भास्कर की स्पेशल सीरीज की पहली किस्त में आपने पढ़ा कि उदयपुर में किस तरह कन्हैयालाल की गला काटकर हत्या की साजिश रची गई। (पहली किस्त नहीं पढ़ी है तो इस खबर के अंत में उसका लिंक है।)
अब दूसरी किस्त में पढ़िए 28 जून को हत्यारे रियाज और गौस ने किस तरह खौफनाक हत्याकांड को अंजाम दिया…
28 जून, समय दोपहर 02:20 बजे
रियाज और गौस रियाज की बाइक पर मालदास स्ट्रीट स्थित कन्हैयालाल की सुप्रीम टेलर दुकान पर पहुंचे। रियाज ने बाइक को दुकान के पास पार्क किया। गौस ने रिकॉर्डिंग के लिए रियाज का मोबाइल अपने पास ले लिया। इसके बाद दोनों कन्हैयालाल की दुकान में घुस गए।
रियाज ने कन्हैयालाल से उसके कुर्ते के लिए नाप लेने को कहा। कन्हैयालाल ने नाप लेना शुरू ही किया कि गौस ने अपनी पीठ पर रखे बैग को खोला और रियाज ने बैग में से एक छुरा निकालते हुए कन्हैयालाल पर वार करना शुरू कर दिया। दुकान में काम कर रहे कन्हैयालाल के कारीगर ईश्वर गौड़ और राज कुमार शर्मा ने बचाने की कोशिश की, लेकिन रियाज ने ईश्वर पर भी हमला कर उसे घायल कर दिया।
गौस इस दौरान घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसने मोबाइल टेबल पर रख दिया और रियाज के साथ मिलकर कन्हैयालाल पर वार शुरू कर दिए। कन्हैयालाल जोर से चिल्लाया, लेकिन डर के मारे कोई बचाने नहीं आया। कन्हैयालाल पर लगातार कई वार करने के बाद रियाज और गौस उसी मोटरसाइकिल से वहां से भाग गए।
रियाज और गौस ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली और उसका वीडियो वायरल किया था।
कन्हैयालाल के मर्डर के बाद एसके इंजीनियरिंग पहुंचे
कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस सुखेर में सापेटिया रोड स्थित शोबत खान के एसके इंजीनियरिंग वर्कशॉप पहुंचे। यहां दोनों ऑफिस में गए और टीपू सुल्तान को बुलाया। रियाज ने टीपू सुल्तान को बताया कि उन्होंने मालदास स्ट्रीट वाले कन्हैयालाल टेलर का सर कलम कर दिया है। रियाज ने कपड़ों पर लगा खून साफ़ करने के लिए पानी मांगा और मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट को भी कवर करने को कहा। इससे पहले यहीं सोफे पर बैठकर रियाज और गौस ने वीडियो भी बनाए, जो बाद में वायरल किए गए थे।
वॉट्सऐप पर मैसेज- काम कर दिया, अब कोई हमें कॉल न करे
रियाज ने टीपू सुल्तान को अमजद भाटी नाम के व्यक्ति को कॉल लगाने को कहा पर फोन नहीं लगा। इसके बाद उसने मोहसिन खान को कॉल लगाने को कहा। रियाज ने मोहसिन से कहा कि वो अभी सुखेर में है, उन्होंने टेलर का काम कर दिया है। उसने मोहसिन को अजमेर जाने के लिए फोर व्हीलर गाड़ी अरेंज करने को कहा। इसके बाद रियाज के कहे अनुसार टीपू सुल्तान ने मोहसिन को अमजद खान के नंबर भेज दिए। इसके बाद रियाज और गौस वहां से चले गए।
थोड़ी देर बाद रियाज ने लब्बैक या रसूलुल्लाह वॉट्सऐप ग्रुप में वॉइस मैसेज भेज कर बताया कि ‘मैंने मोहम्मद गौस के साथ मिलकर कन्हैयालाल सर तन से जुदा कर दिया है। अब कोई हमें कॉल न करे। सर ऐसे ही कलम होते रहेंगे, कोई फर्क नहीं पड़ता एक रियाज अत्तारी मर भी जाए तो’। इसके बाद रियाज ने इसी ग्रुप में कन्हैयालाल के मर्डर के वीडियो के साथ दूसरे 2 वीडियो भी शेयर कर दिए, जिसमें वो पीएम नरेंद्र मोदी को धमकियां दे रहे थे।
28 जून को कन्हैयालाल साहू की दुकान में घुसकर रियाज और गौस ने हत्या कर दी थी। कन्हैया की मालदास स्ट्रीट में भूतमहल गली में सुप्रीम टेलर्स नाम से शॉप थी।
साथियों को भी दी सिर कलम की धमकी
रियाज और गौस अम्बरी पुलिया स्थित अमजद खान की एडी इंजीनियरिंग शॉप पर पहुंचे। रियाज ने नावेद उर्फ सोनू से अमजद खान के बारे में पूछा। नावेद ने अमजद को कॉल लगाया और जल्दी शॉप पर पहुंचने को कहा। इतनी देर में अमजद खान वहां आ गया।
अमजद ने दोनों के कपड़ों पर लगा खून देख पूछताछ की तो उन्होंने कन्हैयालाल के मर्डर के बारे में उसने बताया और गाड़ी का इंतजाम करने को कहा। अमजद और नावेद ने गाड़ी का इंतजाम करने से साफ इनकार कर दिया। इस पर रियाज और गौस ने उन्हें भी सर कलम करने की धमकी दी और अजमेर शरीफ जाने के लिए उनकी मोटरसाइकिल में पेट्रोल भरवाने को कहा। इस पर भी अमजद और नावेद ने मना कर दिया। गौस ने जबरदस्ती नावेद को 600 रुपए दिए और पेट्रोल भरवाने को कहा। नावेद डर के मारे पेट्रोल भरवा लाया। इसके बाद रियाज और गौस अजमेर हाईवे की तरफ निकल गए।
उदयपुर पुलिस ने इस तरह दोनों को पकड़ा
कन्हैयालाल हत्याकांड के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे और उदयपुर पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर थी। इस बीच पुलिस को जानकारी मिली थी कि आरोपी रियाज और गौस उदयपुर से अजमेर हाईवे पर भीम-देवगढ़ इलाके की तरफ बाइक से भाग रहे हैं। राजसमंद पुलिस द्वारा इनकी लोकेशन ट्रेस की गई और नेशनल हाईवे-8 पर भीम में बने डाक बंगले के बाहर नाकाबंदी की गई। यहां पुलिस को देखते ही दोनों आरोपी रियाज और गौस भीम कस्बे में घुस गए।
दोनों कस्बे में होकर बाइक से भाग निकले और बदनौर चौराहा होते हुए कॉलेज के सामने दोबारा हाईवे पर आ गए। यहां से अजमेर की तरफ जाने लगे। इस पर भीम-देवगढ़ पुलिस ने दोनों का पीछा करते हुए उन्हें शाम साढ़े 6 बजे जस्सा खेड़ा के पहले आड़ावाला मोड़ पर घेर लिया। गौस और रियाज पुलिस को देखकर भागने लगे तो पुलिस ने दोनों को सड़क पर ही लात-घूंसों और डंडों से जमकर पीटा। फिर बाल पकड़कर गाड़ी में डाल दिया।
राजसमंद पुलिस रात करीब 8 बजे दोनों को भीम थाने लेकर पहुंची। काफी संख्या में थाने के बाहर जुट गई। भड़के लोग नारेबाजी करने लगे। भीड़ डिमांड करने लगी कि आरोपियों को उनके हवाले किया जाए। इस पर एक बार तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया, लेकिन फिर माहौल बिगड़ता देख पुलिस के हाथ-पैर फूल गए। इसके बाद पुलिस दोनों को दूसरी जगह ले गई।
हत्याकांड के बाद आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बाद उदयपुर कोर्ट में पेश किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट : 16 चोटें बनीं मौत की वजह
28 जून को रात में 10:56 बजे कन्हैयालाल का शव उदयपुर स्थित महाराणा भूपाल हॉस्पिटल की एक्सीडेंटल एमरजेंसी में लाया गया। अगले दिन 29 जून की सुबह सवा 9 बजे 3 डॉक्टर्स के मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुसार कन्हैयालाल की मौत का कारण हैमरेज शॉक थे, जिसकी वजह धारदार हथियार थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुल 26 चोटों का जिक्र किया गया। इनमें से 16 ऐसी गंभीर चोटें थी, जो मौत का कारण बनी।
NIA ने शुरू की मामले की जांच
अगले दिन 29 जून को कन्हैयालाल के बेटे यश तेली की शिकायत पर उदयपुर के धान मंडी पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 452, 302, 153(A), 153(B), 295(A) व 34 और UA (P) एक्ट की धारा 16,18 और 20 के तह वीभत्स हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर NIA ने यहीं मामला IPC की धारा 452, 302, 153(A), 153(B), 295(A) व 34 और UA (P) एक्ट की धारा 16,18 और 20 के तहत री रजिस्टर्ड किया और मामले की जांच शुरू कर दी।
दोनों हत्यारों ने 9 लोगों के साथ मिलकर रची साजिश
NIA इन्वेस्टिगेशन में जांच में सामने आया कि रियाज और गौस ने कन्हैयालाल की दुकान के पड़ोस में ही काम करने वाले वसीम और जावेद सहित 9 और लोगों के साथ मिलकर इस कत्ल की साजिश रची। दो पाकिस्तानी आरोपियों ने सलमान और अबू इब्राहिम ने रियाज और गौस मोहम्मद को हिंदुओं के खिलाफ भड़काया और नबी की गुस्ताखी करने वालों का सर कलम करने को लेकर उकसाया। रियाज और गौस पाकिस्तान में बैठे सलमान और अबू इब्राहिम के निर्देशों पर ही काम कर रहे थे।
टेरेरिस्ट आर्गेनाइजेशन की तरह कर रहे थे काम
NIA ने माना कि सभी आरोपी टेरेरिस्ट आर्गेनाइजेशन की तरह काम करते थे। NIA ने चार्जशीट में लिखा- सभी आरोपी कट्टरपंथी हो गए और नबी के अपमान का बदला लेने के लिए ऑडियो, वीडियो और संदेशों से प्रेरणा ली। आरोपियों ने घातक चाकुओं का इंतजाम किया और कन्हैया लाल की हत्या कर दी।उसकी दुकान में कारीगर पर हमला भी किया। हत्या का वीडियो बनाया, इसे वायरल किया और भारत के पीएम और अन्य लोगों को चेतावनी देते हुए एक और वीडियो शूट किया। आतंक फैलाने के मकसद से भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा पैदा किया गया।
पाकिस्तान की धार्मिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पर वर्ष 2021 अप्रैल में पाबंदी लगा दी गई थी। यह पाबंदी साल 1997 के आतंकवादी निरोधी कानून के तहत लागू की गई।
11 आरोपियों में से दो पाकिस्तानी अभी फरार
NIA ने मामले में कुल 11 आरोपियों को दोषी माना, जिनमें से दो आरोपी पाकिस्तानी भी है। मोहम्मद रियाज अत्तारी, मोहम्मद गौस, मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद, मोहम्मद जावेद और मुस्लिम खान को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी फिलहाल अजमेर स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में जुडीशियल कस्टडी में है। वहीं 2 पाकिस्तानी आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम फरार हैं। उसकी तलाश की जा रही है।
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28 जून 2022… जब उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की तालिबानी तरीके से गला काटकर की गई हत्या ने पूरे राजस्थान को अंदर तक हिला दिया था।
हाल ही में NIA ने इस हत्याकांड से जुड़ी चार्जशीट पेश की। भास्कर ने इस चार्जशीट का एक-एक पेज खंगाला। पड़ताल में तालिबानी हत्याकांड से जुड़ी हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई।
हत्याकांड से जुड़े सभी आरोपी टेरेरिस्ट ग्रुप की तरह काम कर रहे थे। कन्हैयालाल का हत्यारा गौस मोहम्मद पाकिस्तान के कराची में बैठे मास्टरमाइंड सलमान अत्तारी से मुलाकात भी कर चुका था। पकड़े गए 9 आरोपियों में से 4 आरोपी पाकिस्तान की कट्टर इस्लामिक पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ के वॉट्सऐप ग्रुपों से जुड़े हुए थे।
पाकिस्तानी हेंडलर ने रियाज और गौस मोहम्मद को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काया और नबी की गुस्ताखी करने वालों का सिर कलम करने को लेकर उकसाया।
NIA की जांच में सामने आया कि कन्हैयालाल की हत्या के सूत्रधार उसके पड़ोसी दुकान वाले ही निकले।
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