नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। एक घंटे 40 मिनट के भाषण में मोदी विपक्ष पर काफी हमलावर नजर आए। विभाजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी (जवाहर लाल नेहरू) को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान की जमीन पर लकीर खींच दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार को कामों की इतनी जल्दी क्यों है? अगर पुरानी लीक पर चले होते तो अनुच्छेद 370 खत्म नहीं होता। शाम पांच बजे प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा- सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के पीछे अलोकतांत्रिक गतविधियों को छिपाया जा रहा है।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण: 7 पॉइंट
- मोदी ने कहा- जब तेलंगाना का फैसला हुआ तो सदन के दरवाजे बंद कर दिए गए। टीवी का टेलिकास्ट बंद कर दिया गया। वह प्रस्ताव कैसे पारित हुआ था, वह सबको याद है।
- सांसद वाइको जी ने कहा- 5 अगस्त 2019 कश्मीर के लिए काला दिन है। यह ब्लैक डे नहीं आतंक और अलगाव को बढ़ावा देने के लिए ब्लैक डे साबित हो चुका है।
- आजाद साहब कह रहे हैं कि नॉर्थईस्ट जल रहा है। अगर जलता होता तो आपने अपने सांसदों का दल वहां भेजा होता और वहां की फोटो भी निकलवा दी होती।
- नए नागरिकता कानून पर लोगों को डराने के बजाए सही सूचना देने की जरूरत है। सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के पीछे अलोकतांत्रिक गतिविधियों को छिपाया जा रहा है।
- विपक्ष के कई सदस्य आजकल बेहद ऊर्जावान हैं। जो साइलेंट (खामोश) रहते थे, वे वॉइलेंट (उग्र) हो गए हैं।
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जनगणना और एनपीआर सामान्य प्रक्रिया है। अब एनपीआर लाने वाले ही वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते भ्रम फैला रहे हैं।
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विपक्ष के विरोध पर मोदी ने कहा- जाकि रहि भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन देखहीं तैसी।
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गुलाम नबी आजाद ने कहा- पूरे विपक्ष की तरफ मैं कहना चाहता हूं कि हममें से कोई भी पाकिस्तान या बांग्लादेश या अफगानिस्तान से हिंदुओं के आने के खिलाफ नहीं हैं।
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण: 11 पॉइंट
1. नेहरू पर आरोप
प्रधानमंत्री बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है, इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर एक लकीर खींच दी गई। लाखों हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार हुए।
2. पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता
सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। हम पहले के तरीके से चलते तो शायद 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती। राम जन्मभूमि विवादों में रहती।
लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा सांसदों की पत्नियां भी मौजूद थीं। इन्हें स्पीकर ओम बिड़ला ने विशेष रूप से आमंत्रित किया था। ‘कमल सखी क्लब’ के तहत ये कई सामाजिक गतिविधियां चलाती हैं।
3. कांग्रेस की कार्यशैली
अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता। फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता।
4. पूर्वोत्तर का विकास
पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था, लेकिन सुबह नहीं होती थी। हमारे मंत्री वहां गए, लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गईं। समझौते में लिखा है बोडो की कोई मांग बाकी नहीं है।
5. भ्रष्टाचार
पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था। उसे पूरा भी किया। आज मुद्दा वित्तीय घाटा और महंगाई बनी हुई है।
6. राहुल के बयान पर जवाब
कल एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले 6 महीने में ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके।
7. बंगाल-कश्मीर के हालात
अधीरजी (कांग्रेस नेता) बंगाल में क्या चल रहा है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दें तो आपको तकलीफ होगी। कांग्रेस के वक्त संविधान की क्या स्थिति थी। 19 जनवरी 1990 को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।
8. संविधान
कांग्रेस का मंत्र होना चाहिए- संविधान बचाओ। आपको इसे दिन में 100 बार बोलना चाहिए। आपातकाल के दौरान आपको संविधान याद नहीं आया था। कांग्रेस अगर संविधान का महत्व समझती तो ऐसी हालत ऐसी न होती।
9. सीएए
कुछ लोग बोल रहे हैं कि सीएए लाने की जल्दी क्या थी। सरकार भेदभाव कर रही है। ये वे लोग हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। दुखद है कि कुछ लोग पाकिस्तान के रवैये पर भरोसा कर रहे।
10. सिख दंगे
सीएए से भारत में किसी भी अल्पसंख्यक को कोई परेशानी नहीं होगी। क्या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं। क्या वहां रहने वाले हमारे सिख भाई अल्पसंख्यक नहीं थे। आपने दंगा भड़काने के आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया।
11. कविता और शेर सुनाया
मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक शायर ने कहा है- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, आप छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।