झालावाड़. क्या आपने बिना मिट्टी के खेती के बारे में सुना है? अगर आपको कहा जाए कि बिना मिट्टी के भी टमाटर, गोभी, बैंगन और पालक जैसी सब्जियां उगाई जा सकती हैं तो चौंकिए नहीं। झालावाड़ के उद्यानिकी एवं वानिकी कॉलेज में बिना मिट्टी की खेती का सफल प्रयोग किया गया है। यहां टमाटर, गोभी, खीरा, तुलसी, पालक, धनिया, बैंगन, पत्ती वाली सब्जियां सहित अन्य किस्मों को बिना मिट्टी के उगाया गया है।
इन पौधों में अब फ्रूटिंग और पत्तियां आने लग गई हैं। अब यह तकनीक सीधे किसानों के खेतों तक पहुंच सकेगी। वर्तमान में जिले के वातावरण में इनके उत्पादन को देखा जा रहा है कि कौनसी फसल कितना उत्पादन दे सकेगी। प्रदेश में यह पहला मामला है, जब बिना मिट्टी के खेती हो रही है। राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कृषि शिक्षण क्वालिटी बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए 421.5 लाख रुपए का बजट कॉलेज को दिया गया। इसी बजट में कॉलेज ने हाईड्रोपोनिक खेती शुरू करवाई।
कॉलेज का मकसद है कि किसान नई तकनीक से रूबरू होकर बेहतर लाभ प्राप्त कर सकें। उद्यानिकी एवं वानिकी कॉलेज के डीन डाॅ. आईबी मोर्या ने खुद इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इससे पहले यहां पर स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग वह कर चुके हैं।