ग्रीस के पास 14 जून को नाव डूबने की घटना में पाकिस्तान के 300 लोगों की मौत हुई है। पाकिस्तान की लोकल मीडिया ने ये जानकारी दी है। पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक नाव में पाकिस्तान के 400, मिस्र के 200, सीरिया के 150 लोग सवार थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने हादसे में पाकिस्तानी नागरिकों की मौत पर दुख जताया है।
उन्होंने कहा- मानव तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। ये एक जघन्य अपराध है। इसके बाद पाकिस्तान ने POK से 9 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन पर गैर-कानूनी तरीकों से पाकिस्तान के लोगों को यूरोप पहुंचाने की कोशिश करने के आरोप हैं। पाकिस्तान ने लोगों की मौत पर आज राष्ट्रीय शोक रखा है।
तस्वीर प्रवासियों की इस नाव की है, जो 14 जून को ग्रीस के पास डूब गई। इसमें पाकिस्तान, सीरिया अफगानिस्तान के नागरिक सवार थे।
पाकिस्तान के लोगों को जानबूझकर मरने के लिए नाव के नीचे वाले हिस्से में भेजा
शाहबाज शरीफ ने ग्रीस में पाकिस्तान की ऐंबैसी के हवाले से बताया है कि बोट हादसे में बचाए गए 12 लोग पाकिस्तान के भी हैं। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से मरने वालों की संख्या नहीं बताई गई है। वहीं, UN के मुताबिक बोट में 400 से 750 लोग मौजूद थे। इनमें 200 से ज्यादा पाकिस्तान के थे। अभी तक 78 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। जबकि 500 लोग लापता हैं।
माना जा रहा है कि इनमें से किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है। वहीं, द गार्जियन ने हादसे में जिंदा बचे लोगों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान के लोगों जानबूझकर नाव के नीचे वाले इलाके डॉक में भेजा गया, जहां बचने की संभावना न के बराबर होती है। बोट में मौजूद लोगों ने ऐसा जानबूझकर किया।
तस्करों को यूरोप पहुंचाने के लिए दिए थे 6 लाख रुपए
पाकिस्तान के अधिकारियों के मुताबिक POK के तस्कर लोगों को यूरोप भेजने का सपना दिखाकर उन्हें पहले लीबिया भेजते हैं। फिर बोट के जरिए गैर-कानूनी तरीकों से उन्हें यूरोप में घुसाने की कोशिश की जाती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक तस्कर पाकिस्तान के गुजरात से भी पकड़ा गया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक तस्करी कराने वाले एजेंट्स ने लोगों से 6 लाख रुपए लिए थे। सियालकोट के एक व्यक्ति ने बताया कि उनका बेटा एक महीने पहले एजेंट को 6 लाख रुपए देकर इटली के लिए निकला था। अब उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। वहीं, उनसे पैसे लेने वाला एजेंट भी गायब है।
ग्रीस के पास हुए नाव हादसे में अपने भाई को जिंदा देखकर खुशी मनाते हुए।
2015 के बाद का सबसे बड़ा हादसा
संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी ( इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन) के मुताबिक ग्रीस के पास 14 जून को नाव पलटने से हुआ हादसा 2015 के बाद का सबसे बड़ा हादसा है। 2015 में लिबिया से इटली जा रही नाव पलटने से 1100 लोगों की मौत हो गई थी।
इस तरह की घटनाओं के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर बेहतर जिंदगी की तलाश में यूरोप जाते हैं। ट्यूनिशिया की अथॉरिटीज के मुताबिक 2023 के पहले 3 महीनों में वो गैर-कानूनी तरीके से यूरोप जाने वाले 13 हजार प्रवासियों की नाव को इंटरसेप्ट कर चुके हैं। 14 जून को डूबी नाव का नाम लकी सेलर बताया जा रहा है।
तस्वीर नावों के डेटा ट्रैकर की है। इसमें पीले निशान वाली लकी सेलर नाव प्रवासियों की है। इसके आस-पास दूसरी नाव को भी देखा जा सकता है। इन पर आरोप है कि मदद मांगने के बावजूद इन्होंने लकी सेलर नाव को नहीं बचाया।
नाव हादसे के बाद ग्रीस के पार्लियामेंट के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया ।
ग्रीस पर लापरवाही के आरोप
ग्रीस के पास बोट हादसे के बाद वहां के कोस्टगार्ड्स पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। BBC की रिपोर्ट में सामने आया है कि नाव डूबने से पहले कई घंटों तक एक जगह पर ही खड़ी हुई थी। जबकि ग्रीस के कोस्टगार्ड्स का कहना है कि वो लगातार आगे बढ़ रही थी। इसके चलते उन्हें कोई खतरा महसूस नहीं हुआ ।
वहीं, नाव के मालिक ने बताया कि उसके डूबने के खतरे के बीच कोस्ट गार्ड को अप्रोच किया था। इसकी पुष्टि लॉग बुक से भी हो रही है। हालांकि कोस्ट गार्ड का हेलीकॉप्टर उन्हें खाने का सामान और पीने का पानी देकर लौट गया है।