नावां MLA महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी ने ही बाहर से शूटर बुला नमक कारोबारी और भाजपा नेता जयपाल पूनिया की हत्या करवाई थी। इस मर्डर की प्लानिंग पहले ही तैयार कर ली गई थी। इसके बाद मोती सिंह ने अपने 11 साथियों के साथ मिलकर कारोबारी जयपाल पुनिया की रैकी भी की। फायरिंग के बाद जब पूनिया को जयपुर रेफर किया गया, तो भी मोती सिंह ने उसका पीछा किया था। वह जानना चाह रहा था कि जयपाल जिंदा है या फिर मर गया। पुलिस जांच में इन बातों के सामने आने के बाद मंगलवार देर रात नावां MLA महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं वारदात में शामिल 6 आरोपी अभी फरार हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। पकड़ा गया एक अन्य आरोपी भी MLA महेंद्र चौधरी के बहनोई का भाई है।
नमक कारोबारी जयपाल पूनिया के मर्डर का मुख्य आरोपी है मोती सिंह चौधरी, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। (नावां में घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन।)
पुलिस जांच में मर्डर में नावां MLA महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी का लिंक आते ही उसे दूसरे दिन ही हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद मंगलवार देर रात जयपुर से पहले आंदोलन कर रहे लोगों व सरकार के बीच सहमति बनने के बाद पुलिस ने कांग्रेस MLA महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी (62) पुत्र हनुमान सिंह निवासी नावां, कुलदीप सिंह (48) पुत्र रतन सिंह निवासी पवेरा तहसील नांगल चौधरी हरियाणा, फिरोज कायमखानी(42) पुत्र भंवरू खां निवासी नावां, हनुमान माली (50) पुत्र किशनाराम निवासी मथानिया और हारून कायमखानी (40) पुत्र गफूर खान निवासी नावां को गिरफ्तार करने की जानकारी दे दी।
कुचामन CO संजीव कटेवा ने बताया कि नमक कारोबारी और भाजपा नेता जयपाल पूनिया का मर्डर मोती सिंह ने शूटर बुलाकर करवाया था। फिलहाल पकडे गए सभी पांचों आरोपी मर्डर की प्लानिंग और रेकी में शामिल थे। अभी 6 आरोपी फरार है। उनकी भूमिका और पहचान अंडर इन्वेस्टिगेशन है।
नमक कारोबारी और भाजपा नेता जयपाल पूनिया को शनिवार दोपहर शूटर्स ने गोली मार दी थी। तब वे कार में थे। लोगों ने उन्हें अस्पताल भिजवाया। जयपुर ले जाते वक्त पूनिया ने दम तोड़ दिया।
वर्चस्व की लड़ाई बनी मर्डर की वजह
जयपाल पूनिया हत्याकांड की जड़ में दोनों के बीच रुपयों का लेनदेन और नावां की नमक झील के क्षेत्र में वर्चस्व और अकूत अवैध कमाई है। आरोपी मोती सिंह और जयपाल पूनिया के बीच वर्चस्व की ये लड़ाई लम्बे समय से चली आ रही थी। यहां की सरकारी जमीनों व सांभर साल्ट कंपनी की जमीन में बोरिंग और कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच कई बार विवाद हो चुके थे। लेनदेन को लेकर भी कई मुकदमे दर्ज हुए थे। ये लड़ाई राजनैतिक रूप भी ले चुकी थी।
बताया जा रहा है कि नावां की नमक झील के क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर जयपाल पूनिया और मोती सिंह चौधरी के बीच रंजिश थी।
देर रात सहमति बनी, SIT का हुआ गठन
इस मामले को लेकर नावां में धरने के तीसरे दिन नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कड़े तेवर दिखाए थे। उन्होंने BJP नेताओं और अपने समर्थकों के साथ जयपुर कूच किया था। उन्होंने सीएम आवास घेरने की चेतावनी भी दी थी। जब उनका काफिला बगरू पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। बगरू के पास महला में जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा , DCP जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सहित बड़े अधिकारी वार्ता करने पहुंचे। यहां मृतक कारोबारी जयपाल पूनिया के परिजनों के प्रतिनिधि, सांसद बेनीवाल, RLP-BJP के नेता और पुलिस कमिश्नर की वार्ता हुई। वहीं DG से फोन पर समझौता वार्ता हुई।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भाजपा नेता व पूनिया के परिजनों के प्रतिनिधि मंडल से कल रात जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बात की, सहमति बनाकर एसआईटी के गठन की बात कही।
पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने प्रेस के समक्ष मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश के नेतृत्व में SIT गठन करने व 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी। इसके बाद सांसद बेनीवाल ने कहा की आंदोलन को समाप्त नहीं किया जा रहा है, केवल स्थगित किया जा रहा है। अगर परिजनों की मंशा के अनुरूप प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो फिर से आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। वहीं SDM व दोषी पुलिस अधिकारियों को हटाने सहित अन्य मांगों पर सरकार ने सहमति नहीं दी तो RLP व BJP विधायकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा।