लोकसभा चुनाव- 2024 के चुनाव परिणाम जो भी हों और जैसे भी हों, लेकिन इतना तय है कि कर्नाटक में काँग्रेस की विजय ने समूचे विपक्ष में नई ऊर्जा भर दी है। जो ममता बनर्जी कांग्रेस से ही निकलकर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को बर्बाद करने पर तुली हुई थीं, उन्होंने भी कह दिया है कि अब कांग्रेस जहां भी मज़बूत है, हम सब मिलकर वहाँ उसका सहयोग करेंगे।
दूसरी तरफ़ उन्होंने सीटों का एक फ़ॉर्मूला भी सुझाया कि अकेली कांग्रेस 243 सीटों पर लड़े और बाक़ी दल 300 सीटों पर लड़ें। जीत का मंत्र इसी फ़ॉर्मूले से निकलेगा। इस फ़ॉर्मूले में दो बातें हैं। ममता एक तरफ़ तो कह रही हैं कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों का सम्मान करते हुए उन्हें तीन सौ सीटें दे दे।
बिहार के CM नीतीश कुमार और डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने 23 अप्रैल को ममता बनर्जी से मुलाकात की थी।
दूसरी तरफ़ वे कांग्रेस को 243 सीटों तक सीमित भी कर रही हैं। इसका सीधा-सा अर्थ यह है कि कांग्रेस अगर पूरी 243 सीटें भी जीत जाए तो भी वह अकेले अपने दम पर तो सरकार नहीं ही बना सकती। अब यह कांग्रेस को सोचना है कि क्या वह अकेले अपने दम पर सरकार बनाने की हिमाक़त कर सकती है या क्षेत्रीय पार्टियों से मिलकर अपनी ताक़त बढ़ाने के फ़ॉर्मूले पर जाती है। वैसे विपक्षी एकता कहने-सुनने में तो अच्छी लगती है, लेकिन सही मायने में एकता हो नहीं पाती।
कभी बात सीटों के बँटवारे पर अटक जाती है। कभी नेताओं का अहम आड़े आ जाता है। जैसे फ़लाँ मीटिंग में उसे बुलाया, हमें नहीं बुलाया टाइप। इन सब झंझटों से पार पा भी लें तो नेता चयन में तो अड़चन आती ही है। राहुल गांधी को ममता और नीतीश कुमार जैसे नेता स्वीकार कर पाते हैं या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है। हालाँकि, यह सब जीती हुई सीटों की संख्या पर निर्भर ज़्यादा करता है। कई बार ऐसा भी हो जाता है कि कांग्रेस जैसे बड़े दल बैठे रह जाते हैं और छप्पन सांसदों के साथ चंद्रशेखर अपनी सरकार बना लेते हैं।
बहरहाल, कर्नाटक की जीत विपक्ष के लिए नया पैग़ाम तो लाई है। कर्नाटक से याद आया, वहाँ अभी मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ चल रही है। राजनीतिक प्रेक्षक कहते हैं कि सिद्धारमैया का सीएम बनना लगभग तय है। हालाँकि डीके शिवकुमार ने इस चुनाव में जी-तोड़ मेहनत की। सारी ताक़त फूंक दी।
आलाकमान भी उन्हें पसंद करता है, लेकिन ईडी और सीबीआई का डर हो सकता है शिवकुमार के रास्ते का रोड़ा बन जाए। उन पर कुछ मुक़दमे (राजनीतिक) चल रहे हैं। हालाँकि सीएम पद की होड़ का नतीजा भी आज-कल में आ ही जाएगा।