संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित कर रही है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है। यह सरकार बिना डरे काम कर रही है। इसके लिए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, आर्टिकल 370 और तीन तलाक का हवाला दिया।
मुर्मू ने सरकार को लगातार दो बार मौका देने के लिए लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, जहां गरीबी न हो और मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। उन्होंने गरीबों को मुफ्त अनाज की स्कीम जारी रखने की बात कही। मुर्मू ने रेहड़ी वालों की बात कही, तो 11 करोड़ छोटे किसानों की मदद के लिए सवा दो लाख करोड़ रुपए की सम्मान निधि का जिक्र भी किया।
मोदी ने कहा- बजट से लोगों को काफी उम्मीदें
सत्र से पहले PM नरेंद्र मोदी ने कहा- सदन में तकरार तो होगी ही, तकरीर भी होनी चाहिए। मोदी ने कहा- विपक्ष पूरी तैयारी के साथ आया है। हम बहुत अच्छी तरह मंथन करके देश के लिए अमृत निकालेंगे। हमारे देश के बजट पर विश्व की नजर है। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी। हमारे देश की ओर दुनिया आशा से देख रही है। हमार लक्ष्य देश पहले-देशवासी पहले होना चाहिए।
बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के बजट पर दुनिया की नजर है।
सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रमुख बातें...
- मुर्मू ने कहा- संसद के इस संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश किया। अमृतकाल के 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी और विकसित भारत के निर्माण का वक्त है।
- राष्ट्रपति ने कहा- हमारे सामने युग निर्माण का अवसर है। इसके लिए शत-प्रतिशत सामर्थ्य के साथ काम करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसमें अतीत का गौरव और आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जो मानवीय दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम हो। जहां गरीबी न हो, मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। युवा समय से दो कदम आगे चलते हों। ऐसा भारत हो, जिसकी विविधता और उज्ज्वल और एकता और ज्यादा अटल हो।
- 2047 में जब ये सच्चाई जीवंत होगी, तो इतिहास उसकी नींव का अवलोकन भी करेगा। आज अमृतकाल का ये समय महत्वपूर्ण हो गया है। मेरी सरकार को देश के लोगों ने पहली बार सेवा का अवसर दिया तो हमने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र से शुरुआत की थी। समय के साथ इसमें सबका प्रयास भी जोड़ा गया है। ये मंत्र राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा बन गया है। मेरी सरकार को कुछ ही महीने में 9 साल पूरे हो जाएंगे। इन 9 साल में भारत के लोगों ने सकारात्मक परिवर्तन देखे। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है। दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। पहले हम दुनिया पर निर्भर हुआ करते थे, आज दुनिया की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं।
- हम जिस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की कामना करते थे, वो देश में बनना शुरू हुआ है। आज भारत में डिजिटल नेटवर्क है, जिससे विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं। भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता था देश, उससे मुक्ति मिल रही है। आज देश की पहचान तेज विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है। हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर पर पहुंच गए हैं। यही वह नींव है, जो आने वाले 25 साल में विकसित भारत के आत्मविश्वास को बुलंद करेगी।
- भगवान बसवेश्वर ने कहा था कि कर्म ही पूजा है और कर्म में ही शिव है। उनके दिखाए मार्ग पर सरकार राष्ट्र निर्माण में तत्परता से जुटी है। भारत में स्थिर, निडर और निर्णायक सरकार है, जो बड़े सपनों के लिए काम करती है। आज भारत में ईमानदार का सम्मान करने वाली सरकार है। आज भारत में गरीबी के स्थाई समाधान और सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकार है।
- आज भारत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिए जनकल्याण को सबसे पहले रखने वाली सरकार है। महिलाओं की हर बाधा को दूर करने वाली सरकार है। प्रगति के साथ प्रबुद्धि को संरक्षण देने वाली सरकार है। अपनी बेसिक भूमिका को लेकर आत्मविश्वास से आगे बढ़ने वाली सरकार है।
- मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार 2 बार स्थिर सरकार चुनी। सरकार ने देशहित को सर्वोपरि रखा। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रयास, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर बुरे प्रयास को खत्म किया। आर्टिकल 370 से लेकर तीन तलाक तक सरकार की पहचान निर्णायक फैसले लेने वाली सरकार बनी।
- दुनिया में जहां भी राजनीतिक अस्थिरता है, वो देश संकट से घिरे हैं। हमारी सरकार ने जो निर्णय लिए, उससे भारत आज बाकी दुनिया से बेहतर स्थिति में है। मेरा स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमने निश्चित किया की ईमानदार का सम्मान होगा। भ्रष्टाचारियों की जगह नहीं रहेगी।
- आज सरकारी कामों में टेंडर और खरीद के लिए ई-मार्केट प्लेस की व्यवस्था है। इसमें 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ। राष्ट्रनिर्माण में ईमानदार योगदान देने वालों को सम्मान दिया जाता है। इनकम टैक्स फाइलिंग में जटिलता खत्म कर देशवासियों का जीवन आसान बनाया गया। कैश लेस से व्यवस्था में पारदर्शिता आई। आज ITR भरने के कुछ दिन भीतर रिटर्न मिलता है।
- जनधन, आधार, वन नेशन-वन राशन जैसे स्थायी सुधार किए हैं। बीते सालों में डिजिटल इंडिया के तौर पर पारदर्शी व्यवस्था तैयार की। 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचता है। 27 लाख करोड़ से ज्यादा की रकम पहुंचाई गई है। वर्ल्ड बैंक कहती है इन्हीं योजनाओं के चलते भारत कोरोना काल में लोगों को गरीबी से बचा पाया है।
- जब भ्रष्टाचार रुकता है और टैक्स की पाई-पाई का सदुपयोग होता है तो भारत सरकार को भी गर्व होता है। मतदाता चाहता है कि योजनाएं ऐसी हों, जिनसे समस्या का स्थायी समाधान हो।
- गरीबी हटाओ केवल नारा नहीं है, सरकार गरीब की चिंताओं का समाधान कर रही है। उसे सशक्त बना रही है। गरीबी का बहुत बड़ा कारण बीमारी होती है। बीमारी से गरीब परिवार को हौसला टूट जाता है। पीढ़ियां कर्ज में डूब जाती है। इसके लिए आयुष्मान योजना शुरू की गई। इसके तहत 50 करोड़ से ज्यादा देशवासी मुफ्त इलाज पा रहे हैं।
- आज देश के 9 हजार जन औषधि केंद्रों में दवाएं दी जा रही है। इससे 20 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। गरीबों को इन दोनों योजनाओं से एक लाख करोड़ की मदद मिली है।
- ग्रंथों में लिखा है ये अपना- ये पराया की सोच सही नहीं होती। सरकार ने हर वर्ग के लिए काम किया है। कुछ साल में मूल सुविधाएं शत प्रतिशत आबादी तक पहुंच चुकी है या लक्ष्य के करीब है। कृषि योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों को मिले, कोई वंचित ना हो।
- कोरोना काल के दौरान दुनियाभर में गरीब के लिए गुजारा मुश्किल हो गया था। भारत उन देशों में से एक है, जिसने गरीब को बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। कोशिश की कि कोई गरीब भूखा न सोए।
- पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को हम आगे भी चलाएंगे। ये एक संवेदनशील और गरीब हितैषी सरकार की पहचान है। योजना के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ खर्च कर चुकी है। आज इस योजना की प्रशंसा पूरे विश्व में हो रही है।
- सरकार ने हर उस समाज की इच्छा को पूरा किया जो सदियों से वंचित रहा था। गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासियों की इच्छा पूरी कर उन्हें सपने देखने का अवसर दिया। कोई काम और प्रयास छोटा नहीं होता। विकास में सबकी भूमिका है।
- रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर बड़ी संख्या में लोग व्यापार करते हैं। विकास में इन साथियों की भूमिका को भी सराहा गया। पहली बार इनको फॉर्मल बैंकिंग से जोड़ा और सस्ते लोन की व्यवस्था की। डिजिटल लेन-देने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। 40 लाख साथियों को लोन दिया गया।
- 11 करोड़ छोटे किसान भी प्राथमिकता है। इन्हें मजबूत बनाने के लिए किसान सम्मान निधि के तहत सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई। इनमें 3 करोड़ लाभार्थी इनमें महिलाएं हैं।
- इससे अभी तक 54 हजार करोड़ रुपए इन महिला किसानों को मिले। छोटे किसानों के लिए फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाई गई। पशुपालकों को भी जोड़ा गया।
- अनुसूचित जाति के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आदिवासियों के लिए जनजाति दिवस मनाया जा रहा है। आज 36 हजार से ज्यादा आदिवासी गांवों को विकसित किया जा रहा है। 400 से ज्यादा एकलव्य मॉडल स्कूल भी खोले गए हैं।
- 3 हजार से ज्यादा वन धन विकास केंद्र आजीविका का साधन बने हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को OBC की भलाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता को जाहिर किया। बंजारा, घुमंतू समुदाय के लिए भी बोर्ड बनाया।
- हमने पिछड़े जिलों को विकसित करने का काम किया। 500 ब्लॉक को एस्पिरेशनल ब्लॉक में डेवलप करने का काम किया गया। सरकार ने स्थायी शांति के लिए कदम उठाए। नॉर्थ ईस्ट विकास की नई गति का अनुभव कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए वाइब्रेंट विलेज पर काम शुरू किया। सुरक्षा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। पिछले कुछ दशकों से बड़ा खतरा बन चुका वामपंथी हिस्सा भी कुछ जिलों तक सीमित रह गया है।
- सरकार की एक उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की रही। नारी शक्ति नाम कविता है। इसे ओडिया की कवि उत्कल भारती ने 100 साल पहले लिखा था। 'भारत की नारी पृथ्वी पर किसी की तुलना में न तो दीन है ना हीन। उसकी कीर्ति युगों-युगों तक लुप्त नहीं होगी।' गर्व होता है कि आज हमारी बहनें-बेटियां इस सपने के अनुरूप विश्व में पताका लहरा रही हैं।
- हर योजना के केंद्र में महिलाओं के रोजगार, सशक्तिकरण, उत्थान का भाव रहा है। जहां पुरानी मान्यताओं को तोड़ना पड़ा, वहां से भी पीछे नहीं हटे। बेटी बचाओ के तहत बेटियां बढ़ रही हैं। पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है। उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है। मां-बच्चों के जीवन को बचाने में भी हम सफल रहे। आयुष्मान की 50 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं।
- सरकारी स्कूल में अलग टॉयलेट, सेनेट्री पैड योजना से लड़कियों के ड्रॉप आउट रेट में कमी आई। स्वच्छ भारत से गरिमा बढ़ी और सम्मान भी मिला। शिक्षा नीति में भी कई कदम उठाए गए। ये निश्चित किया है कि किसी भी काम में महिलाओं के लिए बंदिश ना हो। माइनिंग से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चे तक उनकी भर्ती पर बल दिया गया। सैनिक और मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों में बेटियां पढ़ ही हैं।
- सरकार ने मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह किया। मुद्रा योजना की 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं। इससे उनकी आर्थिक शक्ति बढ़ी। पीएम आवास योजना की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम होने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा। 80 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों से 9 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। इन्हें लाखों करोड़ की मदद दी गई है।
- सरकार ने विरासत को मजबूती देने और विकास को प्राथमिकता देने की राह चुनी है। आज एक तरफ देश में अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है तो वहीं आधुनिक संसद भवन भी बन रहा है। हमने केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और महाकाल लोक का निर्माण किया तो हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं।
- तीर्थों का विकास कर रहे हैं तो भारत दुनिया की बड़ी स्पेस पावर भी बन रहा है। भारत ने पहला प्राइवेट सैटेलाइट भी लॉन्च किया है। एक तरफ आदि शंकराचार्य, बसवेश्वर जैसे संतों के दिखाए रास्ते पर बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ भारत हाईटेक नॉलेज का हब बन रहा है।
- भारत प्राकृतिक खेती की मिलेट्स की परंपरागत फसलों को बढ़ा रहा है। नैनो यूरिया जैसी टेक्नोलॉजी का विकास भी किया। खेती के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे हैं, ड्रोन टेक्नोलॉजी, सोलर पावर से किसान को ताकत दे रहे हैं। गांव के घरों की ड्रोन से मैपिंग की जा रही है। सैकड़ों आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च की जा रही हैं। नदी-जल मार्ग और बंदरगाहों को भी आधुनिक बनाया जा रहा है।
- गुलामी के हर निशान और हर मानसिकता से मुक्ति के प्रयास लगातार चल रहे हैं। कभी जो राजपथ था, वो कर्तव्य पथ है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हर भारतीय को गौरवान्वित कर रही है। अंडमान निकोबार में भी हमने नेताजी को सम्मान किया। यहां आईलैंड नेताजी को समर्पित किया है। परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर 21 द्वीपों का नामकरण भी किया है।
- नेशनल वार मेमोरियल आज राष्ट्रीय शौर्य का प्रतीक है। नौसेना को शिवाजी महाराज का प्रतीक मिला है। भगवान बिरसा मुंडा जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय बन रहे हैं। हर प्रधानमंत्री के योगदान को दिखाने वाला प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया है।
- मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का लाभ मिल रहा है। मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ रही है। भारत में ही सेमी कंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं। निर्यात दर बढ़ रही है। पहले हम बड़ी संख्या में मोबाइल आयात करते थे, आज भारत बड़ा निर्यातक बन चुका है।
- देश में खिलौनों के आयात में 70 फीसदी की कमी आई है, निर्यात 60 फीसदी तक बढ़ गया है। हमारी सेना में आज आईएनएस विक्रांत के रूप में पहला एयरक्राफ्ट करियर भी शामिल हुआ है।
सीतारमण आज पेश करेंगी आर्थिक सर्वे, कल बजट
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। कल यानी 1 फरवरी को बजट पेश होगा। यह लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। मोदी सरकार साल 2014 से अब तक कुल 9 बजट पेश कर चुकी है। इस साल 10वां बजट पेश करने जा रही है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट इकोनॉमिक अफेयर्स में एक इकोनॉमिक डिवीजन है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन की देख-रेख में इकोनॉमिक डिवीजन ने यह सर्वे तैयार किया है।
केजरीवाल और KCR की पार्टी ने बहिष्कार किया
सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP, केसीआर की पार्टी BRS समेत कई विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जिन खड़गे ने कहा कि श्रीनगर में भारी बर्फबारी के चलते कई नेता फंसे हुए हैं। फ्लाइट में देरी की वजह से राहुल गांधी समेत कई सांसद राष्ट्रपति के भाषण में नहीं पहुंच पाएंगे।
वहीं, बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष महंगाई, चीन की सेना की घुसपैठ, BBC की डॉक्यूमेंट्री, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा ,राम रहीम की परौल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है।
एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक हुई, 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे
इससे पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक अच्छी रही। हम सदन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग चाहते हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में कांग्रेस और सपा के नेता मौजूद नहीं थे। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने लेटर लिखकर बता दिया था कि वे मौसम के चलते कश्मीर में फंसे हैं, इसलिए उनके नेता नहीं आ सकते हैं। पार्टी से 31 जनवरी को अलग से चर्चा की जाएगी।
सोमवार का सर्वदलीय बैठक में प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है जो विपक्ष की ओर से नियम के तहत उठाए जाएंगे।
6.5% ग्रोथ रेट का अनुमान
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6-6.8% का अनुमान जताया है। मौजूदा हालात में सरकार नए वित्त वर्ष के लिए 6.5% की ग्रोथ रेट का अनुमान लगा सकती है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं, नॉमिनल ग्रोथ का अनुमान 11% लगाया जा सकता है। पिछले साल इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8-8.5% की GDP ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) का अनुमान लगाया गया था।
GDP से पता चलती है इकोनॉमी की हेल्थ
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।
इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है?
जिस तरह से मिडिल क्लास परिवारों में हिसाब-किताब के लिए डायरी बनाई जाती है, जिससे महीने या साल के आखिर में पता चलता है कि कितना कमाया, कितना बचाया और कहां-कितना खर्च हुआ और आगे के खर्चों का अनुमान लगाया जाता है, ठीक वैसे ही इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक हालत का लेखा-जोखा होता है।
एक साल में सरकार ने कितना पैसा जमा किया और कहां-कहां खर्च किया, इसका ब्योरा इकोनॉमिक सर्वे में रहता है। इससे देश की इकोनॉमी की हालत पता चलती है और कई संभावनाओं को ध्यान में रखकर अगले साल के खर्चों का एक अनुमान तैयार किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है।
2021-22 का इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए संजीव सान्याल (बाएं) और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी
दो सत्र में होगा बजट सत्र
संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो 14 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद 14 फरवरी से 12 मार्च तक छुट्टी रहेगी। वहीं, बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। दूसरे चरण में संसद के दोनों सदनों में वित्त विधेयक पर चर्चा की जाएगी जिसके बाद विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाएगा। 31 जनवरी से 6 अप्रैल तक कुल 66 दिनों (छुट्टी मिलाकर) में कुल 27 बैठकें होंगी।
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इस बजट में कई तरह के आइटम्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की अनाउंसमेंट की जा सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के अपने प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार केंद्रीय बजट 2023 में लगभग 35 आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
बजट-2023 से उम्मीदें:टैक्स स्लैब महंगाई के हिसाब से बदलें तो मिल सकती है राहत
नौकरीपेशा व्यक्ति की सबसे बड़ी फिक्र इनकम टैक्स है। जितना पैसा बचता है, टैक्स में चला जाता है। बैंक बाजार डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी मौजूदा टैक्स स्लैब और महंगाई के बीच फंसा है। 5 लाख से अधिक आय वाले टैक्स स्लैब आखिरी बार 2013-14 में बदले गए थे। इस बीच महंगाई सूचकांक 50.45% बढ़ चुका है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
MSME को बजट से उम्मीद: मुद्रा’ स्कीम के तहत लोन लिमिट 10 लाख से ज्यादा हो
ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमी बेहद कम संसाधन पर MSME (छोटे-मोटे उद्योग) चलाती हैं। इस लिहाज से प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAI) जैसे टारगेटेड फाइनेंस प्लान यदि महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME के लिए घोषित किया जाए उन्हें काफी मदद मिलेगी। इसके तहत 10 लाख रुपए या इससे ज्यादा के लोन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें