वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दावा था कि इस बार जो बजट पेश होगा, वैसा पिछले सौ साल में भी नहीं आया होगा। हालांकि, एक घंटा 50 मिनट के उनके तीसरे बजट भाषण को सुनने के बाद भी मिडिल क्लास खाली हाथ रहा। कोई नई रियायत नहीं मिली। सिर्फ 75 साल या इससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजंस को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट मिली।
अच्छी खबर यह रही कि इस बजट से शेयर बाजार झूम उठा। सेंसेक्स 5% ऊपर यानी 2314.84 पॉइंट चढ़कर बंद हुआ। पिछले 24 साल में पहली बार बजट भाषण के दिन सेंसेक्स इतना ऊपर चढ़ा है।
पहली बार मेक इन इंडिया टैब के जरिए पेश हुए पेपरलेस बजट से जुड़ी बड़ी बातें जानिए...
पेट्रोल-डीजल पर एग्री सेस, लेकिन असर नहीं होने का दावा
सबसे पहले बात आम आदमी की जरूरत से जुड़े पेट्रोल-डीजल की। वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर सेस का प्रस्ताव रखा। इसका नाम होगा एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस। यह 2 फरवरी से ही लागू हो जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि इसका आम आदमी पर बोझ नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए बेसिक एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है।
इसी तरह कस्टम ड्यूटी लगने वाली शराब पर 100%, मसूर की दाल पर 20%, सेब पर 35%, सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल पर 20% सेस का प्रस्ताव है, लेकिन इसका भी आम आदमी पर असर नहीं होगा।
कोरोना का असर, हेल्थ बजट में 137% इजाफा
अब बात कोरोना की, जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हुई है। वित्त मंत्री के भाषण में 16 बार कोविड और महामारी का जिक्र आया। कोरोना की वजह से ही इस बार हेल्थ बजट में 137% का इजाफा हुआ। हेल्थ बजट अब 2.23 लाख करोड़ रुपए का होगा। इसके लिए पिछली बार 94 हजार करोड़ रुपए रखे गए थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो इसके लिए और बजट मिलेगा। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए देशभर में निमोकोक्कल वैक्सीन लगाई जाएगी। इस निमोनिया से हर साल 50 हजार बच्चों की मौत होती है। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स शुरू होंगे। 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स और 2 मोबाइल हॉस्पिटल शुरू होंगे।
मिडिल क्लास खाली हाथ, जानिए कैसे
- 2014 में 3.31 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे। 2020 में यह संख्या बढ़कर 6.48 करोड़ हो गई, लेकिन इन लोगों के लिए इस बार बजट में कुछ नया नहीं है। इनकम टैक्स स्लैब जस का तस है।
- बड़ी रियायत सिर्फ बुजुर्गों के लिए है। 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा। ये ऐसे पेंशनर्स हैं, जिनकी आमदनी सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से होती है। बैंक ही TDS के तौर पर इनका टैक्स काट लेगा।
- एक राहत ये है कि किफायती घर खरीदने वालों को लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का समय एक साल और बढ़ा दिया गया है। यानी 31 मार्च 2022 तक लिए गए लोन इस छूट के दायरे में आएंगे।
प्रोविडेंट फंड में 2.5 लाख से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन पर ब्याज टैक्सेबल
अगर किसी इम्प्लॉई के प्रोविडेंट फंड में सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा होते हैं तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में शामिल होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2021 से होने वाले PF कॉन्ट्रिब्यूशन पर लागू होगा। सरकार का कहना है कि इससे 2 लाख रुपए महीने से कम कमाई करने वालों को कोई नुकसान नहीं होगा। EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से सिर्फ 1% लोगों पर इसका असर पड़ेगा।
कंपनियां अपने कर्मचारियों की PF जैसी कटौतियां समय पर जमा करवाएं, इस बात पर भी जोर दिया गया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों का कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करवाने में देरी करेगी तो वह इस रकम पर टैक्स डिडक्शन नहीं ले सकेगी।
टैक्स असेसमेंट से जुड़े नियमों में 5 बड़े बदलाव
- अब तक टैक्स असेसमेंट के आम मामले 6 साल और गंभीर मामले 10 साल बाद भी खोले जा सकते थे। अब आम मामलों में 3 साल बाद असेसमेंट केस दोबारा नहीं खोले जा सकेंगे।
- गंभीर मामलों में भी असेसमेंट केस तभी खोले जा सकेंगे, जब एक साल में 50 लाख या इससे ज्यादा इनकम छुपाने के सबूत हों। ऐसे मामलों में भी केस खोलने की मंजूरी इनकम टैक्स के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर से लेनी होगी।
- वित्त मंत्री ने बताया कि विवाद से विश्वास स्कीम के तहत अब तक 1.10 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने 85 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले सुलझाए हैं। इसी के मद्देनजर डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनाई जाएगी। 50 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वाले वे लोग जिनकी 10 लाख की आय विवादित है, वे विवाद सुलझाने के लिए इस कमेटी के पास जा सकेंगे।
मोबाइल फोन महंगे होंगे
बजट में कस्टम ड्यूटी में बदलाव के ऐलान के बाद सोना-चांदी सस्ती होने जा रही है। मोबाइल फोन, फ्रिज, एसी महंगे हाेने जा रहे हैं। ऑटो पार्ट्स पर 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15% कर दी है, इससे गाड़ियां महंगी होंगी। सोलर इन्वर्टर महंगा होगा, क्योंकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी 5% से बढ़ाकर 15% की गई है। वित्त मंत्री ने कहा है कि कस्टम ड्यूटी में 400 पुरानी छूट का रिव्यू किया जाएगा।
बजट भाषण में 30 बार खेती-किसानी का जिक्र
वित्त मंत्री के भाषण में 15 बार किसानों और 15 बार एग्रीकल्चर का जिक्र आया। जब उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे और साल दर साल मिनिमम सपोर्ट प्राइज के तहत किसानों को बढ़ते पेमेंट का जिक्र किया तो विपक्ष ने हंगामा भी किया।
धान के किसानों को सबसे ज्यादा पेमेंट मिला
खेती |
किसानों को पेमेंट (आंकड़े रुपए में) |
2013-14 |
2019-20 |
2020-21 |
गेहूं |
33,874 करोड़ |
62,802 करोड़ |
75,060 करोड़ |
धान |
63,928 करोड़ |
1,41,930 करोड़ |
172,752 करोड़ |
दलहन |
236 करोड़ |
8,285 करोड़ |
10,530 करोड़ |
कपास |
90 करोड़ |
-- |
25,974 करोड़ |
किसान आंदोलन में मंडियां भी एक मुद्दा, इस पर भी बजट में ऐलान
- दिल्ली के दरवाजे पर आंदोलन कर रहे किसानों को चिंता है कि नए कृषि कानूनों से सरकारी मंडियां खत्म हो जाएंगी। बजट में कृषि कानूनों पर तो कुछ नहीं कहा गया, लेकिन मंडियों का जिक्र जरूर आया।
- वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के ई-ट्रेडिंग पोर्टल e-NAM से 1.68 करोड़ किसान जुड़े हैं और 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की ट्रेडिंग करते हैं। अब एक हजार से ज्यादा मंडियों को e-NAM से जोड़ा जाएगा।
- APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी की मंडियों के लिए अब एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड भी उपलब्ध होगा ताकि वहां सुविधांए बढ़ाई जा सकें।
- बजट में इस बार एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ रखा गया है।
इंश्योरेंस में FDI बढ़ेगा
- इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाएगा। इस साल IDBI के साथ-साथ दो पब्लिक सेक्टर बैंक और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी में डिसइन्वेस्टमेंट होगा।
- LIC के लिए भी IPO लाया जाएगा। सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, बैंकों को NPA से छुटकारा दिलाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी।
कोई नई ट्रेन नहीं, 5 फ्रेट कॉरिडोर पर काम होगा
- रेलवे के लिए इस बार 1.10 लाख करोड़ का बजट रखा गया है। इसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपए सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च होंगे।
- 2021-22 में बिहार के सोननगर से झारखंड के गोमो के बीच 263.7 किमी लंबे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को पीपीपी मॉडल से बनाया जाएगा। इसके बाद गोमो से बंगाल के डानकुनी के बीच 274 किमी लंबे सेक्शन पर भी काम होगा।
- यूपी के खड़गपुर से आंध्र के विजयवाड़ा तक, महाराष्ट्र के भुसावल से खड़गपुर और डानकुनी तक और इटारसी से विजयवाड़ा तक फ्यूचर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जाएंगे।
- दिसंबर 2023 तक 100% ब्रॉड गेज रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा। यात्रियों के आरामदेह सफर के लिए जल्द ही विस्टा डोम LHB कोच शुरू होंगे।
शहरी इलाकों में 20 हजार नई बसें चल सकती हैं
- शहरी इलाकों में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने के लिए 18 हजार करोड़ रुपए की नई स्कीम आएगी। इसके तहत पीपीपी मॉडल के जरिए 20 हजार से ज्यादा बसें खरीदने और चलाने में प्राइवेट सेक्टर की मदद की जाएगी।
- देश के अलग-अलग शहरों में अभी 702 किमी लंबी मेट्रो चल रही हैं। 27 शहरों में कुल 1016 किमी मेट्रो पर काम चल रहा है। कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी।
डिफेंस बजट 1%, लेकिन कैपिटल एक्सपेंडिचर 19% बढ़ा
पिछली बार डिफेंस बजट के लिए 4.71 लाख करोड़ रुपए रखे गए थे। इस बार इसे 1.2% बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपए नए हथियारों, जहाजों, वॉरशिप्स और मिलिट्री हार्डवेयर की खरीद पर खर्च होंगे। कैपिटल एक्सपेंडिचर पिछली बार 1.13 लाख करोड़ था, जिसे इस बार 19% बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह पिछले 15 साल में सबसे ज्यादा है।
100 नए सैनिक स्कूल खुलेंगे
देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। अभी देश में 30 सैनिक स्कूल हैं। 15 हजार स्कूलों को नई एजुकेशन पॉलिसी के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति के बच्चों के लिए 750 नए एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाए जाएंगे।
और आखिर में जानिए बजट का हिसाब किताब: 30 साल में सबसे ज्यादा घाटे में सरकार
- सरकार का राजकोषीय घाटा 1991 से शुरू हुए उदारीकरण के बाद सबसे ज्यादा है। राजकोषीय घाटा यानी जब सरकार की आमदनी से ज्यादा उसका खर्च हो जाए। 1991 में यह GDP का 5.6% था। 2020-21 में यह GDP का 9.5% है।
- 2021-22 में 34.83 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च और 6.8% के राजकोषीय घाटे का अनुमान है। सरकार 2025-26 तक इसे घटाकर 4.5% करना चाहती है। कंटीजेंसी फंड को 500 करोड़ से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का प्रावधान है।
- सरकार को सबसे बड़ी राहत सब्सिडी बिल से मिलेगी, जो 43% घटेगा। 2020-21 में सरकार ने 5.96 लाख करोड़ रुपए फूड, फर्टिलाइजर, रसोई गैस और केरोसिन जैसी चीजों की सब्सिडी पर खर्च किए थे। लॉकडाउन के दौर में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया था। नए साल में सरकार के लिए यह खर्च घटकर 3.36 लाख करोड़ रुपए रहेगा।
- सरकार को सबसे ज्यादा कमाई टैक्स से होने जा रही है। पिछले साल सरकार को टैक्स के जरिए 19 लाख करोड़ मिले थे। इस साल 17% ज्यादा यानी 22.17 लाख करोड़ मिलने की उम्मीद है।
बजट पर 5 प्रतिक्रियाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं, जिसमें शुरू के एक-दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पॉन्स आए। कई लोग सोच रहे थे कि हम आम आदमी पर टैक्स का बोझ डालेंगे, लेकिन हमने ट्रांसपेरेंट बजट पर फोकस किया।
- वित्त मंत्री ने बजट भाषण के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा खर्च और हेल्थकेयर सेक्टर पर जोर देना इस बजट की दो अहम बातें रहीं।
- सबसे दिलचस्प प्रतिक्रिया कांग्रेस सांसद शशि थरूर की रही। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- यह सरकार उस गैराज मैकेनिक की याद दिलाती है, जो अपने कस्टमर से कहता है कि चूंकि मैं आपके ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए हॉर्न की आवाज तेज कर देता हूं।
- राहुल गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों के हाथों में पैसे देना भूल गई। इसकी बजाय वह चाहती है कि देश की संपत्ति उसके पूंजीपति दोस्तों के हाथों में दे दी जाए।
- कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने देश के लोगों को धोखा दिया है और इससे पहले कभी भी बजट से इतनी निराशा नहीं हुई।