वक्त: सुबह के 9 बजे। जगह: बेंगलुरु का सदाशिवनगर। यहीं कर्नाटक के सबसे अमीर विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का बंगला है। बंगले के अंदर-बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ है, जो शिवकुमार का इंतजार कर रहे हैं।
10:30 बजे डीके बाहर आते हैं और समर्थकों से मिलते हैं। दो घंटे बाद उनका काफिला प्रचार के लिए निकलता है। काफिले में 8 से 10 गाड़ियों के साथ एक बस भी है, जिसमें फ्रिज-एसी से लेकर वॉशरूम और रेस्ट रूम तक है।
पहली जनसभा के बाद डीके शिवकुमार बस में आ जाते हैं। बस का रूफ ओपन हो जाता है और शिवकुमार हाथ हिलाते हुए लोगों का अभिवादन करते हैं। दोपहर 1 बजे से रात के 11 बजे तक करीब 6 सभाएं करते हैं। कभी बस में बैठते हैं, कभी कार में चले जाते हैं। कभी समर्थकों के साथ उनकी गाड़ी में बैठ जाते हैं, तो कुछ दूरी मेट्रो से तय कर लेते हैं।
फिर खाना-पीना कब होता है, इसके जवाब में उनके बस ड्राइवर कहते हैं, ‘सुबह नाश्ता करके निकलते हैं, लंच नहीं हो पाता। अभी उनका शेड्यूल ऐसा ही चल रहा है।’
शिवकुमार रामनगर जिले की कनकपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वे राज्य में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। कर्नाटक में 10 मई को वोटिंग होनी है। चुनाव के नतीजे 13 मई को आएंगे। कांग्रेस ने अब तक CM फेस तय नहीं किया है, लेकिन शिवकुमार इस रेस में हैं। उनका दावा है कि पार्टी 140 सीट जीत रही है।
दिन भर जनसभाओं के बाद शिवकुमार ने देर शाम मेट्रो में प्रचार शुरू किया, सफर के दौरान भास्कर से बातचीत की। पढ़िए उनका इंटरव्यू…
सवाल: कर्नाटक में कांग्रेस काफी कॉन्फिडेंट लग रही है। आपको क्यों लग रहा है कि आप चुनाव जीत रहे हैं?
जवाब: BJP ने जो वादे किए, उसे पूरा नहीं कर पाई। अब कर्नाटक के लोग बदलाव चाहते हैं और इसका इकलौता विकल्प कांग्रेस है।
सवाल: आपको इस बार कितनी सीटें जीतने का सौ फीसदी भरोसा है?
जवाब: 140 सीटें जीतेंगे। BJP ने बेंगलुरु को देश की सबसे करप्ट कैपिटल बना दिया है। 40% कमीशन लिया जाता है। लोग BJP से परेशान हैं।
सवाल: गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि गलती से भी कांग्रेस आई तो पूरा कर्नाटक दंगे से ग्रस्त होगा। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: ऐसा कहना संविधान और कानून के खिलाफ है। कोई ऐसा कैसे कह सकता है कि कांग्रेस सरकार में आएगी तो दंगा होगा। ये इश्यू हमने इलेक्शन कमीशन के सामने भी उठाया है।
सवाल: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी को जहरीला सांप कहा। आपको लगता है कि प्रधानमंत्री पर निजी हमला करने से नुकसान होता है ?
जवाब: वे (खड़गे) इस पर खेद जता चुके हैं। मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता।
सवाल: कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस चुनाव को राहुल बनाम मोदी नहीं करना चाहती। ऐसा क्यों?
जवाब: ऐसा नहीं है। यह कर्नाटक का चुनाव है। मोदी यहां चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो चेहरा हैं नहीं। हम कन्नड़ लोग हैं, प्राउड कन्नड़। हम अपना शो खुद चलाना जानते हैं और जानते हैं कि सरकार कैसे चलाना है।
सवाल: BJP आपके और सिद्धारमैया के बीच मतभेद का मुद्दा उठा रही है। इलेक्शन जीते तो CM कौन होगा?
जवाब: ये कौन कह रहा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं। मतभेद तो BJP के नेताओं में चल रहे हैं। पार्टी में उठापटक मची है।
सवाल: किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है, तो क्या आप JD(S) के साथ गठबंधन करेंगे?
जवाब: ऐसी नौबत नहीं आएगी। कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। हमें गठबंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सवाल: कर्नाटक में हिजाब-हलाल के मुद्दे उठे, चुनाव में इनका कितना असर देख रहे हैं?
जवाब: वे लोग कर्नाटक में पोलराइजेशन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फेल हो चुके हैं। यहां लोग हिजाब-हलाल का विवाद नहीं, नॉर्मल लाइफ चाहते हैं। कर्नाटक की एक रिच हिस्ट्री है। पोलराइजेशन का गेम यहां नहीं चलेगा।
सवाल: PM मोदी खुद प्रचार कर रहे हैं, BJP की पूरी सेंट्रल लीडरशिप मैदान में है। इसका असर होगा?
जवाब: मोदी की लीडरशिप कर्नाटक में नहीं चलेगी। डबल इंजन सिर्फ दिल्ली में काम करता है। वो और उनकी सरकार कर्नाटक में फेल हो चुके हैं।
शिवकुमार यानी कांग्रेस के पॉलिटिकल मैनेजर…
गुजरात के विधायकों को बेंगलुरु लाकर अहमद पटेल को जितवाया
डीके शिवकुमार को पॉलिटिकल मैनेजमेंट के लिए भी जाना जाता है। बीते कुछ सालों में जब भी पार्टी मुश्किल में घिरी है, उसने शिवकुमार को ही सामने किया है। इसका एक किस्सा गुजरात में राज्यसभा चुनाव से जुड़ा है।
यहां 2017 में तीन सीटों पर चुनाव होने थे। दो पर BJP की जीत पक्की थी, तीसरी सीट फंसी हुई थी। अहमद पटेल कांग्रेस उम्मीदवार थे। पटेल को जिताने के लिए शिवकुमार गुजरात से सारे कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु ले गए थे। BJP पूरी ताकत लगाकर भी तीसरी सीट नहीं जीत पाई। कहा जाता है कि इसी के बाद अमित शाह और शिवकुमार के बीच तल्खी बढ़ गई थी।
1,413 करोड़ रुपए की संपत्ति, करप्शन के आरोप में जेल जा चुके
60 साल के डीके शिवकुमार ने चुनावी एफिडेविट में अपनी संपत्ति 1,413 करोड़ रुपए बताई है। ED, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और CBI उनके पीछे लगी है। ED दो मामलों में जांच कर रही है, जिनमें एक नेशनल हेराल्ड से जुड़ा है। CBI आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में जांच कर रही है।
2019 में डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। 50 दिन तिहाड़ जेल में रहे, फिर जमानत पर बाहर आए। डीके शिवकुमार का मैसूरु रीजन में मजबूत सपोर्ट बेस है। शिवकुमार वोक्कालिगा कम्युनिटी से आते हैं। ये समुदाय कर्नाटक की 48 सीटों पर असर रखता है। शिवकुमार की गिरफ्तारी को समर्थकों ने वोक्कालिगा कम्युनिटी का अपमान बताया था।
30 साल की उम्र में मंत्री बने, 1991 के बाद चुनाव नहीं हारे
डीके शिवकुमार ने पहला चुनाव 1985 में लड़ा था। सामने थे JD(S) के चीफ एचडी देवगौड़ा। शिवकुमार ये चुनाव हार गए थे। 1989 में शिवकुमार ने दोबारा चुनाव लड़ा, जीते भी। उस साल कांग्रेस भी सत्ता में आई। 1991-92 में सिर्फ 30 साल की उम्र में वे मंत्री बन गए थे। इसके बाद से कोई चुनाव हारे नहीं।
1999 में शिवकुमार ने एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी को साथनूर सीट से हराया था। यहीं से उनकी और देवगौड़ा परिवार के बीच प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई थी। एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शिवकुमार को अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर बनाया। एक्सपर्ट कहते हैं कि यहीं से राजनीति में शिवकुमार का कद और बिजनेस तेजी से बढ़ा।
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