पिता का चार बैंकों में एक्सीडेंटल बीमा करवाया। बीमा करवाने के बाद राजेश ने पिता की हत्या की साजिश रची। राजेश ने पिता की हत्या के लिए दो युवकों को सुपारी दी। राजेश 24 दिसंबर को पिता मोहकम सिंह को लेकर फरीदाबाद से कोसी लेकर पहुंचा। कोसी से गोवर्धन के छटीकरा गांव में पहुंचा। जहां कान्हा नाम का युवक बाइक से आया। वह मोहकम सिंह और राजेश से मिला। कान्हा दोनों बाप बेटों को अपने साथ ले गया। तीनों ने मिलकर पहले तो शराब पी उसके बाद खाना खाया।
पिता को मारने के लिए 500 रुपए में खरीदा हथौड़ा
खाना खाने के बाद तीनों बाइक पर बैठ कर गोवर्धन पहुंचे, जहां राजेश का दूसरा साथी विजेंद्र भी मिल गया। चारों लोग दो बाइक से दीदावली पुलिया के पास पहुंचे। बेटे राजेश ने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर अपने पिता के सिर पर हथौड़े से ताबडतोड़ वार किए। सिर पर हथौड़े के वार से घायल मोहकम ने मौके पर पर ही दम तोड़ दिया। तीनों ने मोहकम के शव को रोड के किनारे इस तरह पटक दिया, जैसे यह लगे कि किसी वाहन ने टक्कर मार दी हो और उसी से उसकी मौत हो गई हो। इस घटनाक्रम को बेटे राजेश ने एक्सीडेंट का रूप देने के लिए ऐसा किया, ताकि इंश्योरेंस का क्लेम उठाया जा सके। राजेश ने पिता की हत्या के लिए भारी भरकम हथौड़ा 500 रुपए में खरीदा था। जिस समय हथौड़ा खरीदा गया, उस समय हत्या में शामिल उसका साथी कान्हा भी साथ था।
पिता का शव मिलने से पहले ही बेटा और उसके साथी पकड़े गए
बेटे ने जिस लालच में पिता की हत्या कराई, वह पूरी होने से पहले ही तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हुआ यह कि तीनों हत्या के बाद एक स्थान पर खड़े थे। उनके हाथ में हथौड़ा और लोहे की राड थी। इस बीच वहां से गुजर रहे किसी व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दे दी कि कोई तीन युवक इस कंडीशन में खड़े हैं। वे संदिग्ध लग रहे हैं। बताया गया कि यह इलाका डीग के लक्ष्मण मंदिर के पास दुकानों के पीछे का है। तीनों में से एक के हाथ में एक मास्टर-की जैसी चाबी भी है। पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और मौके पर पहुंच तीनों को पकड़ लिया।
25 दिसंबर को मिला मोहकम सिंह का शव
25 दिसंबर यानी शनिवार को पुलिस को सुबह साढ़े पांच बजे सूचना मिली की दीदावली पुलिया के पास एक शव सड़क के किनारे पड़ा हुआ है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव की तलाशी ली। जेब से आधार कार्ड से मृतक की पहचान हो गई। मोहकम सिंह के परिजनों को घटना की सूचना दी गई। परिजनों से पूछताछ में सामने आया कि मोहकम सिंह के बेटे राजेश ने पिता का एक्सीडेंट बीमा करवाया है। इधर, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में सामने आया कि मोहकम सिंह के शरीर पर एक्सीडेंट जैसे कोई निशान नहीं है। मृतक के सर पर किसी भारी चीज से वार कर उसकी हत्या की गई है। बस यहीं से शक की सुई तीनों पर घूमने लगी थी।
पहले उलझाया, फिर सख्ती की तो कबूला जुर्म
राजेश, कान्हा और विजेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा था। तीनों से पूछताछ के दौरान पता लगा की राजेश तो मोहकम सिंह का ही बेटा है, जिसकी बॉडी पुलिया पर मिली थी। पुलिस को शक हुआ। तीनों से पूछताछ की गई तो वे इधर-उधर की बातें कर उलझाने की कोशिश करते रहे। पुलिस ने तीनों पर सख्ती की तो मुंह खोल दिया। फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से पूरे घटनाक्रम के बारे में गहन पूछताछ कर रही है। विजेंद्र डीग का रहने वाला है और कान्हा मथुरा के खेचरी इलाके का रहने वाला है।