कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के प्रयास में सरकार और प्रशासन ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन करने में लगा हुए हैं। वैक्सीन सेंटर पर हर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिसके कारण आए दिन सेंटर्स पर धक्का-मुक्की और हंगामें की नौबत आ जाती है। अब इस भीड़ के धक्के उन महिलाओं को भी झेलने पड़ रहे हैं, जो गर्भवती है। इन महिलाओं के लिए सरकार की ओर से कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं दूसरी तरफ विदेश जाने वालों और वीआईपी के लिए सरकार ने अलग से वैक्सीनेशन की व्यवस्था कर रखी है।
अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ रहती है। लोग घंटों तक धूप में खड़े रहते हैं, तब जाकर नंबर आता है। बड़ी बात ये है कि सभी सेंटर्स पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइन न होकर एक ही रहती है। इस कारण गर्भवती महिलाओं को भी घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिससे उन्हें तकलीफ होती है। राज्य टीकाकरण परियोजना के निदेशक डॉ. रघुराज सिंह ने बताया कि सभी सेंटर्स पर गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए जा रहे हैं, इनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
विदेश जाने वालों और वीआईपी के लिए अलग से व्यवस्था
जयपुर सहित प्रदेश के दूसरे शहरों में विदेश जाने वाले और वीआईपी (नेताओं, बड़े अधिकारियों) के लिए अलग से वैक्सीन की व्यवस्था है। जयपुर में वीआईपी के लिए एसएमएस अस्पताल स्थित आईडीएच सेंटर है। इसके अलावा जो लोग विदेश जाने के लिए पहले वैक्सीन लगवाना चाहते हैं उनके लिए शहरों में चुनिंदा स्थानों पर विशेष काउंटर खोल रखे हैं, लेकिन प्रशासन ने इन गर्भवती महिलाओं के लिए कोई नई व्यवस्था नहीं कर रखी।
जयपुर में 40 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की दूसरी लहर में हुई थी मौत
राज्य सरकार ने 5 जुलाई से गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन शुरू किया है। ये वैक्सीनेशन सामान्य सेंटर्स पर ही किया जा रहा है, जहां सब लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। जयपुर की बात करें तो यहां कोविड की दूसरी लहर के दौरान 40 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में हर महीने औसतन 80 हजार महिलाओं की डिलीवरी होती है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर में इन गर्भवती महिलाओं और इनके बच्चों की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार के निर्देश पर इनके वैक्सीनेशन को ज्यादा से ज्यादा और प्राथमिकता से करने का निर्णय किया है।
ये हो सकती है व्यवस्था
गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण की अलग से व्यवस्था करने के लिए ज्यादा स्टाफ और संसाधन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान में इन महिलाओं को डीटी (टिटनेस और डिप्थीरिया) को टीके लगाए जाते हैं। ये टीके प्रदेश के हर प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगाए जाते हैं। ऐसे में वहीं से इन महिलाओं को कोरोना से बचने की वैक्सीन भी उपलब्ध करवाकर लगाई जा सकती है।