वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आदित्य शास्त्री का सोमवार शाम 58 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे 5 मई से जयपुर के फोर्टिस अस्पताल मे भर्ती थे। शुरुआती दिनों में कोरोना पॉजीटिव आए थे। मगर बाद में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी।
राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री के पोते आदित्य शास्त्री को महिला शिक्षा की प्रगति के लिए जाना जाता है। महिला शिक्षा में आधुनिक विचारों के समावेश के लिए जीवन भर कार्य करते रहे हैं। आदित्य शास्त्री अपने परिवार में पत्नी ईना शास्त्री व दो बेटे अंशुमान व ईशान शास्त्री को छोड़ कर गए हैं।
प्रो. आदित्य शास्त्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के 103वें अधिवेशन मैसूर में जेसी बोस मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया था। इनके निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , राज्यपाल कलराज मिश्र समेत कई जनप्रतिनिधियों आदि ने शोक व्यक्त किया है।
महिला शिक्षा में अग्रणी रहे शास्त्री
राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री के पोते व दिवाकर शास्त्री के बेटे आदित्य शास्त्री को महिला शिक्षा की प्रगति के लिए जाना जाता है। वह महिला शिक्षा मे आधुनिक विचारो के समावेश के लिए जीवन भर कार्य करते रहे हैं। 1929 मे हीरालाल शास्त्री वनस्थली विधापीठ आए। वह 6 अक्टुबर 1935 मे वनस्थली विधापीठ की स्थापना जीवन कुटीर के रूप 5 -6 छात्राओ को साथ लेकर की वनस्थली विधापीठ के रूप मे 1943 मे पहचान मिली। इसी वर्ष स्नातक की पढाई शुरू हुई 1983 मे इसे डीम्ड विश्व विधालय का दर्जा प्राप्त हुआ वनस्थली विधापीठ मे देश विदेश की करीब 15 हजार छात्राए पंचमुखी शिक्षा ग्रहण कर रही है वनस्थली विधापीठ महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहा है। यहां सभी बालिकांए वह कर्मचारी खादी के वस्त्र पहनते है वनस्थली विधापीठ मे छात्राओ को घुडधोड से लेकर हवाई जहाज उडाना तक सिखाया जाता है। यहां की छात्राएं देश विदेश राजनिति मे हर जगह अपनी पहचान बनाए हुए हैं। आदित्य शास्त्री अपने परिवार मे पत्नी ईना शास्त्री व दो बेटे अंशुमान व ईशान शास्त्री को छोड कर गए।