बूंदी. सदर थाने के संगावदा में 'जेड प्लस' जैसी सुरक्षा में दलित दूल्हे की घोड़ी पर बिंदौरी निकली। दूल्हा सरकारी शिक्षक है। बिंदौरी की सुरक्षा में डीएसपी समेत 4 थानों के 80 पुलिसवाले लगाए गए थे। प्रशासन की ओर से बूंदी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी भी मौजूद रहे। दूल्हे के परिवार को गांववालों द्वारा बिंदौरी के विरोध की आशंका थी। इसकी शिकायत शिक्षक दूल्हे परशुराम मेघवाल ने एसपी, कलेक्टर से की थी। परशुराम अभी जावरा गांव के स्कूल में थर्ड ग्रेड शिक्षक हैं। शांति से बिंदौरी निकलने के बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।
शिक्षक परशुराम ने कलेक्टर-एसपी को शिकायत दी थी कि उसकी बिंदौरी निकाले जाने के दौरान बाधा डाली जा सकती है। सोमवार को सुबह 11:30 बजे बिंदौरी निकाली गई, जो गांव के मोहल्लों से गुजरी। मंदिरों में दर्शन करने के बाद दोपहर 2 बजे लौटी। बिंदौरी के दौरान शांति रही, कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। परशुराम जावरा में शिक्षक हैं। शादी मंगलवार को अंता में होगी। सोमवार को मंडप-बिंदौरी का कार्यक्रम था, जो शांतिपूर्वक निपट गया।
क्या है बिंदौरी
बिंदौरी राजस्थान में शादी से पहले होने वाली एक रस्म है। जिसमें दूल्हे या दूल्हन काे कुछ दूर तक ले जाया जाता है और नगर की परिक्रमा निकाली जाती है, जो कि लगभग बारात जैसी होती है।
गांव वाले बोले- बेवजह गांव को कर रहे बदनाम
गांववालों का कहना है कि बिंदौरी निकालने पर हमें कोई ऐतराज न पहले था, न अब है। ऐसी हरकतों से बेवजह गांव बदनाम होता है। सरपंच पति श्यामलाल गुर्जर का कहना था पूर्व सरपंच रामचंद्र मेघवाल बेवजह राजनीति कर रहे हैं। गांव वालों का कहना था कि बेवजह मामले को तूल दिया गया। गांव के सारे मंदिर, सब जातियों के लिए खुले हैं। हमें तो सुबह तब पता चला, जब पुलिस आई। हमें कहते तो हम परिवार की मदद और करते। दो साल पहले भी ऐसा ही हुआ था।