एक गले से म्यूजिकल साउंड निकालता है और दूसरा बांसुरी की धुन पर सभी को नाचने पर मजबूर करता है। इस जोड़ी ने टीवी इंडस्ट्री को एक नया फ्यूजन दिया है। इसके बाद इनकी सीधी एंट्री बॉलीवुड में हो चुकी है।
यह जीत के बाद दिव्यांश और मनुराज ने अपना पहला इंटरव्यू दैनिक भास्कर को दिया है। पेश है दोनों हुनरबाजों से पूरी बातचीत.....
मनुराज(दाएं) जहां पूरे शास्त्रीय संगीत में ढले और गुरुकुल पद्धति से तैयार हुए हैं तो वहीं दिव्यांश(बाएं) गले से एक अलग तरह का साउंड निकालते हैं।
सवाल. दिव्यांश शो शुरू होने से पहले आपकी जोड़ी कैसी थी और बाद में क्या हुआ ?
जवाब. मेरी जोड़ी पहले एक आरजे के साथ थी, लेकिन एन ऑडिशन से पहले उनकी तबियत खराब हो गई और उन्होंने बेक आउट कर लिया। पहले से मनुराज भैया को सुन रखा था तो उनसे बात की और साथ में जेम करने की बात हुई। टेस्ट किया तो बहुत शानदार साउंड आया। बस यहीं से साथ आना तय हो गया।
सवाल. बीट बॉक्सिंग आपने कहीं से सीखा है या ये नेचुरल है?
जवाब. नहीं, मैंने खुद से ही बीट बॉक्सिंग सीखा है। यूट्यूब पर लगातार कई वीडियो देखे। हां, ये नेचुरल ही थी। 13 साल में मैंने ये स्टार्ट कर लिया था। खुद की अलग स्टाइल बनाई। दावे से कह सकता हूं कि ये पूरी दुनिया में इकलौती स्टाइल है।
भरतपुर के मनुराज बांसुरी की धुन पर सभी को नाचने पर मजबूर कर देते है।
सवाल. मनुराज, आप जोड़ी को लेकर कितना श्योर थे कि ये जोड़ी फिनाले जीत लेगी ?
जवाब. दिव्यांश को मिलने से पहले मुझे ये पता ही नहीं था कि कोई गले से भी म्यूजिक साउंड कर सकता है। इसके अलावा जब वेस्टर्न और फोक के मिक्स म्यूजिक से जो साउंड आया वो जबरदस्त था। कॉन्फिडेंस मिल गया था कि एक बार ऑडिशन क्लियर करके अपनी आवाज लोगों तक पहुंचाएंगे। बिलकुल नया प्रयोग था। बॉलीवुड और क्लासिकल के साथ ही म्यूजिक के हर लेवल तक हम पहुंचे हैं। इसलिए, यह लोगों को पसंद भी आया।
सवाल.दोनों की एज में 6 साल का गेप है तो सोच और विचारों का भी फर्क रहा होगा ?
जवाब. म्यूजिक में उम्र की तो सीमा ही नहीं होती है। जब दिव्यांश ने गले से बजाना शुरू किया तो दिव्यांश की सोच और टैलेंट से परिचय हो गया। दोनों के रहन-सहन में जरूर फर्क है क्योंकि मैं गुरुकुल कल्चर से हूं और दिव्यांश एक अलग कल्चर से। टीवी पर इस जोड़ी को पूरब-पश्चिम की जोड़ी का नाम दिया, लेकिन हम परफॉर्म करते रहे।
टीवी पर दिव्यांश- मनुराज की जोड़ी को पूरब-पश्चिम की जोड़ी का नाम दिया गया।
सवाल. पहले जोड़ीदार छूटा, फिर शो जीता और अब फिल्म भी मिल गई। सब कुछ जल्दी से मिल गया.. इस जर्नी को कैसे देखते हैं?
जवाब. हां, रोहित शेट्टी की सर्कस फिल्म में काम ऑफर हुआ है। हमारे म्यूजिक मेंटर आनंद सर का मार्गदर्शन काम आया। वो कहते थे कि तुम्हारी जोड़ी पर हनुमान जी बैठे हैं। हम भी मानते हैं कि भगवान के आशीर्वाद से ही हमारी किस्मत ने काम किया। शो से पहले कभी साथ काम नहीं किया था। इसके बाद परफॉर्म किया तो ऐसा लगा कि हम कई सालों से एक-दूसरे को जानते हों। इसी का नतीजा है हमें ट्रॉफी मिली।
सवाल. शो में काफी टैलेंटेड पार्टिसिपेंट्स थे, उन्हें देखकर जीत को लेकर क्या ख्याल रहे थे ?
जवाब. दिव्यांश बोले- हमने कभी इसे कॉम्पिटिशन माना ही नहीं। यह तय कर लिया था कि हमें शो जीतना है और हर परफॉर्मेंस के बाद अगली परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना है। मनुराज ने कहा- संगीत तो मंदिर से आया है, ये तो पूजा है। हम तो इसे कॉम्पिटिशन मानते ही नहीं थे। लोगों से हमें प्यार मिला और हम जीत गए।
शो की जज किरण खेर के साथ परफॉर्मेंस देते हुए दिव्यांश।
सवाल. किसी जज का ऐसा कमेंट जो टर्निंग पॉइंट बना हो ?
जवाब.किरण खेर का एक कमेंट बहुत मोटिवेट करने वाला था। फिनाले से पहले की परफॉर्मेंस पर उन्होंने कहा था कि ये विनर्स परफॉर्मेंस है। उन्होंने हमसे जीत का वादा मांगा और हमने पूरा किया। उनसे मां वाला प्यार मिला। दूसरे जज मनोज मुंतशिर ने हमें कहा था कि तुम पागल हो और पागल लोग इतिहास लिखते हैं और काबिल लोग इतिहास पढ़ते हैं।
सवाल. शो जीतने के बाद जोड़ी कंटिन्यू कैसे होगी ?
जवाब. शो जीतने के बाद हमने एक दिन पहले ही पुणे में साथ में लाइव शो किया है। अगले 6 महीने तक हमारे कई सारे लाइव शो है। दुनिया भर में हमारी परफॉर्मेंस होनी है। साथ में एल्बम भी कर रहे हैं। ये जोड़ी हमने नहीं, रब ने बनाई है तो अब ये लगातार चलेगी। ये म्यूजिक की शादी का संगम है। दिव्यांश बोले- मैंने कहीं से कुछ सीखा नहीं था। मनुराज भैया से उसे काफी कुछ सीखने को मिला है। । मनुराज ने कहा- बड़ा आर्टिस्ट होने के बावजूद कोई पहचान नहीं थी। अब हमें पहचान मिली है।
बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन के साथ दिव्यांश।