गंदा पानी पीने से 119 लोग बीमार हो गए। हाल ये हो गया कि 22 बेड वाले हॉस्पिटल में एक साथ मरीज पहुंचे तो नर्सिंग स्टाफ की सांसें फूल गई। हॉस्पिटल में मरीजों का मंगलवार रात 12 बजे आना शुरू हुआ और बुधवार दोपहर तक 26 मरीज भर्ती किए गए। दो दिन में 48 मरीज हॉस्पिटल पहुंचे। 65 मरीजों का गांव में इलाज चल रहा है। मामला करौली जिले के सिमारा गांव की बैरवा बस्ती का है।
एक दिन पहले 6 मरीजों को मंडरायल के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जहां से एक गंभीर को करौली और करणपुर से 3 साल के शिवम, 8 साल के अंशुल, 7 साल की अंजू कुमारी को करौली के जिला हॉस्पिटल रेफर किया। मरीजों में 43 महिलाएं, 37 पुरुष और 39 बच्चे बीमार हुए हैं।
22 बेड के अस्पताल में एक साथ इतने लोगों के पहुंचने से नर्सिंग स्टाफ की सांसें फूल गई।
बुधवार को CMHO के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम गांव पहुंची और कुएं के पानी के सैंपल लिए, साथ ही मरीजों को घर-घर जांच कर दवाइयां दी। कुएं का गंदा पानी पीने या खराब तरबूज खाने से फूड पॉइजनिंग होने का अंदेशा जताया जा रहा है। पानी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं।
पानी के सैंपल के लिए कुएं से पानी निकाला तो उसमें कीड़े तैरते मिले। कुएं की कभी सफाई नहीं हुई है।
गांव के पूर्व सरपंच बद्री बैरवा ने बताया कि सिमारा गांव में तीन दिन पहले तरबूज बेचने वाला आया था। गांव के अधिकांश लोगों ने ये तरबूज खरीदे थे। ये तरबूज खराब बताए जा रहे हैं। पूरे गांव के लोग एक ही कुएं से पानी पीते हैं। इसके लिए लोगों ने कुएं में निजी मोटर डालकर घर-घर कनेक्शन ले रखे हैं। कुएं की कभी सफाई नहीं हुई।
एक बेड पर 3 से 6 बच्चे
बताया यह भी जा रहा है कि 4 महीने पहले एएनएम ने ब्लीचिंग पाउडर डाला था। करौली सीएमएचओ ने कुएं से सैंपलिंग के लिए पानी निकलवाया तो इसमें जिंदा कीड़े तैरते नजर आए। कुएं में गंदगी देखकर नाराजगी जताई। अस्पताल के सभी वार्ड फुल हो गए, जिस मरीज को जहां जगह मिली, वहीं ड्रीप चढ़ाकर इलाज किया गया। एक-एक बेड पर तीन से 6 बच्चों का इलाज किया गया।
कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डाला था
CMHO दिनेश चंद मीना ने बताया कि सिमारा गांव से पानी के सैंपल लिए हैं। खुले कुंओं में ब्लीचिंग पाउडर डाल दिया है। मरीज ठीक नहीं होने तक चिकित्सा टीम गांव में ही रहेगी। कुएं के पानी में कीड़े मिले हैं। जांच के लिए पानी के सैंपल भेजे जाएंगे।