वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में तीसरी बार बजट पेश किया। 2021-22 के इस बजट में महाराष्ट्र के हिस्से में रेलवे और मेट्रो निर्माण को लेकर बड़ी घोषणाएं हुई हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण कहा है कि 46 हजार किमी रेलवे लाइन पर ट्रेनें बिजली से दौड़ेंगी। इसके अलावा एनआरपी (नेशनल रेल प्लान) 2030 बनकर तैयार है।
निर्मला सीतारमण ने महाराष्ट्र के नागपुर में चल रहे मेट्रो के दूसरे चरण के लिए 5976 करोड़ रुपए और नासिक मेट्रो के लिए 2092 करोड़ रुपये के प्रावधान किये जाने का ऐलान किया है। उनकी इस घोषणा से महाराष्ट्र में चल रहे विविध मेट्रो प्रोजेक्ट्स को बूस्ट मिलने की उम्मीद है।
नासिक के 'नियो मेट्रो' मॉडल की हुई तारीफ
बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने नासिक 'नियो मेट्रो ' मॉडल की प्रशंसा भी की है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहिए। महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि नासिक मेट्रो के लिए यह गर्व का क्षण है और हम इस बजट घोषणा से संतुष्ट हैं।
क्या है नीयो और लाइट मेट्रो तकनीक?
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने पिछले महीने की शुरूआत में नियो मेट्रो लॉन्च किया था। यह देश के उन शहरों के लिए लाया गया है जहां पर 20 लाख तक की आबादी है। रबड़ टायर पर चलने वाली तीन कोच वाली इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो के निर्माण लागत से 40 फीसदी तक कम है।
हर कोच में 200 -300 लोग कर सकते हैं सफर
इसमें स्टेशन परिसर के लिए बड़े जगह की जरूरत नहीं होती है। यह सड़क के सरफेस या एलिवेटेड कॉरीडोर पर चल सकती है। हर कोच में 200 से 300 लोग सफर कर सकते हैं। इसे चलाने की लागत भी परंपरागत मेट्रो से कम है।
अजित पवार ने कहा- इस बजट ने लोगों को मौत के कगार पर खड़ा किया
आज के बजट पर राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट ने एक बार फिर देश के लोगों को मौत के कगार पर खड़ा कर दिया है। बजट ने दिल्ली सीमा पर विरोध कर रहे किसानों से लेकर पिछले कोरोना काल में अपनी नौकरी गंवा चुके लाखों युवाओं को निराश किया है।
अजित पवार ने आगे कहा, "पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक भाइयों के साथ अन्याय करने की परंपरा भी इस बजट में बनी हुई है। महिलाओं की योजनाओं के लिए बजट में पर्याप्त कुछ नहीं है। मध्य वर्ग की भावनाएं भी आहत हुईं है। महाराष्ट्र, जो देश के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देता है, उसके खाते में कुछ नहीं आया है। महाराष्ट्र के साथ हुए इस अन्याय पर सभी पार्टियों के सांसदों को केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलना चाहिए और राज्य के लोगों को उचित अधिकार दिलाने की कोशिश करनी चाहिए।"