भरतपुर शहर के सूरजपोल इलाके में देर शाम ट्रॉले ने एक साइकिल सवार युवक को कुचल दिया। युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। ट्रॉले से टकराते ही युवक साइकिल से गिरा और उसके टायरों के नीचे आ गया। फिर एक-एक कर चार टायरों के नीचे पिसता चला गया। पास में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में यह सब स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
युवक की लाश सड़क पर इस तरह चिपक चुकी थी कि करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस उसकी शिनाख्त नहीं कर पाई। बाद में परिजनों की ओर से की गई तलाश पुलिस की छानबीन के बाद उसकी शिनाख्त हो पाई।
भतीजी अस्पताल में भर्ती थी, उसके पास जा रहा था
मरने वाले युवक की भतीजी भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में भर्ती है। वह उसके लिए कुछ खाने-पीने की सामग्री लेकर अस्पताल जा रहा था। भतीजी के स्वास्थ्य की चिंता में डूबा वह व्यक्ति उसके पास पहुंचने से पहले ही मौत का शिकार हो गया। घर से चला था तो भतीजी और वहां मौजूद अन्य परिजन जानते थे कि वह अस्पताल के लिए निकल चुका है। उसे दवा दी जानी थी। इससे पहले उसके खाने का सामान वहां पहुंचना था। वे इंतजार करते रहे, लेकिन उनका इंतजार अभी तक खत्म नहीं हो पाया। अब परिजनों की आंखों में सिर्फ आंसू हैं। देर रात तक भतीजी नहीं जानती थी कि उसने अपने चाचा को खो दिया है। गणेश तीन बच्चों का पिता था। घर के पास ही किराना की दुकान चलाता था।
सूरजपोल क्षेत्र का है मृतक
घटना सूरजपोल इलाके के आरबीएम अस्पताल के पास की है। नदिया मोहल्ला निवासी 45 साल का गणेश आरबीएम अस्पताल जा रहा था। गणेश साईकिल से जा रहा था। तभी उसके पीछे से एक ट्रॉला आया। आगे गणेश था, पीछे से ट्रॉले ने उसे टक्कर मार दी। फिर चारों पहिए गणेश के ऊपर से निकल गए। गणेश का सिर सहित कमर से ऊपर का धड़ पूरी तरह कुचल गया। सीसीटीवी फुटेज में यह साफ दिखाई दे रहा है कि ट्रॉला चालक गणेश की साइकिल के उससे टकराने के बावजूद तुरंत रोका नहीं और वह उसके ऊपर से निकलता चला गया। हालांकि तुरंत ही स्थानीय लोगों ने ट्रॉले को रुकवा लिया और चालक को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया और टॉले को जब्त कर लिया। आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए शव का पोस्टमार्टम अभी होना है।
गुस्साए लोगों ने जाम लगाया तो पुलिस ने समझाया
घटना के बाद स्थानीय काफी गुस्से में थे। वे घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और सभी वाहनों को रुकवा दिया। तुरंत ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। लोगों को समझाया। वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।