शिक्षा सत्र के दौरान तबादलों से बिगड़ा स्कूलों का समीकरण, गांवों में रोज तालाबंदी
कोरोना के बाद स्कूलों में फिर से बच्चों का शिक्षण कार्य शुरू हो गया है। लेकिन बिगड़ी व्यवस्था के चलते ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के 16 हजार सीनियर सेकंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल के 44 फीसदी और व्याख्याता व सेकंड ग्रेड शिक्षकों के 21 फीसदी पद खाली चल रहे हैं। उधर, बोर्ड परीक्षाओं के बाद बीच सत्र में ही प्रिंसिपल से लेकर सेकंड ग्रेड तक करीब 10 हजार शिक्षकों के तबादले कर दिए गए।
इससे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षक छात्र-अनुपात गड़बड़ा गया है। वहीं कई शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में डेपुटेशन पर चल रहे हैं। मजबूर होकर छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। शिक्षकों के रिक्त पद भी नए सत्र में ही भर पाएंगे। प्रिंसिपल पदों पर सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है। सभी पद प्रमोशन से ही भरे जाने हैं। लेकिन अभी तक 2022-23 डीपीसी नहीं हो पाई है। वही सेकंड ग्रेड और व्याख्याताओं की डीपीसी भी दो साल से अटकी पड़ी है। व्याख्याताओं की नई भर्ती अक्टूबर और सेकंड ग्रेड की दिसंबर में प्रस्तावित है। नई भर्ती परीक्षा के बाद काउंसलिंग और पोस्टिंग में करीब 5 से 6 महीने का समय लगना तय है। ऐसे में बच्चों को शिक्षक अब नए सत्र में ही मिल पाएंगे।
इंग्लिश मीडियम स्कूलों को इंटरव्यू के बाद भी नहीं मिले व्याख्याता
चार साल पहले शिक्षा सत्र 2019-20 में राज्य के जिला मुख्यालयों पर शुरू किए गए 33 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की 11वीं कक्षा में प्रवेशित साइंस विषय के विद्यार्थियों को एक महीने बाद भी व्याख्याता नहीं मिल पाए हैं। इन स्कूलों में 132 व्याख्याता पदों पर पोस्टिंग के लिए पिछले महीने दो चरणों में साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग ने पोस्टिंग आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
प्रदेश के स्कूलों में पदों का गणित
प्रिंसिपल
स्वीकृत 15376
कार्यरत 8611
रिक्त 6765
व्याख्याता
स्वीकृत 53881
कार्यरत 42242
रिक्त 11639
वरिष्ठ अध्यापक
स्वीकृत 75199
कार्यरत 59212
रिक्त 15987
अब कक्कू के स्कूल में तालाबंदी, रास्ता जाम किया, केवल 6 शिक्षकों के भराेसे 942 स्टूडेंट्स, गांवों की 50 से अधिक स्कूलों में ऐसे ही हालात
45 किमी पैदल चलने से बच्चों के पैरों में छाले, बीमार पड़ गए, तब जाकर मिले सोढ़वाली स्कूल में 6 शिक्षक
बीकानेर/कक्कू | लूणकरणसर के सोढ़वाली के बाद नाेखा ब्लाॅक के कक्कू गांव के स्टूडेंट्स ने बुधवार काे तालाबंदी कर दी। शिक्षकाें के खाली पद भरने की मांग काे लेकर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया। हालत ये है कि स्कूल में 924 स्टूडेंट्स पर मात्र छह शिक्षक हैं। प्राचार्य तक नहीं है। कक्कू के अलावा काेलायत के चानी, श्रीडूंगरगढ़ के आडसर, बज्जू के भूलेरी, पूगल, खाजूवाला के 50 से अधिक गांवाें में ऐसे ही हालात हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलाें में शिक्षक नहीं हाेने से बच्चाें की पढ़ाई नहीं हाे पा रही है।
उधर शिक्षा विभाग ने साेढ़वाली गांव में प्राचार्य, हैडमास्टर सहित छह शिक्षकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं। उपखंड अधिकारी, जिला शिक्षाधिकारी ने बुधवार काे बीछवाल पहुंचकर बीच रास्ते में ही स्टूडेंट्स अाैर ग्रामीणाें काे नियुक्त के आदेश साैंपे तथा आंदोलन खत्म करने काे लेकर दाेनाें के बीच समझाैता हुआ। बच्चाें ने कहा कि शिक्षकों के ज्वॉइन करने पर ही स्कूल का ताला खाेला जाएगा। सत्र के बीच में किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं हाेगा।
रिक्त सभी पद भरे जाएंगे। भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने मध्यस्थता की। डीईओ सुरेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि स्कूल में प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के साथ ही दो टीचर्स का डेपुटेशन कर दिया गया है, जबकि दो अन्य टीचर्स जो यहां से अन्यत्र डेपुटेशन चल रहे थे, उन्हें भी वापस सोढ़वाली लगाया गया है। इन छह टीचर्स के बाद भी स्कूल में सात शिक्षकों के पद रिक्त है। गौरतलब है कि शिक्षकों की मांग काे लेकर साेढ़वाली स्कूल के 150 छात्र-छात्राओं ने मंगलवार सुबह बीकानेर के लिए कूच किया था। करीब 45 किमी पैदल खारा पहुंचने के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली और शिक्षकों के पदस्थापन आदेश जारी किए गए।