श्रीगंगानगर के बालाजी एस्टेट में रहने वाली कृतिका ने जुबान फिसल जाए, ऐसे 2483 शब्द 14.52 मिनट तक बोल नया रिकॉर्ड बनाया है। कृतिका का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। कृतिका एक 'टंग ट्विस्टर' है। उन्होंने बातों ही बातों में एक ही लाइन को 191 बार बोला और नया रिकॉर्ड बनया दिया।
कृतिका बताती हैं कि करीब तीन महीने पहले वे घर पर मोबाइल स्क्रॉल कर रही थी। इस दौरान उन्हें एक वीडियो मिला। जिसमें एक युवती ने एक ही वाक्य को कई बार बोला। वीडियो में उस युवती ने उस एक ही सेंटेंस को 176 बार बोला और इसे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज भी करवाया गया। बस यहीं से उनको आइडिया मिला। फिर कृतिका ने इस रिकॉर्ड को ब्रेक करने की सोची।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड।
दो दिन अभ्यास से आया परफेक्शन
कृतिका बताती हैं कि उनसे पहले यह रिकॉर्ड हरियाणा के रानियां की निवासी सिमरन ने बनाया। उन्होंने इसके लिए 'मरहम भी गए मरहम के लिए मरहम न मिला, हमदम से गए, हमदम के लिए हमदम न मिला' लाइनों को चुना। जब उन्होंने रिकॉर्ड के लिए तैयारी की तो कई सेंटेंस को चुना, लेकिन सबसे बेहतर वही लाइनें रहीं जो सिमरन ने चुनी थीं। अब लक्ष्य सिर्फ यही था कि कैसे सिमरन के तेरह मिनट के रिकॉर्ड को ब्रेक किया जाए। जून-जुलाई के आसपास दो दिन तक अभ्यास किया, जल्द ही परफेक्शन भी आ गया। शुरूआती प्रैक्टिस में तो एक बार सांस फूलने लगी। पहले सात बार बोला, फिर नौ बार और ऐसे करते-करते बिना किसी बाधा के रिपीटेशन बढ़ता चला गया। दस मिनट, ग्यारह मिनट करते-करते तेरह मिनट तक पहुंचीं। जब रिकॉर्ड की बराबरी हो गई तो फिर इसे तोड़ने के बारे में सोचा। अब दो से तीन बार और रिपीट किया तो तेरह मिनट से ज्यादा इस सेंटेंस को बोल दिया। रिकॉर्ड भी ब्रेक हो गया और 14 मिनट 52 सेकंड तक इसी जुमले को 191 बार रिपीट कर यह कमाल कर दिखाया।
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड।
पति और परिवार का सहयोग
कृतिका बताती हैं कि उन्हें पति और परिवार का भी पूरा सहयोग मिला। जब पति को बताया कि वे रिकॉर्ड बनाना चाहती है, तो वे तैयार हो गए। कृतिका के पति नीरज सोनी इंश्योरेंस कंपनी में काम करते हैं। परिवार ने भी पूरा सपोर्ट किया। इस तरह एक नए आइडिया ने नया रिकॉर्ड बनाने में मदद की। वे बताती हैं कि रिकॉर्ड का वीडियो बनाने के बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को भिजवाया गया। उन्होंने इसकी प्रमाणिकता जांची। जब पूरी तरह आश्वस्त हो गए कि इसमें कहीं कोई कट नहीं है तो फिर उनके रिकॉर्ड को वेरीफाई किया। इसके बाद ऑनलाइन एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अप्लाई किया। उन्होंने भी इसे स्वीकार करते हुए कृतिका को सर्टिफिकेट जारी किया।