राजस्थान के बजट को लेकर अब तक कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार का बजट जल्दी आ जाएगा, लेकिन सरकार की तैयारियों को देखते हुए लग रहा है कि बजट फरवरी में ही आएगा। सरकार जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा का सत्र बुलाने की तैयारी में है।
सरकार चाहती है कि पहले केंद्र सरकार का बजट आ जाए, इसके बाद ही राज्य का बजट पेश हो। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि यदि केंद्र का बजट पहले आ जाता है तो राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाली हिस्सा राशि का अंदाजा हो जाता है। इससे राज्य को बजट बनाने में आसानी होती है।
सीएमओ सूत्रों के अनुसार राज्य का बजट केंद्र के बजट के बाद ही आएगा। इसी के हिसाब से वित्त विभाग में बजट को लेकर तैयारी चल रही है। इस बार का बजट पूरी तरह से चुनावी बजट होगा। यानी सरकार कोशिश करेगी कि बजट में सभी वर्गों को साधा जाए।
ताकि चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिले। इस हिसाब से बजट में नई योजनाओं और प्रोजेक्ट्स का प्रावधान होगा। बजट की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक बजट एडवाइजरी कमेटी की चार और 11 विभागीय मीटिंग कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री ने दिए थे जल्दी बजट लाने के संकेत
25 सितंबर को राजस्थान में सियासी संकट के हालात पैदा होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 अक्टूबर को मौजूदा बजट की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक के बाद प्रदेश में जल्दी बजट लाने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि अगला बजट युवाओं और स्टूडेंट्स को समर्पित होगा। बजट पर गहलोत के बयान के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार का बजट बाकी सालों के मुकाबले जल्दी आएगा।
हाल ही गहलोत ने बजट को लेकर फिर बयान दिया था। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलवर के मालाखेड़ा में 19 दिसंबर को हुई सभा के दौरान उन्होंने 500 रुपए में सिलेंडर की घोषणा करते हुए कहा था कि अगले माह बजट आ जाएगा। तब से ये कयास और तेज हो गए थे कि इस बार का बजट जनवरी में आ सकता है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15वीं विधानसभा के 7वें सत्र की समाप्ति की मंगलवार को स्वीकृति दे दी। अब नया सत्र बुलाने के लिए सरकार राजभवन को फाइल भेजेगी।
15वीं विधानसभा के सातवें सत्र की समाप्ति पर राज्यपाल की मुहर
सरकार ने 2022 के विधानसभा के बजट सत्र के सत्रावसान के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से सर्कुलेशन के जरिए पास करके फाइल राजभवन भिजवाई थी। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को सत्रावसान की मंजूरी दे दी है।
अब सरकार नया सत्र बुलाने की फाइल राजभवन भेजेगी। विधि एवं संसदीय कार्य विभाग में इस पर काम चल रहा है। विभाग के सूत्रों के अनुसार जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह से बजट सत्र बुलाने की तैयारी है।
1 फरवरी को केंद्र और 23 फरवरी को राज्य का बजट पेश हुआ था
2022 में केंद्र सरकार का बजट 1 फरवरी को पेश हुआ था। राज्य सरकार ने 9 फरवरी को विधानसभा सत्र बुलाया था। इसके बाद 23 फरवरी को राज्य का बजट विधानसभा में पेश किया गया। इस हिसाब से अगर सरकार जनवरी के अंतिम सप्ताह में विधानसभा का सत्र बुलाती है तो केंद्र के बजट के बाद फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में बजट आ सकता है।
नेसार अहमद, निदेशक, बजट अध्ययन एवं अनुंसधान केंद्र (बार्क) जयपुर
एक्सपर्ट्स कहते हैं- केंद्र के बजट के बाद राज्य का बजट बनाने में रहती है आसानी
बजट को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि केंद्र का बजट आने के बाद राज्य का बजट आने से केंद्र की योजनाओं में बजट के प्रावधान और टैक्स कलेक्शन के आधार पर राज्य को मिलने वाले हिस्से का पता चल जाता है। इसके हिसाब से राज्य के बजट में नए प्रावधान और नई योजनाओं की घोषणा करना आसान रहता है।
बजट अध्ययन केंद्र के निदेशक नेसार अहमद का कहना है कि केंद्र का बजट जब सामने आ जाता है तो राज्य को अपना बजट बनाने में आसानी रहती है। केंद्र के बजट से यह पता चल जाता है कि केंद्र का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है या घटा है।
पिछले साल से अगर बढ़ा है तो स्टेट का शेयर भी बढ़कर मिलेगा। सेंट्रल स्पोंर्स्ड स्कीम्स में बजट बढ़ाया या घटाया। यह मुद्दा भी राज्य के बजट के लिए महत्व रखता है क्योंकि फिर राज्य को भी इन स्कीम्स में अपने हिस्से का उसी तरह से प्रावधान करना होता है।
जो केंद्र सरकार की योजनाएं हैं उनमें किसी स्कीम में केंद्र सरकार 100 प्रतिशत शेयर देती है। किसी में 60 तो किसी में 40 प्रतिशत पैसा केंद्र से राज्यों को मिलता है। अगर केंद्र सरकार इन स्कीम्स में कुछ घटाती-बढ़ाती है तो इसका राज्य के बजट पर असर पड़ता है। वैसे यह जरूरी नहीं कि केंद्र के बजट के बाद ही राज्य का बजट आए।
क्योंकि वैसे भी राज्य के वित्त विभाग के अफसर और केंद्र के वित्त मंत्रालय के अफसर आपस में बजट को लेकर कनेक्ट रहते हैं। ऐसा कोई नियम नहीं है कि केंद्र के बजट के बाद ही राज्य का बजट आए। फिर भी केंद्र के बजट के बाद राज्य का बजट आता है तो केंद्र से मिलने वाली हिस्सा राशि के हिसाब से बजट बनाने में पूरा अंदाजा हो जाता है।
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