उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की तालिबानी हत्या मामले में सस्पेंड एएसपी सहित तीन पुलिस अफसरों को 4 महीने बाद बहाल कर दिया गया है। राजस्थान सरकार में संयुक्त सचिव कार्मिक राजेंद्र सिंह कविया ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जांच में पाया गया कि एएसपी अशोक मीणा, डिप्टी जीतेंद्र आंचलिया और डिप्टी जनरैल सिंह मुस्तैदी के चलते ही आतंकी हत्यारे पकड़ में आ सके।
सूत्रों के अनुसार, जांच में माना गया है कि डिप्टी जीतेंद्र आंचलिया की ही सूचना पर आतंकी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को भीम देवगढ़ मार्ग पर दबोचा गया था। उन्होंने हत्या के बाद मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल के शव के पास हजारों की संख्या में जमा भीड़ को समझाइश कर शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया और मौके पर दंगा नहीं भड़कने दिया। वहीं, डिप्टी जरनैल सिंह को उदयपुर में पहली बार दी गई ड्यूटी का फायदा दिया गया है। बता दें कि लगातार धमकी मिलने के बाद भी कन्हैया की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज नहीं की थी। ऐसे में आतंकियों ने उसकी गला रेतकर हत्या कर दी थी।
सीआईडी सीबी के एएसपी डॉ. राजेश भारद्वाज पहले ही बहाल हो चुके हैं।
12 अफसर-कर्मचारियों पर चल रही जांच
सीआईडी सीबी के एएसपी डॉ. राजेश भारद्वाज पहले ही बहाल हो चुके हैं। 12 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच चल रही है। दरअसल, 28 जून को कन्हैयालाल साहू की हत्या के बाद पुलिस विभाग ने अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड किया था। 4 महीने तक चली विभागीय कार्रवाई के बाद इन्हें बहाल कर दिया। वहीं इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल जांच चल रही है। इसमें कई थानों के थानाधिकारी और विशेष शाखा के अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं।
दावा किया जा रहा है कि डिप्टी एसपी जीतेंद्र आंचलिया की ही सूचना पर आतंकी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को भीम देवगढ़ मार्ग पर दबोचा गया।
एडिशनल एसपी अशोक कुमार। इन्हें भी कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद सस्पेंड किया गया था।
डिप्टी जरनैल सिंह को उदयपुर में पहली बार दी गई ड्यूटी का फायदा दिया गया है।
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कैदी नंबर: 260नाम: रियाज
कैदी नंबर: 261नाम: गौस मोहम्मद
राजस्थान के अजमेर में हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कन्हैया लाल हत्याकांड के ये दोनों आरोपी अब भगत सिंह की बायोग्राफी पढ़ रहे हैं। अपने बीवी-बच्चों से मिलने के लिए रोज फूट-फूटकर रोते हैं, लेकिन आज तक परिवार का एक भी शख्स इनसे मिलने जेल में नहीं आया है।
रियाज और गौस के अलावा कन्हैया लाल हत्याकांड के बाकी 7 आरोपी भी इसी जेल में कैद हैं। उन्हें भी महापुरुषों की किताबें पढ़ने के लिए दी जा रही हैं (पूरी खबर पढ़ें)